रूस के हमलों के बाद यूक्रेन की जो स्थिति है, उसे सुधारने की क्षमता या राजनैतिक सूझ-बूझ कहीं से ज़ेलेंस्की के पास नहीं दिखती है
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    सागरिका घोष और कांग्रेस का फर्जी मोदी-विरोधी नैरेटिव: अमेरिका में बांग्लादेशी महिला को गुजरात बता कर भारत की छवि को किया शर्मसार

    सागरिका घोष और कांग्रेस का फर्जी मोदी-विरोधी नैरेटिव: अमेरिका में बांग्लादेशी महिला को गुजरात बता कर भारत की छवि को किया शर्मसार

    वंशवाद पर थरूर का वार, कांग्रेस बैकफुट पर, क्या राहुल-प्रियंका अब भी ‘राष्ट्रीय विकल्प’ कहे जा सकते हैं?

    वंशवाद पर थरूर का वार, कांग्रेस बैकफुट पर, क्या राहुल-प्रियंका अब भी ‘राष्ट्रीय विकल्प’ कहे जा सकते हैं?

    लालू परिवार की टूटती राजनीति और तेजस्वी–तेजप्रताप टकराव: बिहार विधानसभा चुनाव में RJD का अस्थिर परिदृश्य और NDA की रणनीतिक चुनौती

    लालू परिवार की टूटती राजनीति और तेजस्वी–तेजप्रताप टकराव: बिहार विधानसभा चुनाव में RJD का अस्थिर परिदृश्य और NDA की रणनीतिक चुनौती

    बिहार की महिला शक्ति और एनडीए का विजन: आज शाम इन महिलाओं से बात करेंगे पीएम मोदी, जानें एनडीए का चुनाव के लिए क्या है प्लान

    बिहार की महिला शक्ति और एनडीए का विजन: आज शाम इन महिलाओं से बात करेंगे पीएम मोदी, जानें एनडीए का चुनाव के लिए क्या है प्लान

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतहासिक जीत

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    सागरिका घोष और कांग्रेस का फर्जी मोदी-विरोधी नैरेटिव: अमेरिका में बांग्लादेशी महिला को गुजरात बता कर भारत की छवि को किया शर्मसार

    सागरिका घोष और कांग्रेस का फर्जी मोदी-विरोधी नैरेटिव: अमेरिका में बांग्लादेशी महिला को गुजरात बता कर भारत की छवि को किया शर्मसार

    वंशवाद पर थरूर का वार, कांग्रेस बैकफुट पर, क्या राहुल-प्रियंका अब भी ‘राष्ट्रीय विकल्प’ कहे जा सकते हैं?

    वंशवाद पर थरूर का वार, कांग्रेस बैकफुट पर, क्या राहुल-प्रियंका अब भी ‘राष्ट्रीय विकल्प’ कहे जा सकते हैं?

    लालू परिवार की टूटती राजनीति और तेजस्वी–तेजप्रताप टकराव: बिहार विधानसभा चुनाव में RJD का अस्थिर परिदृश्य और NDA की रणनीतिक चुनौती

    लालू परिवार की टूटती राजनीति और तेजस्वी–तेजप्रताप टकराव: बिहार विधानसभा चुनाव में RJD का अस्थिर परिदृश्य और NDA की रणनीतिक चुनौती

    बिहार की महिला शक्ति और एनडीए का विजन: आज शाम इन महिलाओं से बात करेंगे पीएम मोदी, जानें एनडीए का चुनाव के लिए क्या है प्लान

    बिहार की महिला शक्ति और एनडीए का विजन: आज शाम इन महिलाओं से बात करेंगे पीएम मोदी, जानें एनडीए का चुनाव के लिए क्या है प्लान

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतहासिक जीत

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

ज़ेलेंस्की ने अपनी इमेज बनाने के लिए यूक्रेन के भविष्य की कुर्बानी दे दी?

