TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

    मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

    जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

    जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

    अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

    अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

    किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

    किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अब देश में ही बनेगा पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट और उसका इंजन, पीएम मोदी ने की थी घोषणा

    रक्षा आत्मनिर्भरता की उड़ान: स्वदेशी इंजन के साथ तैयार होगा भारत का 5th Gen Fighter

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई

    जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई

    गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट सफल

    गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट सफल

    फ्लोरिडा हादसा: हरजिंदर सिंह की डंकी रूट एंट्री और खालिस्तान कार्ड का खुलासा

    फ्लोरिडा हादसा: हरजिंदर सिंह की डंकी रूट एंट्री और खालिस्तान कार्ड का खुलासा

    भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

    भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

    गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

    "ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी बहस"

    ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी थी यह बहस

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

    मेरा भी आरएसएस से संबंध है, जानें गृह मंत्री अमित शाह में क्यों कही यह बात

    जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

    जोधपुर में आरएसएस की बड़ी बैठक, बीजेपी के लिए क्यों मानी जा रही है खास

    अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

    अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

    किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

    किसी नेता को जेल से सरकार चलाने का हक नहीं, 130वें संशोधन पर बोले अमित शाह

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अब देश में ही बनेगा पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट और उसका इंजन, पीएम मोदी ने की थी घोषणा

    रक्षा आत्मनिर्भरता की उड़ान: स्वदेशी इंजन के साथ तैयार होगा भारत का 5th Gen Fighter

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई

    जबरन धर्मांतरण की फैक्ट्री: जानें पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों की दर्दनाक सच्चाई

    गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट सफल

    गगनयान की उड़ान की तैयारी: इसरो का पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट सफल

    फ्लोरिडा हादसा: हरजिंदर सिंह की डंकी रूट एंट्री और खालिस्तान कार्ड का खुलासा

    फ्लोरिडा हादसा: हरजिंदर सिंह की डंकी रूट एंट्री और खालिस्तान कार्ड का खुलासा

    भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

    भारत का अगला लक्ष्य स्पेस स्टेशन, पीएम मोदी ने किया अंतरिक्ष यात्री पूल का ऐलान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

    गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

    "ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी बहस"

    ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी थी यह बहस

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

वीरांगना अवंतीबाई लोधी: रणचंडी बन फिरंगियों पर बरसीं, कट गया हाथ, छूट गई तलवार लेकिन नहीं किया आत्मसमर्पण

माँ भारती के मान और स्वाभिमान की रक्षा में अमर हुईं, वीरांगना रानी अवंतीबाई की शौर्यगाथा युगों-युगों तक जीवंत रहेगी

himanshumishra द्वारा himanshumishra
20 March 2025
in इतिहास, चर्चित
वीरांगना रानी अवंतीबाई

वीरांगना रानी अवंतीबाई

Share on FacebookShare on X

आज वीरता, शौर्य और बलिदान की प्रतिमूर्ति वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी का बलिदान दिवस है। भारत के स्वाधीनता संग्राम में उनके अद्वितीय योगदान को भले ही वामपंथी इतिहासकारों ने नजरअंदाज किया हो, लेकिन भारत की माटी में आज भी उनकी गाथाएं गूंजती हैं। जिन ब्रिटिश आक्रांताओं के विरुद्ध उन्होंने अंतिम सांस तक संघर्ष किया, वही इतिहासकार उनकी वीरता को दबाने का प्रयास करते रहे। लेकिन राष्ट्रवादी चेतना से ओतप्रोत हर भारतवासी आज भी उनकी शौर्यगाथा को नमन करता है।

1857 की क्रांति में वीरांगना अवंतीबाई लोधी ने अंग्रेजों के विरुद्ध जो संघर्ष किया, वह झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से किसी भी तरह कम नहीं था। लेकिन जातिगत और वैचारिक पक्षपात के कारण उन्हें वह स्थान नहीं मिला, जिसकी वह अधिकारिणी थीं। इतिहास की पुस्तकों में उन्हें वह गौरवपूर्ण स्थान नहीं दिया गया, जो अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को मिला। फिर भी लोकगाथाओं और भारत माता के सपूतों के दिलों में उनका नाम अमर है।

