Hanuman Janmotsav In Bahrain: भारत हो या विश्व का कोई देश सनातन की ज्योत पूरी दुनिया में जल रही है। अपने देश से विदेशों में गए हिंदू वहां भक्ति का प्रचार कर रहे हैं। 18 अप्रैल 2025 दिन शुक्रवार को खाड़ी देश बहरीन में सनातन प्रमियों ने हनुमान जन्मोत्स को उल्लास के साथ मनाया। बहरीन के ब्रम्को परिसर में स्थित दुर्गा माता मंदिर एक आध्यात्मिक उत्सव का गवाह बन गया। यहां 3,000 से अधिक भक्तों ने हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) को उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया।
दोपहर 3 बजे के करीब शुरू हुई ये कार्यक्रम शाम तक चला। इस दौरान पूरी परिसर भक्ति, संस्कृति और सामूहिक प्रार्थना के रंगों में रंग गया। विजयन कुमारन के नेतृत्व में आयोजित यह उत्सव न केवल हनुमानजी की महिमा का उत्सव था, बल्कि एकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी बना।
भक्ति से सराबोर शुरुआत
उत्सव की शुरुआत मंत्रोच्चार के साथ पारंपरिक पूजन और हवन से हुई, जिसने मंदिर परिसर को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। इसके बाद रामायण से प्रेरित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें हनुमानजी के पराक्रम को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसने भक्तों को भावविभोर कर दिया।
अयोध्या से आया आशीर्वाद
अयोध्या से लाए गए प्रभु श्रीराम के पवित्र वस्त्रों को श्रद्धा के साथ सभी दो दिखाया गया। वहीं कार्यक्रम में आए सभी भक्तों को अयोध्या के श्रीराम मंदिर का प्रसाद और हनुमानजी के प्रिय लड्डू वितरित किए गए।
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बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए हवन
एक बच्चे को भगवान राम के रूप में सजाकर शोभायात्रा निकाली गई। इसके सा ही हनुमानजी की पालकी और वानर सेना भी नजर आई। हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया गया। 108 चालीसा का पाठ के साथ गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए विशेष हवन किया गया।
महाआरती और भंडारा
शाम के समय महाआरती के साथ आयोजन का समापन हुआ। इसके बाद भंडारे में भक्तों को लड्डू प्रसादी और अयोध्या का पवित्र प्रसाद वितरित किया गया। यह आयोजन केवल धार्मिक उत्सव तक सीमित नहीं रहा, बल्कि विभिन्न राष्ट्रीयताओं के भक्तों को एक मंच पर लाकर सांस्कृतिक समरसता का संदेश भी दे गया। बहरीन में बसे भारतीय समुदाय के लिए यह उत्सव अपनी जड़ों से जुड़ने और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर बना।