जनमत संग्रह में क्रीमिया में जब 90 प्रतिशत लोग रूस में शामिल होने के पक्ष में दिखे तो तथाकथित लिबरल कहलाने वाले लोगों ने असली दमन शुरू किया

Anand Kumar द्वारा Anand Kumar
5 March 2025
in विश्व
ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच हाल ही में झड़प हो गई थी

ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच हाल ही में झड़प हो गई थी

Share on FacebookShare on X

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात में जो झड़प जैसी स्थिति बनी, उसके बाद से भारत के सदा संदिग्ध (यूजुअल सस्पेक्ट्स) जमात में बड़ी हलचल है। कई मासूम ज़ेलेंस्की को ‘छप्पन इंची’ घोषित करने पर आमादा हैं। यूके में ज़ेलेंस्की की प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात और यूके के जेलेंस्की को समर्थन की बातों के बाद से गिरोहों में उछल-कूद और भी बढ़ी है। लेकिन प्रश्न ये है कि क्या अपनी छवि के चक्कर में ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन की जनता के भविष्य की कुर्बानी दे डाली है?

इसके लिए हमें रूस-यूक्रेन और पश्चिमी देशों के संबंधों को थोड़ा सा पीछे जाकर देखना पड़ता है। शीत युद्ध के बाद के समय में जब सोवियत संघ बिखर गया था, उस समय यूक्रेन अलग हुआ और तभी से वाशिंगटन ने इस क्षेत्र में नाटो की पैठ बनाने की कोशिशें तेज कर दी थी। कहने के लिए तो गोर्बाचोव को अमेरिका ने कहा कि वो पूर्व की ओर नहीं बढ़ेंगे लेकिन असल में नाटो पोलैंड और बाल्टिक सागर के इलाकों में अपनी जड़ें जमा रहा था। सीआईए ने जैसे कई देशों में लोकतंत्र की हत्या करने के लिए आंदोलनों की मदद की है, वैसे ही 2004 में वो रूस का समर्थन करने वाले उम्मीदवार को हराने के लिए ‘ऑरेंज रेवोलुशन‘ नाम के एक आन्दोलन को शह देने में जुटी थी। युशचेंको के बदले विक्टर यानुकोविच सत्ता में आये।

संबंधितपोस्ट

भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

इस्तांबुल में पाकिस्तान की कूटनीतिक हार: जब झूठ, दोहरापन और ‘ब्लेम इंडिया’ की नीति ने उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया

और लोड करें

विक्टर यानुकोविच भी 2014 आते-आते पश्चिमी देशों की आँखों में खटकने लगे क्योंकि उन्होंने यूरोपियन यूनियन के व्यापार समझौतों से इन्कार कर दिया था। अपने देश की कुर्बानी देकर विदेशियों को आगे बढ़ने न देने की कोशिशों के कारण सीआईए ने 2014 में तख्तापलट को अंजाम दिया। जैसा भारत में कभी राडिया टेप काण्ड में सुनाई दिया था, वैसे ही इस काण्ड में यानुकोविच के हटने से पहले ही विक्टोरिया नुलैंड जैसे अधिकारी अगली सरकार किसकी हो ये तय कर रहे थे। इस समय तक नव-नाजी समूह (Azov Battalion) इतने शक्तिशाली हो चुके थे कि वो राजधानी कीव तक नाजियों के जश्न मनाते थे।

जो नयी सरकार आई उसने रूसी भाषा पर प्रतिबन्ध लगाया और इस पर डोनबॉस और क्रीमिया के लोग भड़क गए। पूर्वी यूक्रेन में रूसी बोलने वालों पर अत्याचार होने शुरू हुए। जनमत संग्रह में क्रीमिया में जब 90 प्रतिशत लोग रूस में शामिल होने के पक्ष में दिखे तो तथाकथित लिबरल कहलाने वाले लोगों ने असली दमन शुरू किया। आठ वर्षों तक यूक्रेन की सरकार अपने ही लोगों पर गोलीबारी करती रही और आज जो यूके, ज़ेलेंस्की का समर्थन करके अपनी पीठ खुद थपथपा रहा है, वो भी नरसंहारों पर चुप रहा।