संबंधितपोस्ट

इंदौर में लव जिहाद: ओवैस ने ‘अवि’ बनकर युवती को फंसाया, रेप किया, तीसरी मंजिल से कूदने पर किया मजबूर

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का कॉलेज घोटाला बेनकाब, हाईकोर्ट ने कहा, दो दशकों तक राजनीतिक संरक्षण से बचते रहे

भोपाल में यासीन मछली की रेव पार्टियाँ: 25 हजार में एंट्री, हिंदू लड़कियों को बनाया निशाना, रेप का मामला दर्ज

और लोड करें

वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जिन वीर-वीरांगनाओं ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, उनमें से कई को इतिहास में वह स्थान नहीं मिला, जिसकी वे हकदार थीं। लेकिन देश की मिट्टी में आज भी उनके बलिदान की गूंज सुनाई देती है, और उनका अदम्य साहस आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना हुआ है। ऐसी ही एक महान राष्ट्रनायिका थीं रामगढ़ की रानी अवंतीबाई लोधी, जिन्होंने न केवल अंग्रेजों की विस्तारवादी नीतियों का विरोध किया, बल्कि रणभूमि में अपनी शौर्यगाथा लिखते हुए सर्वोच्च बलिदान भी दिया।

16 अगस्त 1831 को जन्मी रानी अवंतीबाई लोधी केवल एक राजघराने की सदस्य भर नहीं थीं, बल्कि वे एक दृढ़प्रतिज्ञ और राष्ट्रभक्त योद्धा थीं। जब अंग्रेजों ने रामगढ़ रियासत को हड़पने की साजिश रची, राजा विक्रमजीत सिंह को मानसिक रूप से अयोग्य घोषित किया और उनके नाबालिग पुत्रों के नाम पर राज्य की बागडोर अपने हाथों में लेने की योजना बनाई, तब रानी ने इसे एक पल के लिए भी स्वीकार नहीं किया। अंग्रेजों ने कोर्ट ऑफ वार्ड्स के तहत रामगढ़ का प्रशासन अपने नियंत्रण में लेने के लिए शेख मोहम्मद और मोहम्मद अब्दुल्ला को नियुक्त किया, लेकिन रानी ने उन्हें राज्य की सीमा से बाहर निकालकर स्पष्ट कर दिया कि वे अपने स्वाभिमान और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।

1855 में राजा विक्रमजीत सिंह की मृत्यु के बाद, रानी अवंतीबाई ने अपने नाबालिग पुत्रों के संरक्षक के रूप में राज्य का कार्यभार संभाला और अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के खिलाफ खुला विद्रोह कर दिया। उन्होंने किसानों से अंग्रेजी हुकूमत के आदेशों को न मानने का आह्वान किया, जिससे उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता ने रामगढ़ को एक मजबूत शक्ति बना दिया, और वह अंग्रेजों की आंखों की किरकिरी बन गईं।

रानी अवंतीबाई की दूरदृष्टि और साहस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने एक बार राजा विक्रमजीत सिंह से कहा था कि उन्होंने स्वप्न में एक चील को उनका मुकुट ले जाते हुए देखा है। यह भविष्यवाणी सच साबित हुई, जब अंग्रेजों की साजिशों का संकट उनके राज्य पर मंडराने लगा। लेकिन जब राजा ने खुद को पूजा-पाठ में अधिक रुचि लेने की बात कही, तो रानी ने बिना किसी हिचक के स्वतंत्रता की लड़ाई का दायित्व स्वयं उठा लिया। उनका जीवन और बलिदान यह सिद्ध करता है कि जब मातृभूमि पर संकट आता है, तो एक नारी भी रणचंडी बनकर अपना सर्वस्व समर्पित करने को तैयार रहती है।

जब फिरंगियों से लड़ते हुए रणचंडी बनीं रानी 

मंडला (म.प्र.) के रामगढ़ राज्य की वीरांगना रानी अवंतीबाई ने एक दिन राजा विक्रमजीत सिंह से कहा कि उन्होंने स्वप्न में एक चील को उनका मुकुट ले जाते हुए देखा है, जिससे प्रतीत होता है कि कोई बड़ा संकट आने वाला है। राजा ने उत्तर दिया कि यह संकट अंग्रेजों की ओर से आ रहा है, परंतु अब उनकी रुचि राज्य संचालन से अधिक पूजापाठ में है, इसलिए उन्होंने रानी को ही यह दायित्व सौंपने का निर्णय लिया।

