उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सरकारी जमीन पर बनी मस्जिद तोड़ी जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि यह तुड़ाई सरकार की ओर से नहीं बल्कि मस्जिद कमिटी द्वारा खुद ही कराई जा रही है। अवैध निर्माण को लेकर लेकर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने 15 दिन पहले मस्जिद कमिटी को नोटिस जारी किया था। नोटिस की अवधि खत्म होते ही मुतवल्ली ने प्रशासन की सख्त कार्रवाई के डर से इसे खुद ही तोड़ना शुरू कर दिया।
दरअसल, गोरखपुर के घोष कंपनी चौक के पास नगर निगम की जमीन पर अबू हुरैरा मस्जिद बनी हुई है। नगर निगम की ओर से मस्जिद कमिटी को यह जमीन दी गई थी। हालांकि बिना नक्शा पास कराए ही एक के बाद एक मंजिल बढ़ाते हुए चार मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी गई थी। इस तरह से यह निर्माण अवैध था। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने भी इस निर्माण को अवैध करार देते हुए नोटिस जारी किया था।
गत 15 फरवरी, 2025 को GDA ने यह नोटिस मस्जिद के मुतवल्ली शोएब को जारी किया था। इस नोटिस में 15 दिन का समय दिया गया था। साथ ही कहा गया था कि यदि 15 दिन में अवैध निर्माण नहीं हटाया गया तो प्रशासन सख्त कार्रवाई करते हुए इस पर बुलडोजर चलाएगा। साथ ही तुड़ाई का खर्च भी मस्जिद कमिटी से वसूला जाएगा। ऐसे में प्रशासन की कार्रवाई से पहले ही मस्जिद कमिटी ने तुड़ाई कराते हुए अवैध निर्माण हटाना शुरू कर दिया है।
बता दें कि इससे पहले मस्जिद कमिटी के प्रमुख और मुतवल्ली शोएब अहमद ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) के फैसले को गलत बताया था। शोएब ने कहा था, “यह मस्जिद जनवरी 2024 में पुराने ढांचे को हटाने के बाद नगर निगम की सहमति से बनाई गई थी। हमें यह जमीन आवंटित की गई थी, फिर भी अब GDA इसे अवैध बता रहा है।”
वहीं GDA का कहना है कि यह पूरा मामला जमीन के स्वामित्व का नहीं बल्कि बिना नक्शा पास कराए मस्जिद निर्माण का है। GDA के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन ने कहा था कि नक्शा पास नहीं है, इसलिए नोटिस दिया गया है और कार्रवाई होना भी तय है।
गौरतलब है कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) के आदेश के खिलाफ मस्जिद कमिटी ने कमिश्नर कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इस मामले में पहले 25 फरवरी को सुनवाई होनी थी। लेकिन फिर सुनवाई की तारीख 3 मार्च तय की गई थी। हालांकि इससे पहले ही मस्जिद कमिटी ने अपना अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया। बता दें कि इससे पहले भी यहां एक मस्जिद बनी हुई थी, अतिक्रमण हटाते हुए नगर निगम ने मस्जिद तोड़ दी थी। इसके बाद स्थानीय लोगों की मांग पर नगर निगम ने 624 वर्ग फीट जमीन मस्जिद के लिए दी थी। इसके बाद यह मस्जिद बन कर तैयार हुई थी। लेकिन पूरी मस्जिद का निर्माण बिना नक्शे के किया गया था। इसलिए अब इसे तोड़ा जा रहा है।