बंगाल हिंसा: बीजेपी ने ‘हिंदू शहीद दिवस’ मना दी मृतकों को श्रद्धांजलि, पार्टी नेता बोले- ‘खून के बदले खून की हुई मांग’

जिन्होंने रक्त दिया राष्ट्र के लिए, उनके परिवार भूखे ना रहें – हिन्दू शहीदों के परिजनों को नौकरी दिलाने के लिए भाजपा की हुंकार

बीजेपी ने 'हिंदू शहीद दिवस' मना दी मृतकों को श्रद्धांजलि

बीजेपी ने 'हिंदू शहीद दिवस' मना दी मृतकों को श्रद्धांजलि

जहां आज देश की सर्वोच्च अदालत वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, वहीं पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद जिला अभी भी उस भीषण जिहादी हिंसा के जख्मों से कराह रहा है, जिसमें दो हिंदू मूर्ति-कार हरगोविंद दास और चंदन दास की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हृदयविदारक घटना के विरोध में भारतीय जनता पार्टी ने राज्यभर में ‘हिंदू शहीद दिवस’ मनाने का आह्वान किया। इस आयोजन के माध्यम से हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई और साथ ही एक ठोस मांग भी उठाई गई कि जिन परिवारों ने अपने अपनों को इस जिहादी हिंसा में खोया है, उन्हें सम्मानपूर्वक सरकारी नौकरी दी जाए ताकि वे सम्मान से अपना जीवन बिता सकें।

BJP के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रत्युष सिंह ने TFI से बात करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि उन हिन्दू परिवारों के प्रति कर्तव्यबोध है, जो जिहादी हिंसा के निशाने पर आए। उन्होंने कहा, “यह दिवस केवल स्मृति दिवस नहीं है, यह संघर्ष का प्रतीक है। कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद लोगों के बीच भारी आक्रोश देखने को मिला और ‘रक्त के बदले रक्त’ जैसे नारे सुनाई दिए, जो यह दर्शाते हैं कि हिन्दू समाज अब और चुप नहीं बैठेगा।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ममता सरकार की तुष्टिकरण नीति और BSF को सीमित अधिकार देने की जिद ने बंगाल को असुरक्षित बना दिया है। बंगाल में हिंदुओं के पलायन और हिंसा के लिए राज्य सरकार पूरी तरह ज़िम्मेदार है।

इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ बंगाल बनता जा रहा बंगाल – प्रत्युष सिंह

TFI से बातचीत के दौरान, मुर्शिदाबाद में हो रही घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “मुर्शिदाबाद में जो भी घटनाएं हो रही हैं, वो कोई नई घटनाएं नहीं हैं। ये हमने हमेशा देखा है कि ये घटनाएं लगातार होती रही हैं। आज वक्फ बिल को बहाना बनाकर इन घटनाओं को और उग्र किया जा रहा है, ताकि मीडिया में इनकी कवरेज हो सके। हिन्दुओं का पलायन लगातार हो रहा है, लेकिन अभी जो घटनाएं जिस स्केल पर हुई हैं, वो पहले नहीं देखा गया था।”

उन्होंने कहा, “हरगोविंद दास और उनके बेटे को सिर्फ इसलिए मारा गया क्योंकि वे दुर्गा मां की मूर्तियां बनाते थे। उन्हें मूर्ति बनाने और बुद्धिपरस्ती के लिए मारा गया। पश्चिम बंगाल अब ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ बंगाल’ बनता जा रहा है। हिन्दुओं का नरसंहार हो रहा है, वे पलायन को मजबूर हैं। ऐसे हालात में ममता बनर्जी कहती हैं कि सब कुछ ठीक है और उनके मंत्री भी कहते हैं सब कुछ ठीक है। यहां तक कि कोलकाता के मेयर भी यही रट लगाते हैं – ‘सब ठीक है’। हिन्दुओं का पलायन बंगाल के अंदर हो रहा है मतलब बंगाल के अंदर कोई हिन्दू अगर अपना घर छोड़ रहा है तो ठीक है। ऐसे में एक तरह से बंगाल में जो हिन्दू समूल नाश करने की प्रक्रिया चल रही है उसके विरुद्ध आज ‘हिन्दू शहीद दिवस’ मनाया गया है।”

आगे बात करते हुए उन्होंने कहा, “यह बलिदानी दिवस केवल सांकेतिक नहीं है, बल्कि इस दिन के ज़रिए बंगाल भाजपा यह प्रण ले रही है कि जिन-जिन हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है, उसका हम बदला लेंगे। और बदला लेने से हमारा मतलब है लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीकों से उन सरकारों और शक्तियों को समाप्त करना, जो इस विनाश की नींव रख रही हैं। हमारा लक्ष्य है बंगाल में एक बार फिर हिन्दू होमलैंड की स्थापना।”

ममता बनर्जी को भाजपा का जवाब

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा वक्फ कानून को लेकर दिए गए बयानों और मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर बीजेपी पर लगाए गए आरोपों को भाजपा ने सिरे से खारिज करते हुए करारा जवाब दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को इमामों को संबोधित करते हुए कहा कि बंगाल को बदनाम किया जा रहा है और फेक वीडियो के ज़रिए बीजेपी लोगों को भड़का रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यूपी-बिहार के वीडियो दिखाकर बंगाल को बदनाम किया जा रहा है। साथ ही ममता ने आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद की हिंसा एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें बाहरी लोगों को बुलाकर हिंसा कराई गई।

इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रत्युष सिंह ने स्पष्ट कहा, “जब केंद्र सरकार ने BSF का अधिकार क्षेत्र 50 किलोमीटर तक बढ़ाने का निर्णय लिया था, तब इसका सबसे मुखर विरोध ममता बनर्जी ने ही किया था। आज बंगाल में BSF की स्थिति इतनी कमजोर है कि अगर वे किसी घुसपैठिए को पकड़ते हैं, तो उसे स्थानीय थाना को सौंपना पड़ता है, जहां से वह छूट जाता है।”

प्रत्युष सिंह ने यह भी कहा, “BSF के लिए ज़रूरी सीमा फेंसिंग की ज़मीन तक ममता सरकार उपलब्ध नहीं करा रही है। बंगाल का स्थानीय प्रशासन आज घुसपैठियों और अवैध कारोबारियों के साथ मिलकर राजनीतिक दुकान चला रहा है। यही कारण है कि हमारी पैरामिलिट्री फोर्स, BSF, बेहद कमजोर स्थिति में पहुंच गई है। और आज बंगाल में जो हिंदुओं पर हिंसाएं हो रही हैं, उनकी अकेली ज़िम्मेदार ममता बनर्जी और उनकी सरकार है।”

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