ऐसा नहीं था कि ये घटनाएं बिना स्थानीय संगठनों के ही चल रही थी। अमेरिकी फण्ड, विशेषकर यूएसऐड के जरिये जाने वाले फण्ड के जरिये ‘फ्रीडम हाउस’ जैसे संगठन बनाये गए थे। इनके ही माध्यम से ‘ऑरेंज रेवोलुशन’ जैसे आन्दोलन छेड़े गए। जो पुरानी फाल्ट लाइन्स (विभाजक रेखाएं) थीं, चाहे वो रुसी और यूक्रेनियाई भाषा के झगड़े हों, दोनों देशों के चर्च की प्रतिस्पर्धा हो, इन सबको उकसाते रहा गया। कम्युनिस्टों का एक पुराना कारनामा होलोडोमोर भी था। स्टालिन ने जबरन ‘कलेक्टिवेशन’ यानी सामूहिक खेती के लिए यूक्रेन के लोगों को मजबूर किया था।

कम्युनिस्टों ने किसानों की जमीनें हड़प ली थीं, और विरोध करने वाले लोगों को गोली मार दी या साइबेरिया भेज दिया। इसकी वजह से अकाल आया और होलोडोमोर (भूखमरी) से 1932-33 में तीस लाख से एक करोड़ यूक्रेनियाई लोग मरे थे। इस घटना को जीवित रखा गया। बार-बार याद दिलाया गया। रह-रह कर कोई यूरोपियन संघ का सदस्य देश होलोडोमोर को नरसंहार के रूप में मान्यता देता और उसपर छिड़ी बहसों से होलोडोमोर की यादें यूक्रेन के लोगों के लिए फिर से ताजा हो जाती। कुछ ही समय पहले फ्रांस ने होलोडोमोर को नरसंहार के रूप में मान्यता दी। इसके लिए जेलेंस्की ने फ्रांस का आभार जताया और रूस ने इस बात का विरोध भी किया था।

वापस मौजूदा दौर पर चलें तो ज़ेलेंस्की के पास कोई राजनैतिक दल नहीं था, न ही वो किसी तरह से राजनीति से जुड़ा हुआ कोई व्यक्ति था। वो एक टीवी शृंखला में कॉमेडी एक्टर (मसखरा) था। मार्च 2018 में अचानक निर्देशन की कंपनी (Kvartal 95) ने उसी नाम से एक राजनैतिक दल का निबंधन करवाया, जो टीवी शृंखला में जेलेंस्की की पार्टी का नाम था– ‘सर्वेंट ऑफ द पीपल‘। दिसम्बर 2018 में जेलेंस्की ने राष्ट्रपति चुनावों में उतरने की घोषणा कर दी और बिलकुल वैसा ही मुद्दा चुना जैसा आप भारत में भी देख चुके हैं। जी हाँ, मुद्दा भ्रष्टाचार था और ये आप दिल्ली में देख चुके हैं।

राष्ट्रपति बनने के बाद ज़ेलेंस्की एमआई6 (ब्रिटिश गुप्तचर संगठन) के रिचर्ड मूर से 2020 में मिल रहे थे। ओर्थोडॉक्स चर्च की प्रमुखता वाले इलाकों से होने पर भी कैथोलिक वेटिकन जाकर ब्रिटिश मूल के बिशप से मिल रहे थे। चुनाव का ज़ेलेंस्की का खर्च इहोर कोलोमोइस्की ने उठाया था जो तेल और बैंकों के व्यापार से जुड़ा एक बड़ा उद्योगपति है। सत्ता में आने के बाद ज़ेलेंस्की कोई शांति-व्यवस्था नहीं लाये बल्कि डोनबास के पास यूक्रेन की सेनाएं विपक्षियों को कुचलने के लिए तैनात हो चुकी थी।

