TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Lucknow Police Encounter

    लखनऊ में 3 साल की बच्ची से दरिंदगी, 24 घंटे में पुलिस ने एनकाउंटर में किया ढेर

    Mahua Moitra Pinaki Mishra

    65 के पिनाकी मिश्रा की हुईं 50 की महुआ मोइत्रा, गठबंधन पर क्यों हो रही इन विवादों की चर्चा?

    Sharmistha Panoli Calcutta High Court

    शर्मिष्ठा पनोली को जमानत के साथ हिदायत, कोर्ट रूम में क्या हुआ?

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    एपस्टीन के साथ मेलानिया और डोनाल्ड ट्रंप

    The Epstein files: घिनौना काम करने वाले ट्रंप के ‘दोस्त’ जेफ्री एपस्टीन के रहस्यमई अंत में छिपे हैं कौन से काले राज़?

    आइलैंड में लगभग सभी लैंडफिल साइट्स पूरी क्षमता पर पहुंच गई हैं (Photo - Canva)

    बाली की बड़ी पहल: पानी की छोटी बोतलें होंगी बैन, पर्यावरण को मिलेगी राहत

    Pakistan Ban Ahmadiyya Muslim Eid

    पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

    Westminster Court, Quran, London, Blasphemy Law, Britain, United Kingdom, UK

    कुरान जलाने पर कोर्ट ने दी सजा, क्या यूनाइटेड किंगडम में लौट आया ईशनिंदा कानून?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Lucknow Police Encounter

    लखनऊ में 3 साल की बच्ची से दरिंदगी, 24 घंटे में पुलिस ने एनकाउंटर में किया ढेर

    Mahua Moitra Pinaki Mishra

    65 के पिनाकी मिश्रा की हुईं 50 की महुआ मोइत्रा, गठबंधन पर क्यों हो रही इन विवादों की चर्चा?

    Sharmistha Panoli Calcutta High Court

    शर्मिष्ठा पनोली को जमानत के साथ हिदायत, कोर्ट रूम में क्या हुआ?

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    एपस्टीन के साथ मेलानिया और डोनाल्ड ट्रंप

    The Epstein files: घिनौना काम करने वाले ट्रंप के ‘दोस्त’ जेफ्री एपस्टीन के रहस्यमई अंत में छिपे हैं कौन से काले राज़?

    आइलैंड में लगभग सभी लैंडफिल साइट्स पूरी क्षमता पर पहुंच गई हैं (Photo - Canva)

    बाली की बड़ी पहल: पानी की छोटी बोतलें होंगी बैन, पर्यावरण को मिलेगी राहत

    Pakistan Ban Ahmadiyya Muslim Eid

    पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

    Westminster Court, Quran, London, Blasphemy Law, Britain, United Kingdom, UK

    कुरान जलाने पर कोर्ट ने दी सजा, क्या यूनाइटेड किंगडम में लौट आया ईशनिंदा कानून?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

पीएम मोदी के श्रीलंका दौरे के बीच चर्चा में है ‘कच्चाथीवू’; जानें नेहरू से इंदिरा तक द्वीप की पूरी कहानी

बीते बुधवार को तमिलनाडु विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया कि केंद्र सरकार श्रीलंका से 'कच्चाथीवू' द्वीप वापस ले

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
5 April 2025
in इतिहास, भू-राजनीति
पीएम मोदी के श्रीलंका दौरे के बीच चर्चा में है ‘कच्चाथीवू’; जानें नेहरू से इंदिरा तक द्वीप की पूरी कहानी
Share on FacebookShare on X

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने थाईलैंड दौरे के बाद शुक्रवार शाम श्रीलंका पहुंच गए। श्रीलंका में उनका भव्य स्वागत किया गया। कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर शनिवार को श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी का विशेष औपचारिक स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान ‘कच्चाथीवू’ द्वीप को लेकर चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है। भारत में समय-समय पर इस द्वीप को लेकर बहस होती रही है। बीते बुधवार को तमिलनाडु विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें केंद्र सरकार से मांग की गई कि वह श्रीलंका से ‘कच्चाथीवू’ द्वीप को वापस ले। यह प्रस्ताव विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था। पीएम मोदी स्वयं भी इस द्वीप को श्रीलंका को दिए जाने पर सवाल उठा चुके हैं। आज हम जानेंगे इस द्वीप की पूरी कहानी…

कहां स्थित है कच्चाथीवू?

‘कच्चाथीवू’ भारत और श्रीलंका के बीच पाल्क जलडमरूमध्य (Palk Strait) में स्थित एक एक निर्जन द्वीप है। जहां पीने के पानी का कोई स्रोत नहीं है। माना जाता है कि इस द्वीप का निर्माण 14वीं शताब्दी में ज्वालामुखी विस्फोट के बाद हुआ था। इस द्वीप की लंबाई करीब 1.6 किलोमीटर और चौड़ाई करीब 275 मीटर है, इसका कुल क्षेत्रफल करीब 285.2 एकड़ है। यह रामेश्वरम के उत्तर-पूर्व में भारतीय तट से लगभग 33 किमी और श्रीलंका के उत्तरी सिरे पर जाफना से लगभग 62 किमी दक्षिण-पश्चिम में और डेल्फ्ट द्वीप से 24 किमी दूर स्थित है। इस द्वीप पर कोई स्थायी आबादी या पक्के निर्माण नहीं हैं सिवाय एक रोमन कैथोलिक चर्च के। इस चर्च का निर्माण 20वीं सदी में हुआ था और इसका संचालन जाफना के बिशप द्वारा किया जाता है। वार्षिक उत्सव के दौरान भारत और श्रीलंका दोनों देशों के लोग यहां जुटते हैं।

संबंधितपोस्ट

मोदी का ‘मिशन सिंदूर’: कैंसर कारक केमिकल वाले सिंदूर की विदाई तय?; ‘ट्री मैन’ लांबा ने बताया- पौधे से कैसे बनता है सिंदूर?

नेहरू से राहुल तक सरेंडर की विरासत, और आज कांग्रेस अलाप रही ‘Narendra Surrender’! जानें कैसा रहा है कांग्रेस का इतिहास

ट्रैवल का नया युग: भारत का टूरिज्म सेक्टर 2035 तक छूएगा ₹42 लाख करोड़ का आंकड़ा, रिपोर्ट में बड़ा दावा

और लोड करें
भारत-श्रीलंका के मध्य स्थित कच्चाथीवू (साभार: गूगल मैप्स)

कच्चाथीवू का इतिहास

इस द्वीप पर प्रारंभिक मध्यकालीन अवधि में श्रीलंका के जाफना साम्राज्य का नियंत्रण था। 17वीं शताब्दी आते-आते इसका नियंत्रण रामनाद जमींदारी के हाथ में चला गया, यह रामनाथपुरम से लगभग 55 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित थी।जब जमींदारी समाप्त कर दी गई तो यह मद्रास प्रेसीडेंसी का हिस्सा बन गया। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1622 और 1635 के बीच रामनाथपुरम के शासक कूथन सेतुपति द्वारा जारी एक ताम्र पट्टिका वर्तमान श्रीलंका में थलाईमन्नार तक फैले क्षेत्र पर भारतीय स्वामित्व की पुष्टि करती है, जिसमें कच्चाथीवू भी शामिल है। यह सेतुपति राजवंश के लिए राजस्व का स्रोत होता था।

डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस द्वीप को 1767 में मुथुरामलिंगा सेतुपति को पट्टे पर दिया था और 1822 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे वापस पट्टे पर ले लिया था। 1845 में सीलोन के गवर्नर कोलिन कैंपबेल ने जब जाफनापट्टनम की सीमाओं को रेखांकित किया तो इसमें कच्चाथीवू का ज़िक्र नहीं था। यानी कच्चाथीवू ऐतिहासिक तौर पर भारत का ही हिस्सा रहा था। इंपीरियल रिकॉर्ड्स डिपार्टमेंट की 1922 की एक रिपोर्ट भी ‘इस द्वीप के स्वामित्व’ के प्रश्न पर रामनद के राजा द्वारा द्वीप के स्वामित्व के आधार पर भारत के ऐतिहासिक दावे का समर्थन करती है।

कच्चाथीवू द्वीप के स्वामित्व को लेकर पहली बार विवाद वर्ष 1921 में सामने आया। उस समय भारत और सीलोन (आज का श्रीलंका) के बीच मछली पकड़ने को लेकर मतभेद चल रहे थे। इस समस्या के समाधान के लिए भारत (जिसमें मद्रास सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल थे) और सीलोन के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक आयोजित की गई थी। ‘द गजेटियर’ के अनुसार, 20वीं सदी की शुरुआत में रामनाथपुरम के सीनिकुप्पन पदयाची ने इस द्वीप पर एक मंदिर बनवाया था। उस मंदिर में थंगाची मठ के एक पुजारी पूजा-अर्चना किया करते थे। बाद में द्वितीय विश्व युद्ध के समय अंग्रेजों ने इस द्वीप पर नियंत्रण कर लिया था।

श्रीलंका ने किया कच्चाथीवू पर दावा

आज़ादी के बाद भी इसे लेकर भारत का रुख नरम ही रहा क्योंकि यह ऐतिहासिक तौर पर भारत का ही भाग माना जाता रहा था। 1956 में जब भारत और सीलोन (श्रीलंका) की समुद्री सीमा को बांटने की चर्चा हुई तो यह विवाद लोकसभा में उठा लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री और जवाहरलाल नेहरू ने इस विवाद को खारिज कर दिया। उनका मानना ​​था कि यह ‘राष्ट्रीय प्रतिष्ठा’ का मामला नहीं है। नेहरू ने मई 1961 में कहा था, “मैं इस छोटे से द्वीप को बिल्कुल भी महत्व नहीं देता और इस पर अपना दावा छोड़ने में मुझे कोई झिझक नहीं होगी। मुझे इस तरह के मामले का अनिश्चित काल तक लंबित रहना और संसद में बार-बार उठाया जाना पसंद नहीं है।” नेहरू की टिप्पणियां उस वक्त विदेश मंत्रालय के राष्ट्रमंडल सचिव वाईडी गुंडेविया द्वारा तैयार किए गए एक नोट का हिस्सा थीं।

नेहरू का बयान (RTI दस्तावेज)

यह द्वीप लंबे वक्त तक मछुआरों के ठहरने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा था। फरवरी 1968 के आसपास जब इंदिरा गांधी ने कच्छ क्षेत्र के रण में 250 मील की बंजर भूमि पाकिस्तान को सौंपीं तो श्रीलंका ने इस द्वीप पर अपना दावा करना शुरू कर दिया। श्रीलंका अपने समुद्री क्षेत्र का विस्तार करना चाहता था। 1968 में कोलंबो स्थित सन अखबार ने एक रिपोर्ट निकाली जिसका शीर्षक ‘सीलोन सरकार ने किया कच्चाथीवू पर कब्ज़ा’ था।

श्रीलंका के इस दावे को लेकर एक और जहां भारत सरकार हैरान थी तो दूसरी तरफ श्रीलंकाई सराकर सोच रही थी कि इस द्वीप पर पेट्रोलियम के भंडार हैं जिसे वो अपने हाथों से नहीं जाने देना चाहती है। दोनों देशों के मछुआरे इस द्वीप का इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन यह सीमा विवाद की वजह भी बनता जा रहा था। 80 का दशक आते आते भारत ने दक्षिण एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू किया और इसके तहत उसने पड़ोसी देशों से शांतिपूर्ण संबंध बनाने शुरू कर दिए। इसी कड़ी में भारत को श्रीलंका के साथ सीमा विवाद भी खत्म करना था। जून 1974 में कोलंबो और दिल्ली में दो बैठकें हुई और इस द्वीप को श्रीलंका को सौंपना तय किया गया। शुरुआती समझौतों में कहा गया कि भारतीय मछुवारे भी इस द्वीप पर जा सकेंगे और इस पर बने चर्च में भारतीय लोग बिना वीज़ा जा पाएंगे।

1976 आते-आते भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सीमा को लेकर एक और समझौता हुआ जिसमें तय हुआ कि भारतीय मछुवारे और मछली पकड़ने वाले जहाज श्रीलंका के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में नहीं जा सकेंगे जिसके बाद इस द्वीप को लेकर जारी विवाद भड़क गया। तमिलनाडु के मछुवारे जो इस क्षेत्र में मछली पकड़ते थे वे इससे खफा हो गए और उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया। तमिलनाडु में उस वक्त तक मछुवारों के हित राजनीति दलों के एजेंडे का हिस्सा बन गए थे और केंद्र सरकार पर कच्चाथीवू को वापस लेने का दबाव बनाया जाने लगा। 1991 में तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर इस द्वीप को वापस भारत में मिलाने की बात कही थी।

2008 में जयललिता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अपील की कि 1974 और 1976 के समझौतों को अमान्य घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने दलील दी कि भारत सरकार संविधान में संशोधन किए बिना देश की जमीन किसी अन्य देश को सौंप नहीं सकती। 2011 में जब जयललिता तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं तो उन्होंने विधानसभा में इस मुद्दे पर एक प्रस्ताव भी पारित करवाया। वहीं 2014 में सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कच्चाथीवू द्वीप एक समझौते के तहत श्रीलंका को दिया गया था और अब वह एक अंतरराष्ट्रीय सीमा का हिस्सा बन चुका है। ऐसे में उसे वापस लेना संभव नहीं है। उस दौरान कहा गया कि अगर कच्चाथीवू को वापस लेना है तो इसके लिए युद्ध लड़ना पड़ेगा।

पीएम मोदी ने कच्चाथीवू पर क्या कहा?

खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस द्वीप को श्रीलंका को दिए जाने को लेकर कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला बोल चुके हैं। अगस्त 2023 में पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान इस द्वीप का ज़िक्र किया था। पीएम मोदी ने कहा था, “डीएमके वाले, उनकी सरकार, उनके मुख्यमंत्री मुझे चिट्ठी लिखते हैं कि मोदी जी कच्चाथीवू वापस ले आइए। ये कच्चाथीवू, तमिलनाडु से आगे है, श्रीलंका से पहले एक टापू किसने किसी दूसरे देश को दे दिया था?” पीएम मोदी ने आगे कहा, “क्या वहां भारत माता नहीं थी? क्या वो मां भारती का अंग नहीं था। इसे भी आपने तोड़ा, कौन था उस समय? श्रीमति इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ था। कांग्रेस का इतिहास मां भारती को छिन्न-भिन्न करने का रहा है।”

अगस्त 2024 में बीजेपी के नेता के अन्नामलाई की एक RTI याचिका से जुड़ी खबर को लेकर पीएम मोदी ने ट्वीट किया था। पीएम मोदी ने RTI में मिला जानकारी को लेकर लिखा था, “यह तथ्य आंखें खोलने और चौंकाने वाले हैं। नई जानकारियां सामने आई हैं, जो बताती हैं कि कांग्रेस ने कच्चाथीवू द्वीप को कितनी लापरवाही से सौंप दिया था। इससे हर भारतीय नाराज है और लोगों के मन में यह बात फिर से बैठ गई है कि हम कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं कर सकते! भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना कांग्रेस का 75 साल से काम करने का तरीका रहा है।”

2023 में जब श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे अपने भारत दौरे पर आने वाले थे तो उससे ठीक पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे उठाने की मांग की थी। तमिलनाडु में लगातार इस द्वीप को लेकर चर्चा होती है और लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों का मानना है कि इस द्वीप को भारत को सौंप दिया जाना चाहिए। पीएम मोदी की यात्रा के बीच फिर एक बार इसे लेकर चर्चा तेज़ हो गई है लेकिन इस चर्चा का अंजाम क्या होगा यह तो इस दौरे के बाद ही पता चल सकेगा। फिलहाल, एक बड़ा इसे फिर से भारत को मिलने को लेकर सकारात्मक नज़र आ रहा है।

स्रोत: नरेंद्र मोदी, श्रीलंका, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, कच्चाथीवू, Narendra Modi, Sri Lanka, Jawaharlal Nehru, Indira Gandhi, kachchatheevu,
Tags: Indira GandhiJawaharlal NehrukachchatheevuNarendra ModiSri Lankaइंदिरा गाँधीकच्चाथीवूजवाहरलाल नेहरूनरेंद्र मोदीश्रीलंका
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

पीएम मोदी को दिया गया श्रीलंका का सर्वोच्च सम्मान, रक्षा समेत कई क्षेत्रों के महत्वपूर्ण समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

अगली पोस्ट

बजिंदर सिंह ही नहीं 10 साल में ये 17 पादरी पहुंचे जेल, 2016 में हुई थी सबसे बड़ी सजा

संबंधित पोस्ट

संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू
इतिहास

नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

30 May 2025

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के बड़े नेताओं ने शुक्रवार (30 मई) को गोवा के स्थापना दिवस के मौके पर बधाई दी...

1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)
इतिहास

अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

28 May 2025

जब विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर को ब्रिटिश सरकार ने अंडमान की सेलुलर जेल में कैद किया, तब उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी...

कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954
इतिहास

‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

27 May 2025

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आज (27 मई) 61वीं पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस और बीजेपी के तमाम बड़े...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited