तिलक पर अश्लील टिप्पणी करने वाले मंत्री पर होगी FIR, हाई कोर्ट ने दिया आदेश

सेक्स पोजीशन तिलक पोनमुडी

मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को राज्य के वन मंत्री के पोनमुडी के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। पोनमुडी ने हिंदू धर्म को निशाना बनाते हुए अश्लील टिप्पणी की थी। साथ ही शैव और वैष्णव तिलक को सेक्स पोजीशन से जोड़ा था। इस विवादास्पद बयान के चलते उन्हें पार्टी पद से हटा दिया गया था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कियदि पुलिस पोनमुडी के खिलाफ FIR दर्ज नहीं करती है तो कोर्ट स्वतः संज्ञान लेते हुए अवमानना की कार्रवाई शुरू करेगा।

दरअसल, मद्रास हाई कोर्ट तमिलनाडु के वन मंत्री के पोनमुडी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बरी किए जाने के खिलाफ साल  2023 में दायर की गई रिव्यू पिटीशन की सुनवाई कर रहा था। इसी दौरान जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने महाधिवक्ता पीएस रमन को बुलाया और पोनमुडी की अश्लील और निंदनीय टिप्पणी पर नाराजगी जताई। साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का हवाला देते हुए जस्टिस ने कहा कि ऐसा नहीं लग रहा है कि मंत्री की जुबान फिसली थी, बल्कि लगता है जैसे उन्होंने पूरे होश-ओ-हवास में ये बातें कही हों। इसके बाद सार्वजनिक रूप से माफी मांगकर पूरे मामले को दरकिनार कर दिया।

क्या है आरोप?:

तमिलनाडु के मंत्री पोनमुडी पर आरोप है कि उन्होंने  शैव और वैष्णवों हिंदुओं को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने तिलक की तुलना सेक्स पोजीशन से की थी। हालांकि बाद में उन्होंने अपने बयान को लेकर माफी भी मांगी है। दरअसल, वायरल हो रहे एक वीडियो में पोनमुडी ने कहा था कि महिलाएं, प्लीज इसे गलत मत समझिएगा।

इसके बाद पोनमुडी ने मजाकिया लहजे में कहा था कि एक आदमी सेक्स वर्कर के पास गया। महिला ने आदमी से पूछा कि वह शैव है या वैष्णव। पोनमुडी ने आगे कहा- वह आदमी नहीं समझा तो महिला ने उससे पूछा कि क्या वह पट्टई (आड़ा तिलक, जो शैव लगाते हैं) लगाता है या नामम (सीधा तिलक, जो वैष्णव लगाते हैं) लगाता है। महिला उसे समझाती है कि अगर आप शैव हैं तो स्थिति लेटी हुई है। अगर वैष्णव हैं तो खड़ी स्थिति हुई।

कोर्ट में चला वीडियो:

सुनवाई के दौरान पोनमुडी का विवादित टिप्पणी वाला वीडियो कोर्टरूम में चलाया गया। इसके बाद हाई कोर्ट के जस्टिस ने कहा कि यह बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट ने यह भी कहा कहा कि मंत्री के पद पर आसीन एक शख्स को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए। अगर किसी अन्य व्यक्ति ने इस तरह के बयान दिए होते तो उस पर अब तक 50 केस दर्ज हो गए होते। भ्रष्टाचार की ही तरह हेट स्पीच भी अस्वीकार्य है।

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