वक्फ बोर्ड की मनमानी बढ़ती जा रही है। एक के बाद एक देश के अलग-अलग हिस्सों में सरकारी से लेकर निजी संपत्तियों तक पर वक्फ अपना कब्जा जताता रहा है। अब मध्य प्रदेश के रायसेन में एक हिंदू बहुल गांव में वक्फ बोर्ड ने कब्जा ठोंका है। साथ ही नोटिस जारी कर लोगों को 7 दिन के अंदर जमीन खाली करने के लिए कहा है। यहां तक की प्राचीन हिंदू मंदिर और श्मशान घाट को भी वक्फ अपना बता रहा है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि वे इस जमीन पर 150 साल से अधिक समय से रह रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला रायसेन के माखनी गांव का है। यहां रहने वाले 7 परिवारों को वक्फ बोर्ड ने नोटिस भेजा है। इस नोटिस में 7 दिन के अंदर जमीन छोड़ कर जाने के लिए कहा गया है। साथ ही जमीन ना छोड़ने पर कानूनी कार्यवाही किए जाने और घर तोड़ने की बात कही गई है। वक्फ बोर्ड का नोटिस मिलने के बाद से ग्रामीण परेशान हो चुके हैं।
वक्फ के दावे के बाद से डरे हुए ग्रामीणों ने रायसेन कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा को आवेदन देकर हस्तक्षेप करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि उनका परिवार कई पीढ़ियों से इसी जमीन पर रह रहा है। दूसरी ओर खसरे में यह जमीन सरकारी बताई जा रही है। हालांकि दिलचस्प बात यह है कि सरकारी कागज में सरकारी दिखने वाली इस जमीन पर ही ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान मिला हुआ है। वहीं अब वक्फ इसे अपना बताकर कब्जा ठोंक रहा है।
एक ग्रामीण ने वक्फ के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा है, “हमारी जान चली जाएगी लेकिन इस जमीन को खाली नहीं करेंगे। प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर और श्मशान घाट भी इसी जमीन पर बना है। अगर यह वक्फ बोर्ड की जमीन थी तो फिर हमें प्रधानमंत्री आवास योजना का आवास कैसे मिला।”
वहीं वक्फ बोर्ड का कहना है कि यह जमीन कब्रिस्तान की है। इसका रकवा 3 एकड़ से अधिक है और इसे कादर पटेल नामक व्यक्ति ने वक्फ की थी। हालांकि मीडिया ने जब इसके सबूत मांगे तो वक्फ इससे जुड़े कागजात पेश नहीं कर पाया।
वहीं, इस मामले में रायसेन कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा का कहना है, “मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच कराई जाएगी। दोनों पक्षों की बातें सुनने और कागजात देखने के बाद ही मामला स्पष्ट हो पाएगा।”