राहुल, प्रियंका, केजरीवाल, स्टालिन, ओवैसी समेत सैकड़ों नेता फिलिस्तीन पर बहा रहे थे आंसू…मुर्शिदाबाद पर साध ली है चुप्पी

पश्चिम बंगाल मुर्शिदाबाद हिंसा

फिलिस्तीन पर आंसू बहाने वाले नेताओं ने मुर्शिदाबाद पर साध ली है चुप्पी

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में महजबी भीड़ हिंदुओं को प्रताड़ित कर रही है। मारपीट, लूटपाट से लेकर घरों में आगजनी और हत्या की घटनाएं सामने आ रही हैं। इनके चलते हिंदू पलायन करने को मजबूर हो रहा है। लेकिन INDI गठबंधन में शामिल पार्टियों ने बंगाल हिंसा पर चुप्पी साध रखी है। इससे ऐसा लग रहा है, जैसे कि ममता बनर्जी सरकार में हो रही हिंसा को मूक समर्थन दिया जा रहा हो। ये वही लोग हैं जिन्होंने फिलिस्तीन में इजराइल के हमलों को लेकर पोस्ट्स की झड़ी लगा दी थी। कई ने तो वीडियो भी जारी किया था।

इस लिस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे से लेकर पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी समेत कई नेताओं का नाम शामिल है। इसके अलावा DMK और AAP नेताओं ने भी हमास आतंकियों की हरकतों के चलते हुई हत्याओं को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। लेकिन अब पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंदुओं की हत्या और पलायन को लेकर एक पोस्ट करना भी उचित नहीं समझा।

मलिकार्जुन खड़गे:

कांग्रेस के आधिकारिक अकाउंट के साथ ही पार्टी अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर लिखा था कि गाजा में इजराइल के हमलों को मानवीय त्रासदी है। साथ ही खड़गे ने इजराइल को जवाबदेह ठहराने की भी मांग की थी। मुर्शिदाबाद में हो रही हिंसा को अब 5 दिन से अधिक का समय चुका है। लेकिन खड़गे ने ना तो एक बयान जारी किया और ना ही सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट किया है।

राहुल गांधी:

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर इजराइल द्वारा गाजा पर किए गए हमलों को मानवता के खिलाफ बताया था। यहां तक कि वह तो दुनिया भर की तमाम समस्याओं पर अपनी राय देते नहीं थकते। लेकिन अब मुर्शिदाबाद में इस्लामवादियों द्वारा किए जा रहे उत्पात पर चुप्पी साध रखी है।

प्रियंका गांधी:

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने हमास की करतूतों पर जवाब देने को इजरायल की बर्बरता करार दिया था। साथ ही 3 पैराग्राफ लंबे अपने पोस्ट में इजराइली प्रधानमंत्री से लेकर अमेरिका तक का जिक्र करते हुए नरसंहार कह दिया था। लेकिन अब मुर्शिदाबाद में हिंदुओं की हत्या पर प्रियंका गांधी का ‘मौन व्रत’ अब तक नहीं टूटा है।

असदुद्दीन ओवैसी:

AIMIM प्रमुख और विवादित व भड़काऊ बयान देने वाले असदुद्दीन ओवैसी ने हमास पर इजराइल के हमलों को लेकर एक्स पर पोस्ट किया था। इसमें, संयुक्त राष्ट्र संघ में गाजा मुद्दा न उठाने को लेकर PM मोदी की आलोचना की थी। साथ ही पोस्ट में ग्लोबल साउथ, दक्षिण एशिया और ब्रिक्स जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए फिलिस्तीन के मुद्दे को मानवीय मुद्दा बताया था। लेकिन अब पश्चिम बंगाल में कट्टरपंथी भीड़ हिंसा कर रही है तो असदुद्दीन ओवैसी के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा है।

अरविंद केजरीवाल:

AAP सुप्रीमो और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध को लेकर चिंता जताई थी। लेकिन अब मुर्शिदाबाद में मुस्लिमों द्वारा हिंदुओं पर किए जा रहे हमलों को लेकर मौन साध रखा है।

एम के स्टालिन:

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इजराइल के हमलों के चलते हुए विनाश व पलायन पर दुख जाहिर किया था। इतना ही नहीं, स्टालिन ने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ व अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की थी। लेकिन अब मुर्शिदाबाद में जो हो रहा है, उस पर स्टालिन ने कुछ भी कहना उचित नहीं समझा।

इसके अलावा, शशि थरूर, कपिल सिबल, राघव चड्ढा, स्वरा भास्कर, सुस्मिता देव, रणदीप सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल समेत INDI गठबंध के अनेकों नेताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से लेकर सार्वजनिक मंचों तक में फिलिस्तीन पर दुख जताया था। लेकिन अब ममता बनर्जी की सरकार में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर चुप्पी साध रखी है।

 

 

Exit mobile version