TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

ट्रंप, ज़ेलेंस्की और वेंस के ‘वाक् युद्ध’ की पूरी कहानी, कैसे शुरू हुई बहस और किसने क्या कहा?

इस तीखी बहस को लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि ज़ेलेंस्की को माफी मांगनी चाहिए

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
1 March 2025
in चर्चित, विश्व
जनवरी में ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद यह उनकी और ज़ेलेंस्की की पहली बैठक थी

जनवरी में ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद यह उनकी और ज़ेलेंस्की की पहली बैठक थी

Share on FacebookShare on X

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की शुक्रवार (28 फरवरी) को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने पहुंचे थे। ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच मुलाकात का मुद्दा था कि रूस और यूक्रेन के बीच 3 वर्षों से जारी युद्ध को खत्म कर कैसे शांति बहाल की जाए। जनवरी में ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद यह उनकी और ज़ेलेंस्की की पहली बैठक थी, दोनों की ओवल ऑफ़िस में हुई यह बैठक मुस्कुराहट के साथ शुरू तो हुई लेकिन जल्द ही यह वाक् युद्ध में तब्दील हो गई। ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच मीडिया के सामने ही तीखी बहस शुरू हो गई। ट्रंप ने ज़ेलेंस्की पर अमेरिका और अमेरिका के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया है।

कैसे शुरू हुई ट्रंप-ज़ेलेंस्की के बीच बहस?

ट्रंप और ज़ेलेंस्की की बैठक की शुरुआत बेहद खुशनुमा माहौल में हुई। ट्रंप ने ज़ेलेंस्की के अपने साथ होने को सम्मान की बात बताते हुए बातचीत की शुरुआत की। ट्रंप ने इस दौरान युद्ध खत्म करने की संभावनाओं को लेकर कहा कि अगर वह दोनों पक्षों से बातचीत नहीं करेंगे तो शांति स्थापित नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा, “मैं (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन के पक्ष में नहीं हूं। मैं किसी के पक्ष में भी नहीं हूं, मैं सिर्फ अमेरिका के पक्ष में हूं।” ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि अगर लोग चाहते हैं कि वह कड़े फैसले लें तो वह ऐसा कर सकते हैं लेकिन इसके बाद बातचीत नहीं हो पाएगी।

संबंधितपोस्ट

सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

और लोड करें

ट्रंप ने जब अपनी बात खत्म की तो उनके बाद अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने बोलना शुरू किया। वेंस ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को लेकर कहा, “4 साल तक अमेरिका के पास एक ऐसे राष्ट्रपति थे जो प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्लादिमीर पुतिन के बारे में कड़ी बातें करते थे और फिर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला कर देश के एक बड़े हिस्से को नष्ट कर दिया। शांति और समृद्धि का मार्ग शायद कूटनीति के ज़रिए ही निकल सकता है। कूटनीति के ज़रिए चीज़ों को हल करना ही अमेरिका को बेहतर देश बनाता है और राष्ट्रपति ट्रंप भी यही कर रहे हैं।”

इस दौरान ज़ेलेंस्की ने वेंस को टोकते हुए कहा कि क्या वह एक सवाल पूछ सकते हैं। वेंस के हां में जवाब देने के बाद ज़ेलेंस्की ने कहा, “पुतिन ने यूक्रेन के बड़े हिस्सों पर, पूर्वी हिस्से पर और क्रीमिया पर कब्ज़ा कर लिया है। पुतिन ने 2014 में इस पर कब्ज़ा कर लिया था। उन्होंने बस ज़मीन पर कब्ज़ा किया और रूस में मिला लिया। उन्होंने लोगों को मारा भी।” ज़ेलेंस्की ने आगे कहा, “2014 से लेकर 2022 तक स्थिति एक जैसी ही रही। लोग सीमा पर मर रहे हैं और किसी ने उन्हें नहीं रोका है। हमने उनके साथ एक समझौते भी किया लेकिन उन्होंने युद्ध विराम का उल्लंघन किया और हमारे लोगों को मार डाला। हमने कैदियों की अदला-बदली को लेकर डील की थी लेकिन उन्होंने (पुतिन) ऐसा नहीं किया। जेडी, आप किस तरह की कूटनीति की बात कर रहे हैं? आपका क्या मतलब है?”

