पश्चिम बंगाल में भड़की हिंसा के चलते राज्य सरकार की निष्क्रियता कटघरे में है। मुर्शिदाबाद और मालदा में हुई हालिया सांप्रदायिक झड़पों ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल कर दिए हैं। ऐसे समय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा की गई अपील को दरकिनार करते हुए शुक्रवार को बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने संवैधानिक जिम्मेदारी निभाते हुए मुर्शीदबाद जैसे संवेदनशील इलाकों का दौरा किया। राज्यपाल ने राहत शिविरों में पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और घटनास्थल का निरीक्षण कर हालात की असल तस्वीर सामने लाने की कोशिश की जो ममता सरकार के ‘क्लीन चिट’ नैरेटिव से अलग है।
मुर्शीदबाद के दौरे पर पहुंचें राज्यपाल ने वहां की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा, “वहां जो कुछ हुआ, वह ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था… अगर मैं कहूं तो, बंगाल की सड़कों पर जो मौत का नाच चल रहा है, यह हिंसा का पंथ किसी भी हालत में सहन नहीं किया जा सकता।”
क्या बोले राज्यपाल
मुर्शीदबाद के दौरे पर पहुंचें राज्यपाल ने वहां की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा वी आनंद बोस ने कहा, “वहां जो कुछ हुआ, वह ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था… अगर मैं कहूं तो, बंगाल की सड़कों पर जो मौत का नृत्य चल रहा है, यह हिंसा का पंथ किसी भी हालत में सहन नहीं किया जा सकता। हमें एक प्रयास करना चाहिए, और सभी संबंधित पक्षों को एकजुट होना होगा। मैदान का दौरा करने और वहां के लोगों की भावनाओं को साझा करने के बाद, मैं निश्चित रूप से इस पर एक कार्य योजना तैयार करूंगा, जिसे मिशन मोड में लिया जाएगा, यानी किसी भी कीमत पर हिंसा से लड़ना।”
#WATCH | “…Violence is showing its ugly head on and off in Bengal in various places. We have to coffin the cult of violence and drive the last nail in the coffin. That is a task which is necessary to maintain peace and tranquillity in Bengal…” says West Bengal Governor CV… pic.twitter.com/rS36TNjTEA
— ANI (@ANI) April 18, 2025
उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल में हिंसा विभिन्न स्थानों पर बार-बार अपने घृणित रूप में सामने आ रही है। हमें हिंसा के इस पंथ को खत्म करना होगा और इस पर अंतिम कील ठोकनी होगी। यह एक ऐसा कार्य है जो बंगाल में शांति और अमन बनाए रखने के लिए आवश्यक है…” पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद और मालदा के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ितों से मिलने के रास्ते में यह कहा।
गवर्नर के सामने पीड़ितों ने रखी थी 3 मांग
17 अप्रैल, गुरुवार को पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार राजभवन पहुंचे, लेकिन वो अकेले नहीं थे। उनके साथ मुर्शिदाबाद दंगों में सब कुछ गंवा चुके उन परिवारों का एक दल भी था, जिन्हें हालिया हिंसा ने बेघर कर दिया है। इन पीड़ितों ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से मुलाकात की और अपनी टूट चुकी ज़िंदगियों की कहानी साझा की।
#WATCH | West Bengal Governor CV Ananda Bose arrives at Sealdah railway station; from here, he will travel to violence-affected Malda. pic.twitter.com/TaShLKi7q0
— ANI (@ANI) April 18, 2025
राज्यपाल के सामने इन लोगों ने न सिर्फ़ अपनी पीड़ा रखी, बल्कि सरकार से तीन अहम मांगों रोज़गार की बहाली, आर्थिक मुआवज़ा और सबसे अहम, सुरक्षा के लिए स्थायी केंद्रीय बलों की तैनाती की भी गुहार लगाई है। दूसरी ओर, हिंसा के बाद दबाव में आई बंगाल पुलिस ने एक नौ सदस्यीय जांच टीम बनाई है, जो इस घटना के पीछे की वजहों की पड़ताल करेगी। लेकिन विपक्षी दलों का आरोप है कि ये महज लीपापोती है।
ममता ने गवर्नर से की थी अपील
17 अप्रैल 2025 को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक अप्रत्याशित अपील करते हुए राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से आग्रह किया कि वे फिलहाल मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा न करें। राज्य सचिवालय से मीडिया को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “मैं गैर-स्थानीय लोगों से अपील करूंगी कि वे फिलहाल मुर्शिदाबाद न जाएं। मैं राज्यपाल से भी निवेदन करती हूं कि कुछ दिन प्रतीक्षा करें। हम विश्वास बहाली की कोशिशें कर रहे हैं और स्थिति सामान्य हो रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि वे खुद भी फिलहाल हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में नहीं जाएंगी ताकि कोई यह न कहे कि वह राजनीतिक बढ़त लेने की होड़ में हैं। लेकिन मुख्यमंत्री की यह ‘राजनीतिक संयम’ की अपील ज़मीनी सच्चाई के आगे टिक नहीं सकी। राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने उसी दिन अपनी स्पष्ट टिप्पणी देते हुए कहा कि वह घटनास्थल का दौरा अवश्य करेंगे। उन्होंने कोलकाता में मुर्शिदाबाद हिंसा के कुछ पीड़ितों से मुलाकात के बाद दो टूक कहा, “मैं ज़रूर मुर्शिदाबाद जाऊंगा। स्थिति को वस्तुनिष्ठ रूप से देखना जरूरी है। हिंसा नियंत्रण में आई है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और कदम उठाने होंगे।”