भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों ब्रिटेन और आयरलैंड की छह दिवसीय यात्रा पर हैं। मंगलवार को वे ब्रिटेन पहुंचे और प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात की। हालांकि, इस दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में गंभीर चूक हुई, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या लंदन अब विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम है? इस घटना पर भारत सरकार ने भी कड़ा ऐतराज जताया है और भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस सुरक्षा उल्लंघन की कड़ी निंदा की है। मंत्रालय ने ब्रिटेन में बढ़ते अलगाववादी और उग्रवादी तत्वों द्वारा लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की ओर भी इशारा किया है।
यह सुरक्षा चूक कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि यह ब्रिटेन में बढ़ते खतरनाक पैटर्न का हिस्सा है। लंदन अब ऐसे कट्टरपंथी तत्वों की शरणस्थली बनता जा रहा है, जो वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। हाल ही में सामने आए मामलों से यह स्पष्ट हो जाता है। उदाहरण के लिए, मिन्ह फाम नामक व्यक्ति, जिसे ब्रिटेन ने शरण दी थी, बाद में हीथ्रो एयरपोर्ट पर आत्मघाती बम धमाका करने की साजिश में दोषी पाया गया। फाम ने अधिकतम तबाही मचाने के लिए अपने विस्फोटक को चूहों के जहर में डुबोकर अमेरिकी और इजरायली यात्रियों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी।
इसके अलावा, लंदन स्थित ब्रिटिश चैरिटी ‘लबैक या ज़हरा’ (LYZ) की प्रमुख सय्यदा उम्मे फर्वा पर भी उग्रवादी गतिविधियों से जुड़े होने के आरोप लगे हैं। ईरान में उन्हें “जिहादी शेरनी” के रूप में सराहा गया, और जांच में पता चला कि उनके संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा दिया गया। इस चैरिटी के ईरानी शासन और उसके प्रॉक्सी संगठनों से संबंधों को लेकर ब्रिटिश अधिकारियों और चैरिटी कमीशन से तत्काल जांच की मांग उठ रही है।
ऐसे में इन घटनाओं को देखते हुए लगता है कि ब्रिटेन की लचर नीतियां उग्रवादी विचारधारा को पनपने का मौका दे रही हैं। इसी कड़ी में विदेश मंत्री एस. जयशंकर की लंदन यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा में हुई चूक ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। दौरे के दौरान खालिस्तानी उग्रवादियों ने उनकी उपस्थिति में हंगामा किया और भारतीय तिरंगे का अपमान किया, जबकि ब्रिटिश पुलिस मूकदर्शक बनी रही। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए ब्रिटिश सरकार को उसकी कूटनीतिक जिम्मेदारियों की याद दिलाई।
भारत सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया
लंदन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर भारत सरकार ने गुरुवार को सख्त आपत्ति जताई। खालिस्तानी समर्थकों द्वारा की गई इस हरकत को सरकार ने ‘उकसाने वाली कार्रवाई’ करार देते हुए कड़ी निंदा की। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमने विदेश मंत्री की ब्रिटेन यात्रा के दौरान हुई सुरक्षा चूक के वीडियो देखे हैं। यह साफ तौर पर एक छोटे अलगाववादी और चरमपंथी गुट की सोची-समझी उकसावे की कोशिश थी, जिसे हम पूरी तरह खारिज करते हैं।”
भारत ने इस घटना पर ब्रिटेन की सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया और उन्हें उनकी कूटनीतिक जिम्मेदारियों की याद दिलाई। जायसवाल ने आगे कहा, “लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का इस तरह दुरुपयोग पूरी तरह अस्वीकार्य है। हमें उम्मीद है कि ब्रिटिश प्रशासन इस मामले में अपने दायित्वों का गंभीरता से पालन करेगा और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा।” भारत सरकार ने इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है और ब्रिटेन की आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है।
वायरल वीडियो
दरअसल, एस. जयशंकर इन दिनों अपनी छह दिवसीय ब्रिटेन और आयरलैंड यात्रा पर लंदन में हैं, जहां एक बेहद चिंताजनक घटना सामने आई है। बुधवार को खालिस्तानी समर्थकों ने अपनी कट्टरपंथी मानसिकता का परिचय देते हुए विदेश मंत्री पर हमले की कोशिश की। जब जयशंकर एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे, उसी दौरान Chatham House के बाहर खालिस्तानी उग्रवादियों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। यह वही स्थान है जहां महत्वपूर्ण वैश्विक चर्चाएं होती हैं, लेकिन इस बार इसे अराजकता फैलाने के लिए इस्तेमाल किया गया।
🚨 : Khalistani goons attempt to heckle India’s External Affairs Minister @DrSJaishankar in London while he was leaving in a car. A man can be seen trying to run towards him, tearing the Indian national flag in front of cops. Police seem helpless, as if ordered to not act. pic.twitter.com/zSYrqDgBRx
— THE SQUADRON (@THE_SQUADR0N) March 5, 2025
खालिस्तान समर्थकों ने भारत विरोधी नारे लगाते हुए माहौल को भड़काने का प्रयास किया। लेकिन जो दृश्य कैमरे में कैद हुआ, वह और भी निंदनीय था। वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक शख्स अचानक मंत्री की कार की तरफ दौड़ता है और भारतीय तिरंगे को अपमानित करने की कोशिश करता है। हालांकि, सुरक्षा कर्मियों की सतर्कता के चलते उसे तुरंत पकड़ लिया गया, जिससे एक बड़ी घटना टल गई।
यह पूरी घटना इस बात का प्रमाण है कि ब्रिटेन अब खालिस्तानी समर्थकों की शरणस्थली बन चुका है, जहां खुलेआम भारत विरोधी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। सवाल यह है कि ब्रिटिश प्रशासन कब तक ऐसे कट्टरपंथी तत्वों को नजरअंदाज करता रहेगा? क्या यह वही ब्रिटेन है जो दुनिया को कानून और लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने का दावा करता है?