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कोई इनकम टैक्स नहीं, भारत के कस्बे जितनी आबादी; जानें वानुआतु की दिलचस्प बातें जहां के नागरिक बने हैं ललित मोदी

वानुआतु का सबसे बड़ा आकर्षण इसकी 'गोल्डन पासपोर्ट' स्कीम है, इस योजना के तहत अमीर लोग एक खास रकम का निवेश करने के बाद वानुआतु की नागरिकता खरीद तक सकते हैं।

TFI Desk द्वारा TFI Desk
8 March 2025
in चर्चित, विश्व
ललित मोदी 2010 में भारत छोड़कर लंदन भाग गए थे और तब से भारत के बाहर ही उनका ठिकाना रहा है।

ललित मोदी 2010 में भारत छोड़कर लंदन भाग गए थे और तब से भारत के बाहर ही उनका ठिकाना रहा है।

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वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच भारत छोड़ कर भागे आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी ने ओशियनियाई देश वानुआतु (Vanuatu) की नागरिकता ले ली है। ललित मोदी ने भारत की नागरिकता छोड़ने के लिए लंदन स्थित भारतीय हाई कमिशन में एक प्रार्थना पत्र भी दिया है। ललित मोदी के कानूनी सलाहकार मेहबूब अबदी ने बताया कि वानुआतु की नागरिकता हासिल करने बाद वह अब भारतीय पासपोर्ट को सरेंडर करने की प्रक्रिया में जुटे हैं। ललित मोदी वर्ष 2010 में भारत छोड़कर लंदन भाग गए थे और तब से भारत के बाहर ही उनका ठिकाना रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले को लेकर बताया है,”ललित मोदी ने हाई कमिशन में अपना पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए अप्लाई कर दिया है।” उन्होंने कहा, “ललित मोदी ने अपना भारतीय पासपोर्ट जमा करने के लिए एक एप्लिकेशन दिया है और नियमों के मुताबिक इसकी जांच कराई जाएगी।” जायसवाल ने कहा, “हमें पता चला है कि उन्होंने वानुआतु की नागरिकता ले ली है लेकिन उनके खिलाफ चल रहे मामले कानून के मुताबिक चलते रहेंगे।” इस बीच ललित मोदी के साथ-साथ वानुआतु की भी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है।

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जानिए वानुआतु से जुड़ी दिलचस्प बातें-

वानुआतु का क्षेत्रफल और आबादी

ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्वी तट पर स्थित वानुआतु करीब 80 ज्वालामुखी द्वीपों का एक द्वीपसमूह है और इसका क्षेत्रफल लगभग 12,336 वर्ग किलोमीटर है। वानुअतु के सिर्फ़ 14 द्वीपों का क्षेत्रफल 100 वर्ग किलोमीटर से ज़्यादा है। इसके सिर्फ 65 द्वीपों पर ही लोग रहते हैं और इसके सबसे उत्तरी और सबसे दक्षिणी द्वीप 1,300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इसका सबसे बड़ा द्वीप एस्पिरिटु सैंटो है और इसका क्षेत्रफल वानुअतु के भूमि क्षेत्र का लगभग 32% है। वानुअतु की राजधानी पोर्ट विला, इफेट द्वीप पर स्थित है। इसकी 2020 की जनगणना के अनुसार, वानुआतु की जनसंख्या 3,00,019 थी जो भारत के किसी भी छोटे कस्बे की आबादी के बराबर है। यहां 2009 और 2020 के बीच औसत वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 2.3% थी और 2020 में जनसंख्या घनत्व 24 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी था।

