मंगलवार को बैसरन घाटी में हुआ आतंकी हमला न सिर्फ 26 मासूम जिंदगियां लील गया, बल्कि उस भरोसे को भी तोड़ गया जिसने इस वादी को ‘धरती का स्वर्ग’ बनाया था। यह हमला अब कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था पर भी भारी पड़ रहा है देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों ने डर और असुरक्षा के चलते बड़ी संख्या में अपनी यात्राएं रद्द कर दी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के आंकड़े बताते हैं कि करीब 90% टूर बुकिंग्स अब रद्द हो चुकी हैं। दिल्ली की प्रमुख ट्रैवल एजेंसियों ने बुधवार को पुष्टि की कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद से टूरिस्ट्स की तरफ से जम्मू-कश्मीर की यात्रा को लेकर घबराहट साफ देखी जा रही है।
फ्लाइट, होटल, बस सब कैंसिल कराने की मांग
आतंकी हमले की खबर आते ही पहलगाम जाने का सपना संजोए परिवारों में डर और बेचैनी फैल गई। बस, फ्लाइट और होटल जो भी तैयारियां महीनों पहले से की गई थीं, सब कुछ एक पल में ध्वस्त हो गया। दिल्ली के कुशा ट्रैवल्स के मालिक देव बताते हैं कि जैसे ही आतंकी हमले की खबर आई, उन्हें लगातार फोन आने लगे। लोगों ने अपनी यात्रा रद्द करने की गुहार लगाई कहा कि अब वे इस खतरे के माहौल में अपने परिवार को नहीं भेज सकते।
गुड गाइड टूर्स एंड ट्रैवल्स के ट्रैवल एजेंट कार्तिक वर्मा भी यही चिंता जाहिर करते हैं। उनके मुताबिक, अप्रैल और मई महीने के लिए कश्मीर की 20 से ज़्यादा बुकिंग्स थीं, लेकिन अब लगभग सभी को अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दिया गया है। उन यात्रियों का डर बिलकुल जायज़ है जब ‘धरती के स्वर्ग’ में गोलियों की आवाज़ गूंजने लगे, तो पर्यटकों के दिलों में खौफ गहराना स्वाभाविक है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हालात ऐसे हैं कि लोग अपने पैसे वापस मांग रहे हैं। वे कह रहे हैं कि वे अपने प्रियजनों को ऐसी ज़मीन पर नहीं ले जा सकते जहां से लौटना भी एक सवाल बन जाए। लेकिन परेशानी सिर्फ पर्यटकों तक सीमित नहीं है। टूर एजेंसियों के सामने भी बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। कई बुकिंग्स खासतौर पर फ्लाइट्स और होटलों की रिफंडेबल नहीं थीं, जिससे आर्थिक नुकसान और ग्राहकों की नाराजगी एक साथ झेलनी पड़ रही है।
यही नहीं रिपोर्ट्स की मानें तो पर्यटन स्थलों के अलावा धार्मिक स्थानों पर भी लोग जाने से बच रहे हैं। एक ट्रैवल एजेंसी ने मीडिया को जानकारी दी है कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद वैष्णों देवी के दर्शन के लिए जा रहे परिवारों ने भी अपनी बुकिंग रद्द कर दी है।