DMK के विभाजनकारी एजेंडे पर चला नारी-शक्ति का चाबुक: मिलिए उन महिलाओं से, जिन्होंने महिला दिवस पर चलाया PM मोदी का हैंडल

महिला दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने महिलाओं को पूरे दिन के लिए सौंपा अपना सोशल मीडिया अकाउंट; नारी शक्ति बता रही हैं अपनी सक्सेस स्टोरी

महिला दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने महिलाओं को पूरे दिन के लिए सौंपा अपना सोशल मीडिया अकाउंट

महिला दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने महिलाओं को पूरे दिन के लिए सौंपा अपना सोशल मीडिया अकाउंट (Image Source: X)

हर साल की तरह इस बार भी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) ने नारी शक्ति को सम्मानित करने के लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स महिलाओं को सौंपे। लेकिन इस बार की सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने इस पहल की शुरुआत तमिलनाडु की प्रतिष्ठित शतरंज खिलाड़ी वैशाली को अपना अकाउंट सौंपकर की। वैशाली ने अपने पहले ट्वीट ही में तमिल शब्द “वणक्कम” जिसका हिंदी अर्थ होता है नमस्कार, से अभिवादन किया और अपनी सफलता की प्रेरणादायक कहानी साझा की।

विडंबना देखिए! एक ओर प्रधानमंत्री मोदी तमिल भाषा और संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और उनकी पार्टी DMK यह झूठा नैरेटिव फैलाने में लगी हैं कि पीएम मोदी तमिल विरोधी हैं। यह कितना हास्यास्पद है कि जिस प्रधानमंत्री ने काशी में “तमिल संगम” का आयोजन करवाया, जिन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के कला संकाय में तमिल विद्वान सुब्रमण्यम भारती के नाम पर ‘सुब्रमण्य भारती चेयर’ स्थापित की, उन्हीं पर DMK तमिल विरोधी होने का आरोप लगाती है!

सच्चाई तो यह है कि किसी को तमिल भाषा से समस्या नहीं है, बल्कि DMK जैसी पार्टियां चुनावी लाभ के लिए “हिंदी बनाम तमिल” का झूठा नैरेटिव गढ़ती हैं। इनकी राजनीति हमेशा विभाजन की रही है, और ये नहीं चाहतीं कि कोई प्रधानमंत्री तमिल संस्कृति को पूरे भारत में गौरव दिलाए। लेकिन पीएम मोदी अपने कार्यों से यह साफ कर चुके हैं कि भारत एक है, अखंड है, और हिंदी और संस्कृत की तरह तमिल संस्कृति भारतीय सभ्यता की अमूल्य धरोहर है।

पीएम मोदी के अकाउंट्स से वैशाली का प्रेरणादायक संदेश

शतरंज मास्टर वैशाली ने इस ऐतिहासिक मौके को पूरी तरह से अपनाते हुए 6 ट्वीट्स की एक थ्रेड के जरिए अपनी प्रेरणादायक यात्रा साझा की और महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया। उन्होंने लिखा—

‘वणक्कम(Vanakkam!)
मैं वैशाली हूं और आज महिला दिवस के अवसर पर हमारे प्रधानमंत्री थिरु नरेंद्र मोदी जी के सोशल मीडिया अकाउंट्स को संभालने का अवसर पाकर रोमांचित हूं। जैसा कि आपमें से कई लोग जानते होंगे, मैं शतरंज खेलती हूं और मुझे गर्व है कि मैंने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में अपने प्रिय देश का प्रतिनिधित्व किया है।’

उन्होंने आगे लिखा—

‘मेरा जन्म 21 जून को हुआ था, जिसे अब संयोग से ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है। मैंने मात्र 6 वर्ष की उम्र से शतरंज खेलना शुरू किया और यह सफर मेरे लिए सीखने, रोमांच और उपलब्धियों से भरा रहा है। यह यात्रा ओलंपियाड और कई अन्य टूर्नामेंट्स में मेरी सफलताओं में भी झलकती है। लेकिन इससे भी आगे, मैं सभी महिलाओं, खासकर युवा लड़कियों को एक संदेश देना चाहती हूं—अपने सपनों को कभी मत छोड़ो, चाहे राह में कितनी भी बाधाएं क्यों न आएं। आपकी लगन ही आपकी सफलता को तय करेगी। मैं चाहती हूं कि हर लड़की अपने सपनों का पीछा करे और किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने से न हिचके, क्योंकि मुझे पता है कि वे कर सकती हैं!’