सक्रिय ज्वालामुखियों का देश

वानुआतु में कई सक्रिय ज्वालामुखी हैं और यहां के निवासियों के लिए यह हमेशा खतरा बने रहते हैं। यहां स्थित सक्रिय ज्वालामुखियों में पानी के नीचे स्थित ज्वालामुखी भी शामिल हैं। पिछले 2,000 वर्षों में वानुआतु में ज्वालामुखियों में 14 महत्वपूर्ण विस्फोट हुए हैं जिनमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं और बड़े वित्तीय नुकसान झेलने पड़े हैं।पिछले 10,000 वर्षों में दुनिया के सबसे बड़े ज्वालामुखी विस्फोटों में से शामिल टॉम्बुक विस्फोट 1,450 ई. में वानुआतु में हुआ था जिसके चलते कुवे द्वीप नष्ट हो गया था। वानुअतु के तन्ना द्वीप पर स्थित माउंट यासुर विश्व के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में शामिल है। लगभग गोलाकार शिखर वाले गड्ढे वाला माउंट यासुर 800 वर्षों से लगातार विस्फोटित हो रहा है।

वानुआतु का इतिहास

वानुआतु का ऐतिहासिक नाम ‘न्यू हेब्रिडीज़’ था और यह 1980 तक ब्रिटिश और फ्रांसीसी संप्रभुता के तहत एक संधि क्षेत्र था। 1980 में वानुआतु ने स्वतंत्रता प्राप्त की और तब से यह एक गणराज्य के रूप में अस्तित्व में है। इस द्वीप पर करीब 3,000 साल पहले उत्तरी फिलीपींस की लापिता संस्कृति से जुड़े लोग निवास करते थे। पुर्तगाली खोजकर्ता पेड्रो फ़र्नांडिस डी क्विरोस 1606 में वानुअतु के तट पर पहुंचने वाले पहले यूरोपीय बन गए थे।

1774 में ब्रिटिश खोजकर्ता कैप्टन कुक ने द्वीपों का नक्शा बनाया और उन्हें ‘न्यू हेब्रिडीज़’ नाम दिया और यही नाम 1980 तक चलन में रहा था। 1906 में ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त एंग्लो-फ़्रेंच प्रशासन के तहत देश को एक कॉन्डोमिनियम बना दिया। 1977 में न्यू हेब्रिडीज़ के प्रतिनिधि तथा ब्रिटेन और फ्रांस की सरकारें 1980 में जनमत संग्रह और चुनावों के बाद द्वीपों के लिए एक स्वतंत्रता योजना पर सहमत हुईं और 1978 में इसके लिए एक प्लान भी पेश किया गया। 1980 में न्यू हेब्रिडीज़ को स्वतंत्रता मिल गई थी।

कोई इनकम टैक्स नहीं, नागरिकता बेचता है वानुआतु

वानुआतु का सबसे बड़ा आकर्षण इसकी ‘गोल्डन पासपोर्ट’ स्कीम है। इस योजना के तहत अमीर लोग एक खास रकम का निवेश करने के बाद वानुआतु की नागरिकता खरीद तक सकते हैं। 2019 की बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वानुआतु के राजस्व का 30% हिस्सा पासपोर्ट की बिक्री से आता था। वानुआतु अपनी नागरिकता भी 1,35,500 डॉलर (1 व्यक्ति) से 1,55,500 डॉलर (4 लोगों का परिवार) के बीच बेचता है। वानुआतु अपने नागरिकों पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगाता है। साथ ही, वहां पर कोई कोई कैपिटल गेंस टैक्स भी नहीं लगता है जो उनके लिए बेहद फायदे का सौदा है जो स्टॉक या रियल एस्टेट जैसी संपत्तियों में निवेश करते हैं। वानुआतु में इनहेरिटेंस टैक्स या कॉरपोरेट टैक्स भी नहीं होता है।

स्रोत: वानुआतु, ललित मोदी, इनकम टैक्स, ज्वालामुखी, Vanuatu, Lalit Modi, Income Tax, Volcano
Tags: Income TaxLalit ModiVanuatuVolcanoइनकम टैक्सज्वालामुखीललित मोदीवानुआतु
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राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प
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राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

22 October 2025

गोरखपुर के पावन मंच से जब योगी आदित्यनाथ ने यह कहा कि राजनीतिक इस्लाम ने सनातन धर्म को सबसे बड़ा झटका दिया है, तो यह...

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