होली के जश्न पर कट्टरपंथियों का साया; झारखंड, पंजाब और पश्चिम बंगाल में भड़की हिंसा

बीजेपी ने TMC नेता पर हिंदुओं पर हमला करेन का आरोप लगाया है

पश्चिम बंगाल में कट्टरपंथियों ने मंदिर में तोड़ी मूर्ति

पश्चिम बंगाल में कट्टरपंथियों ने मंदिर में तोड़ी मूर्ति

सौहार्दपूर्ण वातावरण में हिंदू त्यौहार मनाना अब शायद एक सपना ही बन जाएगा। जो त्यौहार कभी मेल-मिलाप का जरिया होते थे अब वे कट्टरपंथी मानसिकता के लोगों के लिए विवाद का मौका बनते जा रहे हैं। होली के मौके पर उम्मीद थी कि सब सकुशल हो जाएगा लेकिन कट्टरपंथियों ने ऐसा भी नहीं होने दिया। पंजाब, झारखंड और पश्चिम बंगाल में कट्टरपंथियों को हर्षोल्लास से होली मनाया जाना पसंद नहीं आया। कहीं पथराव किया गया तो कहीं दुकानों और गाड़ियों में आग लगा दी गई। पश्चिम बंगाल में तो मंदिर के भीतर घुसकर मूर्तियों तक को तोड़ दिया गया। यह मामला मानसिकता का तो है ही लेकिन कानून-व्यवस्था जिन सरकारों की ज़िम्मेदारी है वो भी कट्टरपंथियों के खिलाफ कितनी कड़ी कार्रवाई कर रही हैं ये भी एक बड़ा सवाल है।

झारखंड में पथराव और आगजनी

झारखंड के गिरिडीह जिले के घोरथंबा इलाके में शुक्रवार (14 मार्च 2025) को होली के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विवाद तब शुरू हुआ जब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस को उस रास्ते से निकाले जाने पर आपत्ति जताई थी और इससे दोनों पक्षों के बीच कहासुनी होने लगी। देखते ही देखते इस बहस ने उग्र रूप ले लिया और पथराव शुरू हो गया। इस झड़प में कई लोग घायल हो गए हैं। जब हालात बिगड़े तो भीड़ द्वारा कई दुकानें जला दी गईं और बाइक-कार सहित कई वाहनों में भी आग लगा दी गई।

इस घटना को लेकर गिरिडीह के SP डॉक्टर बिमल ने कहा है, “होली खेलते समय विवाद की बात सामने आई है। लोगों को चिह्नित किया जा रहा है और चिह्नित करने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

पंजाब में पथराव

पंजाब के लुधियाना में बिहारी कॉलोनी में शुक्रवार (14 मार्च) को मस्जिद के पास पथराव हुआ और इसके बाद दो समूहों में झड़प हो गई। रिपोर्ट्स की मानें तो इस पत्थरबाज़ी में 10 लोग घायल हो गए हैं। जबकि पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। झड़प के दौरान दोनों पक्षों में ईंट-पत्थर चले हैं और इस दौरान बोतलें भी फेंकी गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस झड़प के दौरान कुछ गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की गई है। यह झड़प होली समारोह के दौरान डीजे बजाने को लेकर शुरू हुई थी और देखते-देखते दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर ईंट, पत्थर मारने शुरू कर दिए

इस मामले को लेकर लुधियाना के ADCP PS विर्क ने कहा, “आज होली का त्यौहार है और एक तरफ मस्जिद है जबकि दूसरी तरफ प्रवासी रहते हैं और वे डीजे बजा रहे थे।” विर्क ने कहा, “मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच कहासुनी हो गई और उन्होंने एक-दूसरे पर पत्थर भी फेंके हैं। पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति नियंत्रण में है।” बकौल विर्क, FIR दर्ज कर कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस CCTV भी चेक कर रही है।

पश्चिम बंगाल में हिंसा, तोड़ी गई मूर्ति

पश्चिम बंगाल में भी होली के मौके पर हिंसा की खबरें सामने आई हैं। बीरभूम के सैथिया में दो गुटों के बीच एक मौखिक विवाद के कारण झगड़ा हुआ और दोनों समूहों के बीच हाथापाई व पत्थरबाज़ी का मामला सामने आया है। इसके चलते सैंथिया और 5 ग्राम पंचायतों तथा उसके आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवा सस्पेंड कर दी गई है। वहीं, 14 मार्च को नंदीग्राम में मंदिर के भीतर मूर्ति तोड़े जाने का मामला सामने आया है। इस मामलों में बीजेपी ने आरोप लगाया है कि पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है

‘बांग्लादेश बन रहा बंगाल’

बीजेपी की IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने बंगाल में हुई इन घटनाओं से जुड़े वीडियो और फोटो ‘X’ पर शेयर किए हैं। मालवीय ने लिखा, “ममता बनर्जी के शासन में पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश जैसा होता जा रहा है।” बीरभूम की घटना को लेकर उन्होंने लिखा, “नानूर विधानसभा क्षेत्र के किरनाहर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले अनईपुर गांव में डोल पूर्णिमा और होली के भव्य समारोह के दौरान एक हिंसक हमला हुआ।”

मालवीय ने TMC के नेताओं पर हमला करने का आरोप लगाते हुए लिखा, “इस हमले का नेतृत्व एक स्थानीय तृणमूल पंचायत सदस्य ने किया, जहां मुसलमानों ने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए हिंदुओं को निशाना बनाया और कहा कि ‘तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यह नारा लगाने की?’। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस की मौजूदगी के बावजूद हमले बढ़ते गए और हिंसा को रोकने के बजाय एजेंसियों ने कथित तौर पर हमलावरों को बचाया।” वहीं, मालवीय ने मूर्तियां तोड़े जाने की घटना से जुड़ा एक वीडियो भी शेयर किया है

जब देश के विभिन्न हिस्सों में होली जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक पर्व को कट्टरपंथी ताकतें हिंसा का शिकार बना रही हैं तो राज्य सरकारें आखिर क्यों खामोश बैठी हुई हैं? झारखंड, पंजाब और पश्चिम बंगाल में हुई घटनाओं में प्रशासन की विफलता और कानून-व्यवस्था पर उसकी कमजोर पकड़ दिखाई दे रही है। कब तक राज्य सरकारें अपने दायित्व से मुंह मोड़ती रहेंगी? जब तक कानून-व्यवस्था को पूरी कठोरता से लागू नहीं किया जाएगा और ऐसी घटना के दोषियों को सजा नहीं मिलेगी तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी और ‘सौहार्दपूर्ण वातावरण में हिंदू त्योहार मनाना’ एक सपना ही बन जाएगा।

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