रानी अपने मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श कर ही रही थीं कि लार्ड डलहौजी का दूत एक पत्र लेकर आया, जिसमें कहा गया कि राजा के विक्षिप्त होने के कारण ब्रिटिश सरकार रामगढ़ की प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक अंग्रेज अधिकारी नियुक्त करना चाहती है। रानी समझ गईं कि उनके स्वप्न की चेतावनी साकार हो रही है। उन्होंने दूत को उत्तर दिया कि उनके पति पूर्णतः स्वस्थ हैं और वे स्वयं राजा की आज्ञा से शासन देख रही हैं, जब तक उनके पुत्र अमानसिंह और शेरसिंह बड़े नहीं हो जाते। इसलिए रामगढ़ में किसी अंग्रेज अधिकारी की आवश्यकता नहीं है।

परंतु डलहौजी पहले ही राज्य हड़पने का मन बना चुका था। उसने जबरन एक अंग्रेज अधिकारी नियुक्त कर दिया। इसी बीच राजा विक्रमजीत सिंह का देहांत हो गया, जिससे अब संपूर्ण जिम्मेदारी रानी के कंधों पर आ गई। वह भली-भांति समझ चुकी थीं कि अंग्रेजों से संघर्ष अब टाला नहीं जा सकता। उन्होंने आसपास के देशभक्त सामंतों और राजाओं से संपर्क स्थापित किया और कई वीर योद्धा उनके नेतृत्व में अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध के लिए तैयार हो गए।

1857 का क्रांतिकाल अपने चरम पर था। नाना साहब पेशवा के नेतृत्व में अंग्रेजों को देश से बाहर खदेड़ने के लिए व्यापक युद्ध की योजना बन रही थी। रामगढ़ भी इस महासंग्राम में शामिल होने के लिए तैयार था। क्रांति का प्रतीक लाल कमल और रोटी घर-घर भेजी जा रही थी। रानी ने भी इस बलिदान यज्ञ में स्वयं को समर्पित करने का संकल्प ले लिया। उनकी बढ़ती शक्ति को देखकर अंग्रेज सेनापति वाशिंगटन ने रामगढ़ पर आक्रमण कर दिया।

रानी ने धैर्य नहीं खोया और अपनी सेना के साथ खैरी गांव के निकट वाशिंगटन को घेर लिया। रानी के अद्भुत युद्ध कौशल और रणकौशल से अंग्रेज सैनिकों के पांव उखड़ने लगे। इसी दौरान वाशिंगटन स्वयं घोड़े पर सवार होकर रानी को पकड़ने के उद्देश्य से उनके सामने आ पहुंचा, लेकिन रानी ने अपने तीव्र तलवार प्रहार से उसके घोड़े की गर्दन काट दी, जिससे वाशिंगटन भूमि पर गिर पड़ा और अपने प्राणों की भीख मांगने लगा। रानी ने दयावश उसे छोड़ दिया, लेकिन अंग्रेजों का षड्यंत्र यहीं समाप्त नहीं हुआ।

1858 में वाशिंगटन पुनः अधिक बड़ी सेना और पर्याप्त रसद के साथ रामगढ़ पर चढ़ाई करने आया। उसने किले को घेर लिया, परंतु तीन माह बीत जाने के बाद भी वह उसमें प्रवेश नहीं कर सका। दूसरी ओर, किले के अंदर रसद समाप्त हो रही थी, इसलिए रानी ने कुछ विश्वस्त सैनिकों के साथ एक गुप्त मार्ग से बाहर निकलने का निर्णय लिया। जैसे ही रानी किले से बाहर निकलीं, उनके वीर सैनिकों ने किले के द्वार खोलकर अंग्रेजों पर जबरदस्त हमला बोल दिया। परंतु इसी बीच वाशिंगटन को सूचना मिल गई कि रानी किले से बाहर निकल गई हैं, और वह एक सैनिक टुकड़ी के साथ उनके पीछे दौड़ा।