इस पर वेंस ने जवाब देते हुए कहा, “मैं उस कूटनीति की बात कर रहा हूं जो आपके देश में हो रहे विनाश को समाप्त करेगी।” इसके बाद ज़ेलेंस्की ने बीच में वेंस को रोकना चाहा लेकिन उन्होंने कहा, “मैं सम्मान के साथ कह रहा हूं, मुझे लगता है कि ओवल ऑफिस में आना और अमेरिकी मीडिया के सामने इस मुद्दे पर बहस की कोशिश करना अपमानजनक है। इस समय, आप लोग ज़बरदस्ती लोगों को सेना में भर्ती कर उन्हें लड़ाई में भेज रहे हैं क्योंकि आपके पास लोगों की कमी है। आपको राष्ट्रपति का धन्यवाद करना चाहिए।”

ज़ेलेंस्की ने वेंस से पूछा कि क्या वह कभी यूक्रेन गए हैं जिसके कारण वह बता रहे हैं कि उन्हें क्या समस्या है। इस पर वेंस ने कहा, “मैंने खुद ये खबरें देखी हैं और मुझे पता है कि आप लोगों को प्रोपेगेंडा दौरे पर ले जाते हैं। क्या आप इस बात से इनकार करते हैं कि आपको लोगों को सेना में भर्ती करने में दिक्कतें आई हैं? और क्या आपको लगता है कि यह सही है कि आप अमेरिका के ओवल ऑफिस में आकर उस प्रशासन पर हमला करें जो आपके देश को तबाह होने से बचाने की कोशिश कर रहा है?”

ज़ेलेंस्की ने वेंस को जवाब देते हुए कहा, “युद्ध के समय सभी को समस्याएं आती हैं, आपको भी। आपको अभी दिक्कतें महसूस नहीं हो रही हैं लेकिन भविष्य में आपको भी महसूस होंगी।”

इस बातचीत के दौरान अब तक शांत बैठे ट्रंप, ज़ेलेंस्की की इस बात से भड़क गए। ट्रंप ने कहा, “आप यह नहीं जानते। हमें मत बताओ कि हम क्या महसूस करने जा रहे हैं। हम एक समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें मत बताओ कि हम क्या महसूस करने जा रहे हैं?” ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह बता नहीं रहे बल्कि जवाब दे रहे हैं। इस पर ट्रंप और उखड़ गए, उन्होंने वेंस की बातों को सही बताते हुए ज़ेलेंस्की से कहा, “आप हमें ये बताने की स्थिति में नहीं हैं कि हमें कैसा महसूस करना चाहिए। हम खुद को बहुत अच्छा और बहुत मजबूत महसूस करेंगे। अभी आपकी स्थिति ठीक नहीं है। आपने खुद को बहुत मुश्किल हालात में डाल लिया है।”

ट्रंप ने ज़ेलेंस्की से कहा, “आपके पास कार्ड्स (निर्णय लेने की स्थिति) नहीं हैं।” इस पर ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह कार्ड्स नहीं खेल रहे हैं। ट्रंप इस बात पर और भड़क गए और ज़ेलेंस्की से बोले, “आप कार्ड्स ही खेल रहे हैं, आप लाखों-करोड़ों लोगों की ज़िंदगी के साथ जुआ खेल रहे हैं। आप तीसरे विश्व युद्ध का जोखिम उठा रहे हैं और जो कुछ आप कर रहे हैं, वह इस देश (अमेरिका) के लिए बहुत अपमानजनक है।”

इसके बाद वेंस ने ज़ेलेंस्की से पूछा कि क्या आपने इस पूरी बातचीत के दौरान एक बार भी धन्यवाद कहा है। वेंस ने कहा, “आप अक्टूबर में पेंसिल्वेनिया गए थे और विपक्ष के लिए प्रचार किया था, अमेरिका और राष्ट्रपति की थोड़ी तो प्रशंसा करें जो आपके देश को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।” इस पर ज़ेलेंस्की ने कहा कि अगर आपको लगता है कि आप तेज़ आवाज़ में युद्ध के बारे में बात करेंगे।

