love Jihad in Mathura: उत्तर प्रदेश का मथुरा एक बार फिर लव जिहाद को लेकर सुर्खियों में है। हिंदी संतों और कई अन्य लोगों ने शहर में चल रहे ब्यूटी पार्लर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ब्यूटी पार्लर में मुस्लिम युवकों की मौजूदगी को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। इस संबंध में प्रशासन और मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की गई है। फलाहारी बाबा ने 11 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि महिलाओं के ब्यूटी पार्लरों में मुस्लिम युवकों के काम करने पर तत्काल रोक लगाई जाए। ऐसे प्रतिष्ठानों की जांच हो जहां वे कार्यरत हैं। हालांकि, प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष पंडित दिनेश शर्मा फलाहारी ने इन पार्लरों को ‘लव जिहाद’ का नया मंच (love Jihad in Mathura) करार दिया है। उन्होंने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कार्रवाई की मांग की है। उनके आरोपों का समर्थन शहर के अन्य संतों ने किया है।
क्या बोले फलाहारी बाबा?
दिनेश शर्मा उर्फ फलाहारी का आरोप है कि कुछ मुस्लिम युवक ब्यूटी पार्लरों में महिलाओं के बाल काटने और अन्य सेवाओं के माध्यम से उन्हें शारीरिक स्पर्श करते हैं। यहीं से ये युवक उनको अपने जाल में फंसा (Muslim love Jihad) लेते हैं। फलाहारी बाबा का आरोप है कि ये एक साजिश है। इसके लिए बाकायदा फंडिंग होती है। यहां से फंसाई गई हिंदू लड़कियों को कोर्ट मैरिज कर लड़कियों को दूसरे राज्यों या विदेशों में बेचते हैं। इन्हीं पार्लर के जरिए हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण (love Jihad in Beauty Parlour) कराया जाता है।
ब्यूटी पार्लरों पर उठे सवाल
फलाहारी बाबा ने यह भी कहा कि उन पार्लर संचालकों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जो मुस्लिम युवकों को महिलाओं को अपने यहां काम पर रखते हैं। उनके अनुसार, समस्या केवल मथुरा की नहीं है। ये साजिश पूरे देश में की जा रही है। मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्य हिंदू समाज की सांस्कृतिक और सामाजिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। इसे लेकर कार्रवाई होनी चाहिए।
सनातनियों से कराएं श्रृंगार
वृंदावन के स्वामी शतमित्रानंद और रामदासी योगेश्वरी देवी ने भी फलाहारी बाबा के आरोपों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पहले स्कूलों के बाहर दिखने वाले युवक अब ब्यूटी पार्लरों को निशाना बना रहे हैं। महामंडलेश्वर रामदास जी महाराज ने सुझाव दिया कि अगर श्रृंगार जरूरी है तो यह केवल सनातन धर्म के युवकों द्वारा किया जाए।