हमास के समर्थन पर रद्द हुआ अमेरिकी वीज़ा तो भारतीय छात्रा ने मोबाइल ऐप से किया ‘स्व-निर्वासन’, जानिए क्या है इसकी प्रक्रिया?

F-1 स्टूडेंट वीजा के तहत रंजनी को कोलंबिया यूनिवर्सिटी से अर्बन प्लानिंग में PhD करने के लिए दाखिला मिला था

रंजनी ने 11 मार्च 2025 को CBP होम ऐप का उपयोग करके स्व-निर्वासन किया था

रंजनी ने 11 मार्च 2025 को CBP होम ऐप का उपयोग करके स्व-निर्वासन किया था

कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ रही भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन ने अमेरिकी वीज़ा रद्द किए जाने के बाद स्वेच्छा से अमेरिका छोड़ दिया है। अमेरिक के गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने श्रीनिवासन पर हिंसा व आतंकवाद को बढ़ावा देने और हमास का समर्थन करने वाली गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप लगाए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा 5 मार्च को उनका वीजा रद्द कर दिया था जिसके बाद रंजनी ने 11 मार्च को स्व-निर्वासन के विकल्प के तहत अमेरिका छोड़ दिया। गौरतलब है कि F-1 स्टूडेंट वीज़ा के तहत रंजनी को कोलंबिया यूनिवर्सिटी से अर्बन प्लानिंग में PhD करने के लिए दाखिला मिला था।

क्या है पूरा मामला?

पिछले साल कोलंबिया विश्वविद्यालय के कैंपस में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हुए थे। फिलिस्तीन समर्थकों ने हैमिल्टन हॉल पर कब्जा कर लिया था और इसका नाम बदलकर गाजा में रहने वाली 6 साल की एक बच्ची के नाम पर हिंद हॉल कर दिया था। हिंद की जंग में मौत हो गई थी। इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने कोलंबिया विश्वविद्यालय की 40 करोड़ डॉलर की फंडिंग पर रोक लगा दी थी। कुछ दिनों पहले कोलंबिया विश्वविद्यालय के कैंपस से फिलिस्तीनी मूल के महमूद खलील को इजराइल विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के चलते गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने हैमिल्टन हॉल पर कब्जा करने वाले छात्रों के निलंबन और निष्कासन की कार्रवाई की थी

DHS ने रंजनी को लेकर क्या बताया?

अमेरिक के गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने फिलस्तीन समर्थक प्रदर्शनों के चलते रंजनी का वीज़ा रद्द किया था। गृह सुरक्षा विभाग की मंत्री क्रिस्टी नोएम ने रंजनी के अमेरिका छोड़ेत समय का एक वीडयो ‘X’ पर शेयर किया है जिसमें रंजनी सूटकेस लेकर निकलते हुए नज़र आ रही हैं। क्रिस्टी ने इसे लेकर कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने और पढ़ाई करने के लिए वीज़ा प्राप्त करना एक विशेषाधिकार है। जब आप हिंसा और आतंकवाद की वकालत करते हैं तो उस विशेषाधिकार को रद्द कर दिया जाना चाहिए और आपको इस देश में नहीं रहना चाहिए। मुझे कोलंबिया विश्वविद्यालय के आतंकवाद समर्थकों में से एक को स्व-निर्वासन के लिए CBP होम ऐप का उपयोग करते हुए देखकर खुशी हुई।”

क्या होता है स्व-निर्वासन?

बीते 10 मार्च को ट्रंप प्रशासन ने प्रवासियों को संभावित गिरफ्तारी या हिरासत का सामना करने के बजाय ‘स्व-निर्वासन’ (Self Deport) का रास्ता चुनने का विकल्प देते हुए CBP होम ऐप लॉन्च किया था। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, रंजनी ने 11 मार्च 2025 को CBP होम ऐप का उपयोग करके स्व-निर्वासन किया था। CBP होम ऐप में मौजूद एक फीचर लोगों को अमेरिका से ‘निकलने के इरादे’ से जुड़ी घोषणा करने की इजाजत देता है

इस इजाजत के बाद ऐप द्वारा उपयोगकर्ताओं से पुष्टि की जाती है कि उनके पास ‘अमेरिका छोड़ने के लिए ज़रूरी धन’ और ‘अपने मूल नागरिकता वाले देश से वैध, एक्सपायर ना हुआ पासपोर्ट है’। स्व-निर्वासन का विकल्प ना केवल अमेरिका के लिए आर्थिक और कानूनी रूप से लाभकारी है बल्कि इसे अपनाने वाले लोगों को भी निर्वासन की अपमानजनक प्रक्रिया से बचने में मदद मिलती है। स्व-निर्वासन से अमेरिका छोड़ने पर प्रतिबंध के बिना अमेरिका में पुनः प्रवेश करने की संभावना बनी रहती है और निकलने के समय और तरीके पर लोगों को नियंत्रण रहता है। वहीं, इसमें लोगों को अपने खर्च पर देश छोड़ना होता है और सख्त समय सीमा का पालन करना पड़ता है।

कौन हैं रंजनी श्रीनिवासन?

रंजनी श्रीनिवासन भारत की नागरिक हैं और वे कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्बन प्लानिंग में पीएचडी कर रही थीं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रंजनी ने गुजरात के अहमदाबाद की सीईपीटी यूनिवर्सिटी से डिज़ाइन में बैचलर डिग्री हासिल की है। इसके बाद रंजनी ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से डिज़ाइन में मास्टर्स किया और कोलंबिया विश्वविद्यालय से ही अर्बन प्लानिंग में एमफिल किया था। रंजनी ने फुलब्राइट स्कॉलरशिप भी हासिल की है।

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