इस पर ट्रंप ने ज़ेलेंस्की को बीच में ही रोक दिया और बोले, “वह (वेंस) तेज़ आवाज़ में बात नहीं कर रहे हैं।” ट्रंप ने कहा, “आपका देश बड़ी मुसीबत में है। आपने बहुत बातें कर ली हैं। आपका देश बड़ी मुसीबत में है। आप इस युद्ध को नहीं जीत रहे हैं और हमारे कारण आपके पास युद्ध से बाहर निकलने का बहुत अच्छा मौका है। हमने आपको 350 बिलियन डॉलर दिए, हमने आपको सैन्य उपकरण दिए। आप लोग बहादुर हैं लेकिन आपको हमारे सैन्य उपकरणों का इस्तेमाल करना पड़ा। अगर आपके पास हमारे सैन्य उपकरण नहीं होते तो यह युद्ध दो हफ्ते में खत्म हो जाता।”

इस पर ज़ेलेंस्की ने कहा, “सिर्फ तीन दिनों में (युद्ध खत्म हो जाता)। तीन दिन, मैंने पुतिन से सुना है।” ट्रंप ने कहा, “शायद इससे भी जल्दी। इस तरह चीज़ों का समाधान करना बहुत मुश्किल है।”इसके बाद वेंस ने कहा, “बस धन्यवाद कहिए, यह मान लीजिए कि मतभेद हैं, और चलिए उन पर सही जगह बहस करते हैं, बजाय इसके कि अमेरिकी मीडिया में लड़ने की कोशिश करें जब आप गलत हैं। हमें पता है कि आप गलत हैं।”

ट्रंप ने कहा, “मुझे लगता है कि अमेरिकी लोगों के लिए यह देखना जरूरी है कि क्या हो रहा है। यह बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए मैंने इस बहस को इतना लंबा चलने दिया। आपको शुक्रगुजार होना चाहिए कि आपके पास हालात संभालने के विकल्प नहीं हैं, आप फंसे हुए हैं, आपके लोग मारे जा रहे हैं और आपके सैनिक कम हो रहे हैं। फिर आप हमसे कहते हैं कि आप युद्धविराम नहीं चाहते। आप कहते हैं कि आप नहीं चाहते, आप लड़ाई जारी रखना चाहते हैं। लेकिन अगर अभी आपको युद्धविराम मिल सकता है, तो मैं आपको कहता हूं, आपको इसे स्वीकार कर लेना चाहिए।”

ट्रंप ने इस बातचीत का अंत करते हुए ज़ेलेंस्की पर निशाना साधते हुए कहा, “आप बिल्कुल भी आभारी नहीं दिख रहे हैं और यह अच्छी बात नहीं है। मुझे लगता है कि हमने बहुत कुछ देख लिया है।” ट्रंप ने इस बहस पर चुटकी लेते हुए कहा कि इस बहस की खूब चर्चा होने जा रही है। इस बहस के चलते बैठक के बाद होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी रद्द कर दिया गया और ज़ेलेंस्की को व्हाइट हाउस से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने ज़ेलेंस्की से की माफी की मांग

ट्रंप और ज़ेलेंस्की की इस तीखी बहस को लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि ज़ेलेंस्की को माफी मांगनी चाहिए। रुबियो ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कई अहम समझौतों को पूरा किया है और अगर ज़ेलेंस्की इतनी आक्रामकता के साथ बात करेंगे तो उनसे कौन बात करेगा। रुबियो ने यहां तक दावा कर दिया कि ज़ेलेंस्की शांति समझौते की बात करते हैं लेकिन वे शायद शांति चाहते नहीं है।

वहीं, ज़ेलेंस्की ने माफी मांगे से साफ-साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने ‘FOX NEWS’ के साथ बातचीत के दौरान कहा, “वह अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप के शुक्रगुज़ार हैं। ट्रंप और यूक्रेन दोनों ही इस युद्ध को खत्म करना चाहते हैं।” ज़ेलेंस्की ने इस इंटरव्यू के दौरान उनके इस्तीफे को लेकर पूछे गए सवाल का भी जवाब दिया है। ज़ेलेंस्की ने कहा कि यह ठीक नहीं होगा और इसका फैसला केवल यूक्रेन के लोग ही ले सकते हैं।

बहस के बाद क्या बोले ट्रंप और ज़ेलेंस्की?