वैशाली ने आगे कहा—

‘मेरा लक्ष्य अपनी FIDE रैंकिंग को और सुधारना है और अपने देश को और भी गर्व महसूस कराना है। शतरंज ने मुझे बहुत कुछ दिया है और मैं इस खेल में और योगदान देने के लिए तत्पर हूं। इसी भावना के साथ, मैं हर युवा लड़की से कहना चाहती हूं कि वे कोई भी खेल अपनाने से न डरें, क्योंकि खेल जीवन के सबसे अच्छे शिक्षकों में से एक हैं।’

उन्होंने माता-पिता और परिवारों के लिए भी एक खास संदेश दिया—

‘मैं सभी माता-पिता और भाई-बहनों से कहना चाहती हूं— लड़कियों को सपोर्ट करें! उनकी क्षमताओं पर विश्वास करें, और वे चमत्कार कर दिखाएंगी। मेरे जीवन में, मुझे अपने माता-पिता थिरु रमेशबाबू और थिरुमति नागलक्ष्मी का अपार सहयोग मिला। मेरे भाई प्राग्गनानंधा और मेरे बीच भी गहरा संबंध है। इसके अलावा, मुझे बेहतरीन कोच, टीममेट्स और विशेष रूप से विश्वनाथन आनंद सर से प्रेरणा लेने का सौभाग्य मिला है।’

अंत में, उन्होंने नए भारत की तस्वीर रखते हुए लिखा—

‘आज का भारत महिला एथलीट्स को अभूतपूर्व समर्थन दे रहा है, जो बेहद उत्साहजनक है। महिलाओं को खेलों के प्रति प्रेरित करने से लेकर उन्हें बेहतर ट्रेनिंग और जरूरी एक्सपोज़र देने तक, भारत की प्रगति असाधारण है।’

पीएम मोदी के अकाउंट्स से गूंजी अन्य प्रेरणादायक महिलाओं की कहानियां

महिला सशक्तिकरण के इस ऐतिहासिक अवसर पर सिर्फ वैशाली ही नहीं, बल्कि कई अन्य प्रभावशाली महिलाओं ने भी प्रधानमंत्री मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से अपनी प्रेरणादायक कहानियां साझा कीं।

बिहार के नालंदा जिले से आने वाली अनीता देवी, जो न केवल खुद आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं, ने लिखा—मेरे साथ काम करने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर बनते देखना मेरी सबसे बड़ी खुशी है। मैं मानती हूं कि आर्थिक स्वतंत्रता ही महिलाओं के सम्मान और सामाजिक स्थिति को मजबूत करती है।

इसी तरह, Frontier Markets की Founder और CEO अजयता शाह ने भी पीएम मोदी के अकाउंट से महिलाओं को संदेश देते हुए लिखा— एक आर्थिक रूप से सशक्त महिला आत्मनिर्भर सोच रखने वाली, आत्मविश्वास से भरी निर्णय निर्माता होती है, जो अपने भविष्य की स्वयं निर्माता होती है और आधुनिक भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाती है। हमारा राष्ट्र महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

इसके अलावा, मध्यप्रदेश की शिल्पी सोनी और ओडिशा की एलीना मिश्रा को भी पीएम मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स को संभालने का अवसर मिला। दोनों ने अपने संदेश में विज्ञान और तकनीक में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देते हुए लिखा—स्पेस टेक्नोलॉजी, न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी और महिला सशक्तिकरण…

हम एलीना मिश्रा, एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट, और शिल्पी सोनी, एक स्पेस साइंटिस्ट, इस महिला दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स को संभालकर बेहद गर्व महसूस कर रही हैं। हमारा संदेश— भारत विज्ञान के क्षेत्र में सबसे उन्नत और जीवंत स्थानों में से एक है, और हम अधिक से अधिक महिलाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए आमंत्रित करते हैं!”

पीएम मोदी की इस पहल ने न केवल महिला सशक्तिकरण को एक नई ऊंचाई दी, बल्कि यह भी साबित किया कि नया भारत हर क्षेत्र में महिलाओं के उत्थान और उनके योगदान को पूरी निष्ठा के साथ समर्थन दे रहा है।

 

 

 

 

 

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