जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से सेना समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियां एक्शन में है। सेना चुन-चुन कर आतंकी और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई में जुटी हुई है। इसी कड़ी में अब तक 8 आतंकियों के घर जमींदोज किए जा चुके हैं। साथ ही आतंकियों का सहयोग करने वाले लोगों को भी बड़ी संख्या में पकड़ा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शनिवार (26 अप्रैल, 2025) को 4 और आतंकियों का घर जमींदोज कर दिया गया। इस तरह से अब तक 8 आतंकियों के घर पर कार्रवाई हो चुकी है। यह कार्रवाई शोपियां, कुलगाम और कुपवाड़ा जिले में की गई। शोपियां में लश्कर के आतंकी शाहिद अहमद कुट्टे का घर का गिराया गया। कुट्टे साल 2023 से फरार चल रहा है।
इसी तरह कुलगाम जिले में भी जाकिर नामक आतंकी का घर गिराया गया। जाकिर भी साल 2023 से गायब और उसके भी लश्कर या TRF से जुड़े होने की बात सामने आई है। साथ ही हार्डकोर आतंकी फारूक तीव्ड़ा का भी घर सुरक्षाबलों ने गिरा दिया है।
फारूक के साल 1990 में ही पाकिस्तान जाने की बात कही जाती है। वह तब से वहीं रह रहा है और भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। उसका घर कुपवाड़ा में था, जिसे सुरक्षाबलों ने उड़ा दिया है। अधिकांश घर पूरी तरह तहस-नहस हो गए हैं। बांदीपोरा में भी एक आंतकी जमील अहमद का घर गिराए जाने की बात सामने आई है। सुरक्षाबलों ने पहलगाम में आतंकी हमले के बाद आतंकवादी अहसान उल शेख के मकान को ध्वस्त कर दिया। साथ ही, पुलवामा में अहसान उल शेख के घर को भी विस्फोट से उड़ा दिया गया। इसके अलावा, आतंकी अदनान शफी का घर भी पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।
इसके साथ ही, सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले की जांच और कार्रवाई को और तेज कर दिया है। कश्मीर में लगभग 2,000 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें आतंकियों के समर्थक, पूर्व आतंकी, और ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) शामिल हैं। इनसे गहन पूछताछ जारी है। पुलिस ने दो आतंकी समर्थकों को हथियारों के साथ गिरफ्तार भी किया है। इससे पहले, हमले में शामिल आतंकियों के चित्र और रेखाचित्र (स्केच) जारी किए गए थे। पहलगाम हमले से संबंधित जानकारी देने वाले के लिए 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा भी की गई है। आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन निरंतर चलाए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम के एक पर्यटक स्थल पर इस्लामी आतंकियों ने 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमले से पहले आतंकियों ने यह सुनिश्चित किया था कि उनके निशाने पर हिंदू हैं या नहीं। इस हमले में एक दर्जन से अधिक लोग घायल भी हुए थे।