इस तीखी बहस के बाद ट्रंप ने भी अपने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि ज़ेलेंस्की शांति के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, “आज व्हाइट हाउस में हमारी एक बहुत महत्वपूर्ण बैठक हुई। हमने ऐसी कई बातें सीखी जो इतनी तीव्र परिस्थितियों और दबाव में बातचीत के बिना समझना असंभव था। यह आश्चर्यजनक है कि भावनाओं के ज़रिए क्या-क्या सामने आता है।” ट्रंप ने कहा, ” मुझे लगता है कि अगर अमेरिका शामिल रहता है, तो राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की शांति के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि हमारी भागीदारी से उन्हें बातचीत में बड़ा फायदा मिलता है। मैं फायदा नहीं चाहता, मैं शांति चाहता हूं। उन्होंने अमेरिका का सम्मानित ओवल ऑफिस में अपमान किया है। जब वह शांति के लिए तैयार होंगे, तब वे वापस आ सकते हैं।”

ज़ेलेंस्की ने भी ‘X’ पर इस मुलाकात के बाद पोस्ट किया है। ज़ेलेंस्की ने लिखा, “धन्यवाद अमेरिका, आपके समर्थन के लिए धन्यवाद, इस यात्रा के लिए धन्यवाद। अमेरिकी राष्ट्रपति, कांग्रेस और अमेरिका के लोगों का शुक्रिया। यूक्रेन को न्यायपूर्ण और स्थाई शांति की ज़रूरत है और हम उसी के लिए काम कर रहे हैं।”

इस बहस के बाद यूरोप के कई देशों के प्रमुख ज़ेलेंस्की के समर्थन में खड़े दिख रहे हैं तो वहीं अमेरिका भी अपने रुख पर पूरी तरह कायम है। लेकिन इतना तो तय है कि इस बहस को हर लिहाज से रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने की कोशिशों में खलल के तौर पर देखा जा रहा है।

स्रोत: यूक्रेन, वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की, अमेरिका, डोनाल्ड ट्रंप, जेडी वेंस, रूस, व्लादिमीर पुतिन, Ukraine, Volodymyr Zelensky, US, Donald Trump, JD Vance, Russia, Vladimir Putin
Tags: Donald TrumpJD VanceRussiaUkraineUSVladimir PutinVolodymyr Zelenskyअमेरिकाजेडी वेंसडोनाल्ड ट्रंपयूक्रेनरूसवोलोदिमीर जेलेंस्कीव्लादिमीर पुतिन
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

सलमान ने दलित युवती को कोर्ट में बुलाया, फिर शादी के लिए करने लगा जबरदस्ती- वकीलों ने पकड़कर पीटा

अगली पोस्ट

‘लाठी डंडों से पीटा… कमरे में बंद किया’- थाने के बाहर धरने पर बैठे IIT बाबा ने लगाए आरोप, वीडियो वायरल

संबंधित पोस्ट

जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?
इतिहास

जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

22 October 2025

दिवाली की अगली सुबह आए अख़बारों में जो ख़बर पहले पेज में सबसे प्रमुखता के साथ छपी है, उसके अनुसार दिल्ली देश का ही नहीं...

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प
इतिहास

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

22 October 2025

गोरखपुर के पावन मंच से जब योगी आदित्यनाथ ने यह कहा कि राजनीतिक इस्लाम ने सनातन धर्म को सबसे बड़ा झटका दिया है, तो यह...

पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता
इतिहास

पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

22 October 2025

कतर की मध्यस्थता से जन्मा पाकिस्तान-अफगानिस्तान शांति समझौता इस वक्त एशियाई कूटनीति का सबसे नाजुक धागा बन चुका है। दस्तावेज़ों में लिखी बातें, प्रेस विज्ञप्तियों...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited