वक्फ (संशोधन) कानून के विरोध में शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के कई जिलों में हिंसा की आग भड़क उठी। मुर्शिदाबाद, मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली में प्रदर्शन हिंसक हो गए पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया, सुरक्षा बलों पर जमकर पत्थरबाजी हुई और सड़कों को पूरी तरह जाम कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि अकेले मुर्शिदाबाद में 118 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में हुए उग्र प्रदर्शन पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा, “वक्फ कानून केंद्र ने बनाया है, और जवाब भी केंद्र को ही देना होगा। उन्होंने साफ कर दिया ‘हम इस कानून का समर्थन नहीं करते और इसे बंगाल में लागू नहीं होने देंगे। अगर ये कानून लागू ही नहीं होगा, तो फिर दंगा किस बात पर हो रहा है?’
सीएम ममता बनर्जी ने क्या कहा
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा और प्रशासन की नाकामी के बाद ममता सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर चौतरफा सवाल उठने लगे हैं। सोशल मीडिया से लेकर विपक्षी दलों तक ममता सरकार की भूमिका पर गंभीर आरोप लगे कहा गया कि उन्होंने संसद द्वारा पारित कानून का विरोध करने वालों को न सिर्फ खुली छूट दी, बल्कि ‘आंदोलनजीवी’ तत्वों को परोक्ष समर्थन भी दिया।
इसी बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी और एक विस्तृत ट्वीट के ज़रिए अपनी सफाई पेश की। उन्होंने लिखा, “सभी धर्मों के लोगों से मेरा विनम्र अनुरोध है कि कृपया शांति बनाए रखें, संयम रखें। धर्म के नाम पर कोई भी अधार्मिक व्यवहार न करें। हर व्यक्ति का जीवन मूल्यवान है कृपया राजनीतिक स्वार्थ में आकर समाज में दंगे न फैलाएं। जो लोग दंगा कर रहे हैं, वे समाज को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
याद रखिए, जिस कानून को लेकर लोग उत्तेजित हैं, वह कानून हमारी सरकार ने नहीं बनाया है। वह कानून केंद्र सरकार द्वारा लाया गया है। इसलिए जवाब मांगना है तो केंद्र सरकार से मांगिए। हमने इस विषय पर अपना पक्ष साफ तौर पर रख दिया है हम इस कानून का समर्थन नहीं करते। यह कानून हमारे राज्य में लागू नहीं होगा। तो फिर दंगा किस बात का?
সবার কাছে আবেদন
সব ধর্মের সকল মানুষের কাছে আমার একান্ত আবেদন, আপনারা দয়া করে শান্ত থাকুন, সংযত থাকুন। ধর্মের নামে কোনো অ-ধার্মিক আচরণ করবেন না। প্রত্যেক মানুষের প্রাণই মূল্যবান, রাজনীতির স্বার্থে দাঙ্গা লাগাবেন না। দাঙ্গা যারা করছেন তারা সমাজের ক্ষতি করছেন।
মনে রাখবেন, যে…
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 12, 2025
इसके साथ ही याद रखिए, जो लोग दंगे को भड़का रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हम किसी भी प्रकार की हिंसा को सहन नहीं करेंगे। कुछ राजनीतिक दल धर्म का दुरुपयोग कर राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं। उनके बहकावे में न आएं। मेरे लिए धर्म का अर्थ है मानवता, करुणा, सभ्यता और भाईचारा। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि शांति और सद्भाव बनाए रखें यही मेरी सबसे बड़ी अपील है।”
हालांकि, सीएम ममता की यह सफाई सवालों के घेरे में है क्योंकि जिस कानून को वे लागू करने से इनकार कर रही हैं, वह संसद द्वारा पारित है और देश के संविधान का हिस्सा है। ऐसे में यह बयान कानून के सम्मान और संविधान की मर्यादा पर भी बहस खड़ा करता है।