दिल्ली की सत्ता में बैठकर एक दशक से अधिक समय तक राज करने वाली आम आदमी पार्टी सरकार पर भ्रष्टाचार करने के लगातार आरोप लगते रहे हैं। अब दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने पूर्व CM अरविंद केजरीवाल पर बड़ा हमला बोलते हुए स्कूल निर्माण में घोटाला करने का आरोप लगाया है। आशीष सूद ने कहा है कि केजरीवाल और सिसोदिया जितने क्लासरूम बनाने का दावा करते थे, उसका आधा निर्माण भी नहीं हुआ है। वहीं यह भी खुलासा किया कि ₹4 करोड़ की एक योजना के प्रचार में केजरीवाल सरकार ने ₹20 करोड़ रुपए खर्च कर दिए थे।
दरअसल, दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। इस दौरान शुक्रवार (28 मार्च, 2025) को दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने विधानसभा में कई आंकड़े रखे हैं। इन आंकड़ों ने एक बार फिर केजरीवाल सरकार की पोल खोल दी है। आशीष सूद ने कहा है कि केजरीवाल सरकार में बार-बार 20 हजार क्लासरूम बनाए जाने का दावा किया जाता था। लेकिन जब जांच कराई गई तो यह सब झूठ निकला।
दिल्ली सरकार के मंत्री सूद ने कहा कि जांच में सामने आया है कि केजरीवाल सरकार में सिर्फ 7 हजार क्लास रूम ही बनाए गए हैं। बाकी के जिन कमरों को क्लासरूम बताकर केजरीवाल सरकार अपनी पीठ थपथपाती थी वे असल में किचन, स्टोररूम और टॉयलेट समेत अन्य कामों के लिए बनाए गए कमरे थे। सूद ने कहा, “एक दिन तुम्हारे कर्म तुमसे मिलने आएंगे, बस उस दिन तुम हैरान मत होना।”
आशीष सूद ने कहा है कि उनकी सरकार में सिर्फ क्लासरूम को ही गिना जाएगा, बाथरूम और स्टोररूम को नहीं। केजरीवाल सरकार ने शौचालयों तक को बच्चों की पढ़ाई का कमरा बता दिया था। सूद ने यह भी कहा कि केजरीवाल सरकार में स्कूलों में ‘हैप्पीनेस करिकुलम’ नामक एक पाठ्क्रम जोड़ा गया था। इस पर सरकार द्वारा ₹4 करोड़ खर्च किए गए थे। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि केजरीवाल सरकार ने इस योजना के प्रचार पर 5 गुना अधिक यानी 20 करोड़ रुपए खर्च कर डाले।
उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल की सरकार के दौरान ‘देशभक्ति करिकुलम’ पर 49 लाख रुपए खर्च किए गए। लेकिन इसके प्रचार पर 11 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च किया गया।
बता दें कि इससे पहले केजरीवाल सरकार पर स्कूल के कमरों के निर्माण में हजारों करोड़ के घोटाले का आरोप लगा था। मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने स्कूल के कमरों के निर्माण के नाम पर 1300 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला किया है।
आरोप है कि केजरीवाल सरकार में उन एजेंसियों को भी पैसे दे दिए जिन्होंने कमरे बनाए ही नहीं। इसको लेकर दर्ज की गई शिकायत के बाद उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी भी राष्ट्रपति मुर्मू ने हाल ही में दे दी थी। अब इस मामले में आगे कार्रवाई होनी है।