एक के बाद एक कई चुनाव में हार का सामना कर चुकी कांग्रेस राजनीतिक हताशा की नाव में बैठी हुई है। यह एक ऐसी नाव है जिसमें बैठने वाले लोग बुरी तरह से बौखलाए हुए हैं और लोगों की नजर में आने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। हालिया मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा हुआ है। दरअसल, PM मोदी ने भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को पत्र लिखकर पृथ्वी पर वापस आने के बाद भारत आने के लिए आमंत्रित किया था। इस पत्र के सामने आने के बाद कांग्रेस ने दशकों पुराने एक बेबुनियाद आरोप को लेकर PM मोदी को घेरने की कोशिश की है।
केरल कांग्रेस ने एक्स (X) पर एक पोस्ट लिखा है। इस पोस्ट में कहा गया है, “मोदी ने सुनीता विलियम्स को एक पत्र लिखा है, पूरी संभावना है कि वह इसे कूड़ेदान में डाल देंगी। क्यों? क्योंकि वह हरेन पांड्या की चचेरी बहन हैं। हरेन पांड्या गुजरात के गृह मंत्री थे जिन्होंने मोदी को चुनौती दी थी और उन्होंने गुजरात दंगों में मोदी की भूमिका के बारे में न्यायमूर्ति वीआर कृष्णय्यर को गुप्त बयान दिया था, जिसके बाद ‘मॉर्निंग वॉक’ के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी।”
Modi pens a letter to Sunita Williams, and in all likelihood she will put it in trash. Why?
She is Haren Pandya’s cousin. Haren Pandya was Gujarat home minister who challenged Modi, and he gave secret deposition to Justice VR Krishnaiyer about Modi’s role in Gujarat riots,… pic.twitter.com/nFCntim5Ot
— Congress Kerala (@INCKerala) March 18, 2025
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर कीचड़ उछालने की कोशिश तो की लेकिन उसे यह नहीं पता कि उसकी इस कहानी में बड़ा लूप होल है। लूप होल यह कि मोदी सरकार में गृह मंत्री रहे हरेन पंड्या की पत्नी जागृति पंड्या को साल 2016 में भाजपा सरकार ने गुजरात राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (SCPCR) का अध्यक्ष नियुक्त किया था। अगर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हरेन पंड्या की हत्या में किसी प्रकार की कोई भूमिका होती तो उनकी सरकार में हरेन पंड्या की पत्नी को इतना महत्वपूर्ण पद क्यों दिया जाता?
वास्तव में देखें तो जागृति पंड्या को SCPCR का अध्यक्ष बनाया जाना ही कांग्रेस के दावे को खोखला साबित कर रहा है। इतना ही नहीं, जागृति पंड्या ने आज तक कभी भी प्रधानमंत्री मोदी या BJP पर अपने पति हरेन पंड्या की हत्या का आरोप नहीं लगाया है। सच्चाई यह है कि यह कांग्रेस और उसके ‘टूल किट’ व ‘आईटी सेल’ द्वारा गढ़ी गई एक कोरी कहानी है, जिसे जागृति पंड्या ने भी कभी स्वीकार नहीं किया।
यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि हरेन पंड्या की हत्या के मामले में CBI और गुजरात हाई कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इस मामले के सभी 12 आरोपितों को बरी कर दिया था। लेकिन लाश पर राजनीति करने के लिए गिद्ध की तरह नजर गड़ाए बैठने वाली कांग्रेस सिर्फ देश के लोगों को गुमराह कर खो चुकी राजनीतिक जमीन हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र पर आरोप लगाने की कोशिश करती है।
इतना ही नहीं कांग्रेस के इस दावे की हवा इस बात से भी निकल जाती है कि CBI और गुजरात हाई कोर्ट द्वारा आरोपितों को बरी किए जाने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ही इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गई थी। इसका मतलब यह है कि यदि BJP या PM मोदी दोषी होते तो वे मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर क्यों जाते। साथ ही यहाँ यह बताना आवश्यक हो जाता है कि जब यह सब हो रहा था तब कांग्रेस केंद्र की सत्ता में थी, ऐसे में सवाल यह है कि आखिर कांग्रेस ने इस मामले को शीर्ष अदालत में ले जाने की मांग तेजी से क्यों नहीं उठाई?
इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस अपने एजेंडे और समय के हिसाब से राजनीति करने के लिए मुद्दों को उठाती है और एक ‘मृत हो चुके मुद्दे’ को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर कीचड़ उछालने की कोशिश कर रही है।