रूस के पास 2022 में कोई विकल्प ही नहीं बचे थे। सीआईए और नाटो की कठपुतली ज़ेलेंस्की को मनमानी करने दिया जा सकता था। नाटो के यूक्रेन में बेस बनाने और पकड़ कायम करने छोड़ा जा सकता था, डोनबास में रुसी बोलने वालों को रूस मरने छोड़ सकता था, या फिर सैन्य अभियान के जरिये वो इसे रोकता। रूस ने सैन्य अभियान का रास्ता चुना। जवाब में अमेरिकी कंपनियों ने रूस में अपनी सेवाएँ बंद कर दी। बैंकिंग व्यवस्था में वीसा जैसे माध्यम जो ऑनलाइन लेन-देन में काम आते हैं, वो बंद कर दिए गए। इसी से मोदी सरकार ने भारत में सीख लेते हुए, ‘रुपे’ नाम का विकल्प खड़ा कर लिया। तेल भण्डार रूस के ही पास थे इसलिए अभी भी यूरोपीय संघ के देश तेल रूस से ही खरीद रहे हैं, भले प्रतिबन्ध जितने भी लगा रखे हों।

कुल मिलाकर रूस के हमलों के बाद यूक्रेन की जो स्थिति है, उसे सुधारने की क्षमता या राजनैतिक सूझ-बूझ कहीं से ज़ेलेंस्की के पास नहीं दिखती है। जैसे भ्रष्टाचारी उसके साथ सत्ता का सुख लूटते रहे हैं, उस स्थिति में वो मदद के नाम पर मिले पैसों का घपला रोक पायेगा, ऐसा भी नहीं लगता। चुनाव रुकवाकर तानाशाही रवैया भी वो दिखा चुका है और NGOs के जरिये बनी ऐसी पार्टियों के कामकाज से भी भारतीय परिचित हैं। किसी भी देश में मौजूद विभाजक रेखाओं (फाल्ट लाइन्स) पर लोकतंत्र बचाने या संविधान बचाने के नाम पर ऐसे ही आन्दोलन चलाये जाते हैं और उनका परिणाम किसी तानाशाह को स्थापित करना ही होता है। विदेशों में कई उदाहरणों में ये दिखेगा, उम्मीद है यूक्रेन के ताजा उदाहरण में भारत में वही भाषा, क्षेत्रवाद, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे कैसे ‘लोकतंत्र/संविधान बचाओ’ कहने वाले प्रयोग कर रहे हैं, वो भी दिख ही गया होगा।

स्रोत: यूक्रेन, अमेरिका, रूस, वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की, डोनाल्ड ट्रंप, Ukraine, America, Russia, Volodymyr Zelenskyy, Donald Trump,
Tags: AmericaDonald TrumpRussiaUkraineVolodymyr Zelenskyyअमेरिकाडोनाल्ड ट्रंपयूक्रेनरूसवोलोदिमीर जेलेंस्की
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

दलित युवक ऋषभ को मुस्लिम भीड़ ने घेरा, गालियों के साथ लात-घूँसो की भी बौछार; रायबरेली पुलिस ने अब तक 2 को दबोचा… बाक़ी हमलावरों की तलाश जारी

अगली पोस्ट

संभल में हिंदुओं पर हुए अत्याचारों की लिस्ट कितनी लंबी है?

संबंधित पोस्ट

मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती
आयुध

मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

4 November 2025

पाकिस्तान के अंधेरे कारागार में बैठा इमरान खान सिर्फ एक कैदी नहीं है। वह उस सत्ता-संघर्ष का प्रतीक है, जिसने पाकिस्तान को 77 वर्षों से...

भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध
चर्चित

भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

3 November 2025

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, ISRO, ने एक बार फिर साबित कर दिया कि विज्ञान और तकनीक में भारत किसी से पीछे नहीं है। मार्च 2026...

हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब
आयुध

हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

3 November 2025

मंच पर अभ्यास का नाम छोटा नहीं है ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’। यह एक संकेत है कि भारत ने अब सीमाओं की रक्षा को सधे संयोजन,...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

00:06:48

How Pakistan’s Navy Is Linked to the Global Meth Smuggling Network?

00:04:44

How Marya Shakil Whitewashed RJD’s Genocidal ‘Bhura Baal Saaf Karo’ Slogan?

00:07:12

Will India Finally Know The Truth About Netaji’s Death?

00:08:41

When Grief Met Greed: The Shocking Story of a Father & Bengaluru’s Bribe Chain

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited