पहले नाम बदलकर लड़कियों से दोस्ती करना, फिर बहला-फुसलाकर रेप करना और उसका वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना। वीडियो के बल पर लड़कियों को दूसरे लड़कों के साथ संबंध बनाने को मजबूर करना और अन्य लड़कियों से दोस्ती कराने के लिए कहना। साथ ही पैसों की डिमांड करते हुए धर्मांतरण कर इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाना। यह कहानी नहीं सच है, राजस्थान के अजमेर और ब्यावर के बाद अब मध्य प्रदेश के भोपाल में ऐसा ही मामला सामने आया है।
TFI मीडिया को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित छात्राएं भोपाल के ही रायसेन रोड स्थित एक निजी कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहीं हैं। साथ ही आरोपित भी इसी कॉलेज से MBA कर रहे हैं। आरोपितों की पहचान फरहान खान, साहिल खान और अली खान के रूप में हुई है। आरोप है कि आरोपित लंबे समय से लड़कियों के साथ बलात्कार कर रहे थे। साथ ही, वीडियो के जरिए ब्लैकमेल कर हजारों रुपए भी ऐंठ लिए थे। साथ ही आरोपित आए दिन बलात्कार कर रहे थे।
फरहान खान, साहिल खान और अली खान की बड़ी ज्यादती से तंग आकर एक पीड़िता ने भोपाल के बागसेवनिया थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। साथ ही दो अन्य पीड़िताओं की जानकारी पुलिस को दी थी। इस पर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और अन्य दो पीड़िताओं की काउंसलिंग की। पूछताछ में पता चला कि अली खान ने अशोका गार्डन के एक होटल में एक युवती के साथ संबंध बनाए, जबकि साहिल खान ने जहाँगीराबाद में एक कमरे में दूसरी युवती का शोषण किया।
पीड़ित लड़कियों के बयान के आधार पर बागसेवनिया पुलिस ने जीरो कायमी कर भोपाल के ही अशोकागार्डन, जहांगीराबाद और ऐशबाग थाने में केस ट्रांसफर किया है। भास्कर की रिपोर्ट की मानें तो इस मामले में शिकायत 18 अप्रैल को ही दर्ज कर ली गई थी। लेकिन यह मामला अब सामने आया है।
पीड़ित लड़कियों का आरोप है कि सबसे पहले फरहान खान ने अपने कॉलेज में पढ़ रही एक छात्रा को अपने जाल में फंसाया था। उसने पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए और इस दौरान बनाए गए वीडियो का इस्तेमाल उसे डराने-धमकाने के लिए किया। बाद में फरहान ने पीड़िता पर दबाव डाला कि वह अपनी अन्य सहेलियों को साहिल और अली से मिलवाए।
डर के मारे जब पीड़िता ने ऐसा किया, तो साहिल और अली ने अन्य दो लड़कियों को अलग-अलग स्थानों पर बुलाया। पहली ही मुलाकात में उन्होंने दोनों के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए और उनकी वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद तीनों आरोपित पीड़िताओं पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने लगे और बार-बार शादी का प्रस्ताव रखने लगे। साथ ही, ये आरोपित पीड़ित छात्राओं से लगातार पैसे की मांग भी करते थे। जब यह ब्लैकमेलिंग और मांगे असहनीय हो गईं, तो एक पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर शिकायत दर्ज कराई।
इस मामले में पुलिस ने अब फरहान खान और साहिल खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, वहीं अली खान की तलाश अभी भी जारी है। जांच के दौरान पुलिस को शक है कि इस मामले में और भी पीड़िताएं सामने आ सकती हैं। इस मामले के आरोपित फरहान के मोबाइल से पुलिस को कई अन्य लड़कियों की तस्वीरें मिली हैं, जो जांच का हिस्सा बन सकती हैं।
रिपोर्ट्स की मानें तों पुलिस का कहना है कि तीनों आरोपित मध्य प्रदेश के मूल निवासी नहीं हैं, बल्कि इनमें से दो का संबंध पश्चिम बंगाल से है। इस मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। पुलिस ने इस मामले में बलात्कार, पॉक्सो एक्ट और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
ब्यावर में सामने आया था ऐसा ही मामला:
बता दें कि इसी साल फरवरी में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। इसमें आरोपित मुस्लिम युवक स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग हिंदू लड़कियों को टारगेट करते थे। इसके लिए पहले एक लड़की को फंसाते और उसे छोटा मोबाइल देते थे। यह फोन इतना छोटा होता था कि इसे कहीं भी आसानी से छिपाया जा सकता था। इस फोन के जरिए एक आरोपित उस लड़की से बात करता। बात के बाद उसे मिलने के लिए बुलाता और फिर होटल ले जाकर उसके साथ रेप करता।
पीड़िता और पीड़ित परिवार ने किए खुलासे:
रेप और ब्लैकमेल कांड के खुलासे के बाद से पूरा देश इस मामले से जुड़ी हर एक कड़ी के बारे में जानना चाहता है। ऐसे में TFI मीडिया इस मामले को प्रमुखता से कवर रहा है। सामने आई रिपोर्ट्स में पीड़ित परिवार ने कई तरह के खुलासे किए हैं। ऐसा ही एक खुलासा पीड़िता के ताऊ ने किया है। पीड़िता के ताऊ ने कहा है कि उनकी भतीजी को मुस्लिम युवकों ने बहला फुसलाकर फंसा लिया था। उसे एक मोबाइल भी दिया था। उसी मोबाइल से आरोपित बच्ची से बात करते थे। जब बच्ची स्कूल जाती थी तो उसे ये लोग रास्ते में रोक लेते थे और साथ घूमने जाने का दबाव बनाते थे। कई बार होटल और रेस्टोरेंट जाने के लिए भी कहते थे।
एक पीड़िता के मामा ने भी कहा है कि स्कूल जाने के दौरान मुस्लिम युवक लड़की को परेशान करते थे। पर्ची में नंबर लिखकर रास्ते में फेंक देते थे। इसके बाद मोबाइल देकर बात करना शुरू किया था। नई-नई गाड़ी दिखाकर और इस्लामिक बातें करके धर्मपरिवर्तन के लिए बच्ची का ब्रेनवाश भी कर रहे थे। मुस्लिम लड़के बच्ची को रोजा रखने, इस्लाम कबूल करने के लिए कहते थे। बात नहीं मानने पर मारपीट करते और जान से मारने की धमकी देते थे।
वहीं पीड़िता ने कहा है कि अपने जाल में फंसाने के लिए मुस्लिम लड़के हर रोज नई-नई गाड़ियां लेकर आते थे। कभी कार, कभी बुलेट, हर बार अलग-अलग गाड़ियां होती थीं। पीड़ित दलित लड़की ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि मुस्लिम लड़कों ने एक बार उससे कहा था था कि यदि ब्राह्मण की छोरी को बेचेंगे तो 20 लाख रुपए मिलेंगे और तुझे (दलित) बेचेंगे तो 10 लाख रुपए मिलेंगे।
कैसे हुई रेप-ब्लैकमेल कांड की शुरुआत:
इस पूरे कांड की शुरुआत को लेकर पीड़िता ने कहा कि सोहेल मंसूरी नामक एक लड़का स्कूल से घर तक उसका पीछा करता था। करीब 15 दिन लगातार वह पीछा करता रहा। वह हर रोज मोबाइल नंबर लिखकर पर्चियां फेंकता था। इसके बाद लड़की ने एक दिन कॉल किया तो सोहेल ने उसे मिलने के लिए बुलाया। इसके बाद वह मिलने के लिए कैफे गई जहां उसके साथ गलत काम किए गए और फोटो ले ली गई। वहां सोहेल मंसूरी के साथ ही उसके अन्य दोस्त भी थे। इसके बाद सोहेल मंसूरी उसे अन्य लड़कियों से दोस्ती कराने और अन्य लड़कों से बात कराने के लिए दबाव डालने लगा।
इसके बाद सोहेल ने एक छोटा मोबाइल दिया, उसी मोबाइल से बात होती थी। सोहेल यह सब किसी ने न बताने और अन्य लड़कियों से बात कराने के लिए कहता था। इसके बाद, उसने अपनी फ्रेंड्स से सोहेल और उसके दोस्त रियान, जावेद और अमन से बात कराई। इन सबका लीडर रियान मंसूरी और हकीम कुरैशी है। हकीम लड़कियों को भगाने का पूरा इंतजाम करने की बात कहता था।
बातचीत होती तो ये लोग सब लड़कियों को बुरका पहनने के लिए कहते थे। नमाज होती तो उसके बारे में बताते थे। एक दिन कहा कि रोजा आ रहे हैं तो व्रत रहना होगा। मना करने पर मारपीट की और ब्लेड से हाथ काट दिया।
अनपढ़ हैं सारे आरोपित:
बेहद दिलचस्प बात यह है कि इस पूरे कांड के सारे आरोपित अनपढ़ हैं और मजदूरी जैसे काम करते हैं। इस सेक्स स्कैंडल में शामिल रिहान मोहम्मद, सोहेल अंसार, लुकमान, अरमान पठान, साहिल कुरैशी और 2 नाबालिग भी पढे लिखे नहीं हैं। इनमें से कुछ आरोपित फर्नीचर की दुकान पर करते हैं तो कुछ वेल्डिंग की दुकान पर तो वहीं कुछ बाइक मैकेनिक के यहां हेल्पर के रूप में करता है। ऐसा माना जा रहा है कि इस गिरोह के कई मास्टरमाइंड हो सकते हैं।
कैसे फंसाते थे लड़कियां:
इस मामले में अब तक सामने आई जानकारी के अनुसार, आरोपित मुस्लिम युवक स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग हिंदू लड़कियों को टारगेट करते थे। इसके लिए पहले एक लड़की को फंसाते और उसे छोटा मोबाइल देते थे। यह फोन इतना छोटा होता था कि इसे कहीं भी आसानी से छिपाया जा सकता था। इस फोन के जरिए एक आरोपित उस लड़की से बात करता। बात के बाद उसे मिलने के लिए बुलाता और फिर होटल ले जाकर उसके साथ रेप करता।
रेप के दौरान ही आरोपित लड़की का वीडियो बना लेता और फिर उस वीडियो के जरिए वह उसे ब्लैकमेल कर अन्य लड़कियों को भी उसके पास लाने के लिए कहता। मना करने पर वीडियो वायरल करने और जान से मारने की धमकी दी जाती थी। इतना ही दिन आरोपित युवक मासूम लड़कियों को अपनी पसंद के कपड़े पहनकर होटल आने और घर से पैसे चुराकर देने तक का दबाव बनाते थे। वीडियो वायरल होने से बचने के लिए मासूम लड़कियां कुछ भी करने को तैयार होती थीं।
इस तरह से यदि कोई लड़की एक बार फंस जाती तो वह फिर एक से दूसरी और दूसरी से तीसरी और आगे इसी तरह कड़ी चलती जा रही थी। आरोपित एक के बाद कई लड़कियों को फंसाते और उनका रेप करते जा रहे थे।
कैसे हुआ खुलासा:
मुस्लिम युवकों के इस घिनौने गिरोह का खुलासा एक लड़की द्वारा घर से 2000 रुपए चुराने के बाद हुआ। दरअसल, आरोपित युवक एक लड़की पर दवाब डालकर उससे पैसे की मांग कर रहे थे। इस पर लड़की ने घर से 2000 रुपए चुरा लिए थे। परिजनों को इसकी जानकारी मिली तो लड़की ने चोरी की बात से इनकार कर दिया और झूठ बोलने लगी। इसके बाद परिजनों ने उस पर नजर रखना शुरू कर दिया।
इस बीच परिजनों ने एक दिन लड़की को फोन में बात करते हुए पकड़ लिया। इसके बाद उससे सख्ती से पूछताछ की। इस पर लड़की ने रोते हुए ब्लैकमेल और रेप कांड को लेकर आपबीती सुनाते हुए खुलासा कर दिया। साथ ही अन्य पीड़ित लड़कियों के नाम भी बता दिए।
इसके बाद 3 पीड़ित लड़कियों के परिजनों ने थाने पहुंचकर आरोपित युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। एक पीड़िता के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि जब उन्होंने अपनी बेटियों से बात की तो पता चला कि आरोपित मुस्लिम युवक शारीरिक शोषण के लिए एक-दूसरे की सहेलियों से मिलवाने का दबाव बनाते थे। मना करने पर घरवालों को जान से मारने और वीडियो वायरल करने की धमकियां देते थे। अब जब उन्होंने अपनी बेटियों की सहेलियों के घर वालों से संपर्क किया तो पता चला कि उनकी बेटियों के पास भी इसी प्रकार के फोन हैं। उनके साथ भी इसी प्रकार की घटनाएं हुई हैं।
इस मामले में विजयनगर थाना प्रभारी करण सिंह ने कहा है, फिलहाल 4-5 नाबालिग लड़कियां सामने आईं है। पीड़ित परिजनों ने शिकायत देते हुए कहा था कि कुछ युवकों ने उनको मोबाइल दिए। इसके बाद दबाव बनाकर बलात्कार किया। इस पर तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए हैं। मामले में अब तक 5 आरोपितों रिहान मोहम्मद (20), सोहेल मंसूरी (19), लुकमान उर्फ सोहेब (20), अरमान पठान (19) और साहिल कुरैशी (19) को गिरफ्तार किया गया है। वहीं 2 नाबालिग को हिरासत में लिया गया है।
33 साल पहले हुआ था अजमेर कांड
ब्यावर जिले में नाबालिग लड़कियों के साथ जिस तरह की घटना को अंजाम दिया गया है, उससे 33 साल पुराने राजस्थान में ही हुए अजमेर कांड की यादें ताजा हो गई हैं। बता दें कि साल 1992 में अजमेर में यूथ कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष फारुख चिश्ती, उसका साथी नफीस चिश्त और उसके गुर्गे स्कूल और कॉलेज की लड़कियों को शिकार बनाते थे। फार्महाउस और रेस्टोरेट में पार्टियों के नाम पर छात्राओं को बुलाकर उन्हें नशीला पदार्थ पिलाकर सामूहिक दुष्कर्म किया जाता था और उनके अश्लील फोटो खींच लिए जाते थे। इन अश्लील फोटो के सहारे लड़कियों से अन्य लड़कियों को लाने के लिए मजबूर करता था।
मामला दर्ज होने से पहले कुछ लड़कियां हिम्मत जुटाकर बयान देने के लिए थाने में भी गई थी पर पुलिस ने इन पीड़िताओं के सिर्फ बयान लेकर चलता कर दिया था। बाद में पीड़िताओं को धमकियां दी जाती रहीं। लिहाजा पीडि़तओं ने पुन: पुलिस में जाने की हिम्मत नहीं कर पाईं। पर बाद में 18 पीडि़ताओं ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में जज के सामने अपने बयान दिए।
आपको बता दें कि 1992 में अजमेर के एक कलर लैब से कुछ अश्लील फोटो लीक होने के कारण शहर में चर्चा का विषय बन गया था। तब पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद अश्लील फोटों की जांच की थी तब इस धिनौने दुष्कर्म कांड का भंडफोड़ हुआ था। इस दुष्कर्म कांड में सौ से अधिक लड़कियों को शिकार बनाया गया था। इस दुष्कर्मकांड के आरोपियों की पहुंच बड़े लोगों तक होने के कारण लड़कियां सामने आने से बचती रहीं।
दुष्कर्म और ब्लैकमेल की शिकार बनी कुछ लड़कियां तो अपनी जान तक दे दी। कुछ ने शहर छोड़ दी। पुलिस ने कुछ पीड़िताओं का बयान तब दर्ज किया जब तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत सरकार ने मामले को सीआईडी सीबी को सौंपने का निर्णय लिया तब जाकर पुलिस ने मामले में चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। इसके बाद अगस्त 2024 में इस ममले में कोर्ट ने 6 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।