20 मार्च 1858 को देवहारगढ़ के जंगल में दोनों सेनाओं के बीच भीषण युद्ध हुआ। रानी रणचंडी बनकर शत्रुओं पर टूट पड़ीं, परंतु युद्ध के दौरान एक फिरंगी सैनिक के वार से उनका दाहिना हाथ कट गया और तलवार छूट गई। रानी समझ गईं कि अब मृत्यु निकट है। अंग्रेजों की कैद में सड़ने से बेहतर उन्होंने अपने जीवन का सम्मानजनक अंत करना उचित समझा। उन्होंने तुरंत अपने बाएं हाथ से कटार निकाली और अपने सीने में घोंप ली। अगले ही क्षण उनका निर्जीव शरीर उनके घोड़े पर झूल गया, लेकिन उनके बलिदान की गूंज अनंतकाल तक अमर हो गई।

रानी अवंतीबाई के बलिदान के बाद उनका पार्थिव शरीर रामगढ़ लाया गया, जहाँ उनकी स्मृति में एक समाधि बनाई गई। दुर्भाग्यवश, उचित देखरेख के अभाव में आज वह समाधि जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। यह हम सभी के लिए आत्ममंथन का विषय है कि जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर मातृभूमि की रक्षा की, उनकी स्मृतियाँ उपेक्षित न हों।

स्रोत: वीरांगना रानी अवंतीबाई, बलिदान दिवस, मध्यप्रदेश, Veerangana Rani Avanti Bai, Sacrifice Day, Madhya Pradesh
Tags: Madhya PradeshSacrifice DayVeerangana Rani Avanti Baiबलिदान दिवसमध्यप्रदेशवीरांगना रानी अवंतीबाई
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

हमेशा-हमेशा के लिए अलग हो गए युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा; कोर्ट ने तलाक को दी मंज़ूरी

अगली पोस्ट

‘पत्नी का हस्तमैथुन करना तलाक का आधार नहीं’: महिलाओं के हस्तमैथुन करने को लेकर हाईकोर्ट ने कीं कई अहम टिप्पणियां

संबंधित पोस्ट

अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद
क्राइम

अवैध बांग्लादेशी मुद्दे पर पद्मश्री सैयदा हमीद की टिप्पणी ने छेड़ा नया विवाद

25 August 2025

योजना आयोग की पूर्व सदस्य और सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित सैयदा हमीद को असम में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के अधिकारों की रक्षा करने...

गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है
इतिहास

गांधी के परपोते का पलटवार: RSS कभी दोषी नहीं था, जैसे आज चुनाव आयोग नहीं है

23 August 2025

महात्मा गांधी के परपोते श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने बुधवार को राहुल गांधी को एक तीखा और खुला पत्र जारी किया। यह पत्र न केवल निजी टिप्पणी...

रामपुर में मदरसे से जुड़ा यौन शोषण व तस्करी रैकेट उजागर, पीड़िता की दास्तां रोंगटे खड़े कर देगी
क्राइम

रामपुर में मदरसे से जुड़ा यौन शोषण व तस्करी रैकेट उजागर, पीड़िता की दास्तां रोंगटे खड़े कर देगी

23 August 2025

रामपुर से यौन शोषण, तस्करी और हथियारों की तस्करी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक महिला पीड़िता ने स्थानीय मौलवियों पर विस्फोटक...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

IADWS The Modern ‘Sudarshan Chakra’, Redefining the Laws of Future Aerial Warfare

IADWS The Modern ‘Sudarshan Chakra’, Redefining the Laws of Future Aerial Warfare

00:06:12

Is Rampur Nadrabag Mosque The Dark Web of Trafficking, Illegal Arms, Drugs & Conversion Mafia?

00:05:52

ISRO’s ₹8,240 Cr Project ‘Soorya' : India’s Ticket to Space Station & Moon Missions

00:06:37

Why Silencing History ? The Hypocrisy of Stopping Bengal Files | Kolkata | Mamata | Vivek Agnihotri

00:04:54

Reason Behind Congress and Sanjay Kumar Silently Deleting Their Fake Voter Data Tweets

00:05:56
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited