TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

पीएम मोदी के श्रीलंका दौरे के बीच चर्चा में है ‘कच्चाथीवू’; जानें नेहरू से इंदिरा तक द्वीप की पूरी कहानी

बीते बुधवार को तमिलनाडु विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया कि केंद्र सरकार श्रीलंका से 'कच्चाथीवू' द्वीप वापस ले

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
5 April 2025
in इतिहास, भू-राजनीति
पीएम मोदी के श्रीलंका दौरे के बीच चर्चा में है ‘कच्चाथीवू’; जानें नेहरू से इंदिरा तक द्वीप की पूरी कहानी
Share on FacebookShare on X

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने थाईलैंड दौरे के बाद शुक्रवार शाम श्रीलंका पहुंच गए। श्रीलंका में उनका भव्य स्वागत किया गया। कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर शनिवार को श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी का विशेष औपचारिक स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान ‘कच्चाथीवू’ द्वीप को लेकर चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है। भारत में समय-समय पर इस द्वीप को लेकर बहस होती रही है। बीते बुधवार को तमिलनाडु विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें केंद्र सरकार से मांग की गई कि वह श्रीलंका से ‘कच्चाथीवू’ द्वीप को वापस ले। यह प्रस्ताव विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था। पीएम मोदी स्वयं भी इस द्वीप को श्रीलंका को दिए जाने पर सवाल उठा चुके हैं। आज हम जानेंगे इस द्वीप की पूरी कहानी…

कहां स्थित है कच्चाथीवू?

‘कच्चाथीवू’ भारत और श्रीलंका के बीच पाल्क जलडमरूमध्य (Palk Strait) में स्थित एक एक निर्जन द्वीप है। जहां पीने के पानी का कोई स्रोत नहीं है। माना जाता है कि इस द्वीप का निर्माण 14वीं शताब्दी में ज्वालामुखी विस्फोट के बाद हुआ था। इस द्वीप की लंबाई करीब 1.6 किलोमीटर और चौड़ाई करीब 275 मीटर है, इसका कुल क्षेत्रफल करीब 285.2 एकड़ है। यह रामेश्वरम के उत्तर-पूर्व में भारतीय तट से लगभग 33 किमी और श्रीलंका के उत्तरी सिरे पर जाफना से लगभग 62 किमी दक्षिण-पश्चिम में और डेल्फ्ट द्वीप से 24 किमी दूर स्थित है। इस द्वीप पर कोई स्थायी आबादी या पक्के निर्माण नहीं हैं सिवाय एक रोमन कैथोलिक चर्च के। इस चर्च का निर्माण 20वीं सदी में हुआ था और इसका संचालन जाफना के बिशप द्वारा किया जाता है। वार्षिक उत्सव के दौरान भारत और श्रीलंका दोनों देशों के लोग यहां जुटते हैं।

संबंधितपोस्ट

चक्रवात ‘दित्वाह’ से लड़ रहे श्री लंका की मदद को भारत ने बढ़ाया हाथ, ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ ने बताया भारत क्यों है सबसे ‘भरोसेमंद’ पड़ोसी

खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

और लोड करें
भारत-श्रीलंका के मध्य स्थित कच्चाथीवू (साभार: गूगल मैप्स)

कच्चाथीवू का इतिहास

इस द्वीप पर प्रारंभिक मध्यकालीन अवधि में श्रीलंका के जाफना साम्राज्य का नियंत्रण था। 17वीं शताब्दी आते-आते इसका नियंत्रण रामनाद जमींदारी के हाथ में चला गया, यह रामनाथपुरम से लगभग 55 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित थी।जब जमींदारी समाप्त कर दी गई तो यह मद्रास प्रेसीडेंसी का हिस्सा बन गया। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1622 और 1635 के बीच रामनाथपुरम के शासक कूथन सेतुपति द्वारा जारी एक ताम्र पट्टिका वर्तमान श्रीलंका में थलाईमन्नार तक फैले क्षेत्र पर भारतीय स्वामित्व की पुष्टि करती है, जिसमें कच्चाथीवू भी शामिल है। यह सेतुपति राजवंश के लिए राजस्व का स्रोत होता था।

डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस द्वीप को 1767 में मुथुरामलिंगा सेतुपति को पट्टे पर दिया था और 1822 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे वापस पट्टे पर ले लिया था। 1845 में सीलोन के गवर्नर कोलिन कैंपबेल ने जब जाफनापट्टनम की सीमाओं को रेखांकित किया तो इसमें कच्चाथीवू का ज़िक्र नहीं था। यानी कच्चाथीवू ऐतिहासिक तौर पर भारत का ही हिस्सा रहा था। इंपीरियल रिकॉर्ड्स डिपार्टमेंट की 1922 की एक रिपोर्ट भी ‘इस द्वीप के स्वामित्व’ के प्रश्न पर रामनद के राजा द्वारा द्वीप के स्वामित्व के आधार पर भारत के ऐतिहासिक दावे का समर्थन करती है।

कच्चाथीवू द्वीप के स्वामित्व को लेकर पहली बार विवाद वर्ष 1921 में सामने आया। उस समय भारत और सीलोन (आज का श्रीलंका) के बीच मछली पकड़ने को लेकर मतभेद चल रहे थे। इस समस्या के समाधान के लिए भारत (जिसमें मद्रास सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल थे) और सीलोन के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक आयोजित की गई थी। ‘द गजेटियर’ के अनुसार, 20वीं सदी की शुरुआत में रामनाथपुरम के सीनिकुप्पन पदयाची ने इस द्वीप पर एक मंदिर बनवाया था। उस मंदिर में थंगाची मठ के एक पुजारी पूजा-अर्चना किया करते थे। बाद में द्वितीय विश्व युद्ध के समय अंग्रेजों ने इस द्वीप पर नियंत्रण कर लिया था।

श्रीलंका ने किया कच्चाथीवू पर दावा

आज़ादी के बाद भी इसे लेकर भारत का रुख नरम ही रहा क्योंकि यह ऐतिहासिक तौर पर भारत का ही भाग माना जाता रहा था। 1956 में जब भारत और सीलोन (श्रीलंका) की समुद्री सीमा को बांटने की चर्चा हुई तो यह विवाद लोकसभा में उठा लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री और जवाहरलाल नेहरू ने इस विवाद को खारिज कर दिया। उनका मानना ​​था कि यह ‘राष्ट्रीय प्रतिष्ठा’ का मामला नहीं है। नेहरू ने मई 1961 में कहा था, “मैं इस छोटे से द्वीप को बिल्कुल भी महत्व नहीं देता और इस पर अपना दावा छोड़ने में मुझे कोई झिझक नहीं होगी। मुझे इस तरह के मामले का अनिश्चित काल तक लंबित रहना और संसद में बार-बार उठाया जाना पसंद नहीं है।” नेहरू की टिप्पणियां उस वक्त विदेश मंत्रालय के राष्ट्रमंडल सचिव वाईडी गुंडेविया द्वारा तैयार किए गए एक नोट का हिस्सा थीं।

नेहरू का बयान (RTI दस्तावेज)

यह द्वीप लंबे वक्त तक मछुआरों के ठहरने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा था। फरवरी 1968 के आसपास जब इंदिरा गांधी ने कच्छ क्षेत्र के रण में 250 मील की बंजर भूमि पाकिस्तान को सौंपीं तो श्रीलंका ने इस द्वीप पर अपना दावा करना शुरू कर दिया। श्रीलंका अपने समुद्री क्षेत्र का विस्तार करना चाहता था। 1968 में कोलंबो स्थित सन अखबार ने एक रिपोर्ट निकाली जिसका शीर्षक ‘सीलोन सरकार ने किया कच्चाथीवू पर कब्ज़ा’ था।

श्रीलंका के इस दावे को लेकर एक और जहां भारत सरकार हैरान थी तो दूसरी तरफ श्रीलंकाई सराकर सोच रही थी कि इस द्वीप पर पेट्रोलियम के भंडार हैं जिसे वो अपने हाथों से नहीं जाने देना चाहती है। दोनों देशों के मछुआरे इस द्वीप का इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन यह सीमा विवाद की वजह भी बनता जा रहा था। 80 का दशक आते आते भारत ने दक्षिण एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू किया और इसके तहत उसने पड़ोसी देशों से शांतिपूर्ण संबंध बनाने शुरू कर दिए। इसी कड़ी में भारत को श्रीलंका के साथ सीमा विवाद भी खत्म करना था। जून 1974 में कोलंबो और दिल्ली में दो बैठकें हुई और इस द्वीप को श्रीलंका को सौंपना तय किया गया। शुरुआती समझौतों में कहा गया कि भारतीय मछुवारे भी इस द्वीप पर जा सकेंगे और इस पर बने चर्च में भारतीय लोग बिना वीज़ा जा पाएंगे।

1976 आते-आते भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सीमा को लेकर एक और समझौता हुआ जिसमें तय हुआ कि भारतीय मछुवारे और मछली पकड़ने वाले जहाज श्रीलंका के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में नहीं जा सकेंगे जिसके बाद इस द्वीप को लेकर जारी विवाद भड़क गया। तमिलनाडु के मछुवारे जो इस क्षेत्र में मछली पकड़ते थे वे इससे खफा हो गए और उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया। तमिलनाडु में उस वक्त तक मछुवारों के हित राजनीति दलों के एजेंडे का हिस्सा बन गए थे और केंद्र सरकार पर कच्चाथीवू को वापस लेने का दबाव बनाया जाने लगा। 1991 में तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर इस द्वीप को वापस भारत में मिलाने की बात कही थी।

2008 में जयललिता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अपील की कि 1974 और 1976 के समझौतों को अमान्य घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने दलील दी कि भारत सरकार संविधान में संशोधन किए बिना देश की जमीन किसी अन्य देश को सौंप नहीं सकती। 2011 में जब जयललिता तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं तो उन्होंने विधानसभा में इस मुद्दे पर एक प्रस्ताव भी पारित करवाया। वहीं 2014 में सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कच्चाथीवू द्वीप एक समझौते के तहत श्रीलंका को दिया गया था और अब वह एक अंतरराष्ट्रीय सीमा का हिस्सा बन चुका है। ऐसे में उसे वापस लेना संभव नहीं है। उस दौरान कहा गया कि अगर कच्चाथीवू को वापस लेना है तो इसके लिए युद्ध लड़ना पड़ेगा।

पीएम मोदी ने कच्चाथीवू पर क्या कहा?

खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस द्वीप को श्रीलंका को दिए जाने को लेकर कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला बोल चुके हैं। अगस्त 2023 में पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान इस द्वीप का ज़िक्र किया था। पीएम मोदी ने कहा था, “डीएमके वाले, उनकी सरकार, उनके मुख्यमंत्री मुझे चिट्ठी लिखते हैं कि मोदी जी कच्चाथीवू वापस ले आइए। ये कच्चाथीवू, तमिलनाडु से आगे है, श्रीलंका से पहले एक टापू किसने किसी दूसरे देश को दे दिया था?” पीएम मोदी ने आगे कहा, “क्या वहां भारत माता नहीं थी? क्या वो मां भारती का अंग नहीं था। इसे भी आपने तोड़ा, कौन था उस समय? श्रीमति इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ था। कांग्रेस का इतिहास मां भारती को छिन्न-भिन्न करने का रहा है।”

अगस्त 2024 में बीजेपी के नेता के अन्नामलाई की एक RTI याचिका से जुड़ी खबर को लेकर पीएम मोदी ने ट्वीट किया था। पीएम मोदी ने RTI में मिला जानकारी को लेकर लिखा था, “यह तथ्य आंखें खोलने और चौंकाने वाले हैं। नई जानकारियां सामने आई हैं, जो बताती हैं कि कांग्रेस ने कच्चाथीवू द्वीप को कितनी लापरवाही से सौंप दिया था। इससे हर भारतीय नाराज है और लोगों के मन में यह बात फिर से बैठ गई है कि हम कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं कर सकते! भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना कांग्रेस का 75 साल से काम करने का तरीका रहा है।”

2023 में जब श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे अपने भारत दौरे पर आने वाले थे तो उससे ठीक पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे उठाने की मांग की थी। तमिलनाडु में लगातार इस द्वीप को लेकर चर्चा होती है और लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों का मानना है कि इस द्वीप को भारत को सौंप दिया जाना चाहिए। पीएम मोदी की यात्रा के बीच फिर एक बार इसे लेकर चर्चा तेज़ हो गई है लेकिन इस चर्चा का अंजाम क्या होगा यह तो इस दौरे के बाद ही पता चल सकेगा। फिलहाल, एक बड़ा इसे फिर से भारत को मिलने को लेकर सकारात्मक नज़र आ रहा है।

स्रोत: नरेंद्र मोदी, श्रीलंका, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, कच्चाथीवू, Narendra Modi, Sri Lanka, Jawaharlal Nehru, Indira Gandhi, kachchatheevu,
Tags: Indira GandhiJawaharlal NehrukachchatheevuNarendra ModiSri Lankaइंदिरा गाँधीकच्चाथीवूजवाहरलाल नेहरूनरेंद्र मोदीश्रीलंका
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

पीएम मोदी को दिया गया श्रीलंका का सर्वोच्च सम्मान, रक्षा समेत कई क्षेत्रों के महत्वपूर्ण समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

अगली पोस्ट

बजिंदर सिंह ही नहीं 10 साल में ये 17 पादरी पहुंचे जेल, 2016 में हुई थी सबसे बड़ी सजा

संबंधित पोस्ट

हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’
इतिहास

हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

12 December 2025

संघ प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंडमान निकोबार में वीर सावरकर की प्रतिमा का अनावरण किया। ये कार्यक्रम वीर सावरकर...

भारतीय दर्शन और संविधान
इतिहास

भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

2 December 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा में नागरिकता (Citizenship) का विचार आधुनिक “राज्य–नागरिक” (State–Citizen) ढाँचे से भले अलग रहा हो, पर इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन, समृद्ध और बहुआयामी...

तालोम रुकबो
इतिहास

अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

1 December 2025

कुछ ऐसे राष्ट्रनायक हुए हैं, जिनके योगदान को सामने लाने में इतिहास ने हमेशा कोताही बरती है। अरुणाचल प्रदेश के तालोम रुकबो भी उन्ही में...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited