भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) चार दिवसीय पुर्तगाल और स्लोवाकिया की यात्रा पर हैं। 7 अप्रैल को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन पहुंच गई हैं। 9 और 10 अप्रैल को राष्ट्रपति स्लोवाकिया के दौरे पर रहेंगी। पुर्तगाल और स्लोवाकिया के दौरे से भारत के संबंधों को नई मजबूती मिलेगी। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक सहयोग को भी बढ़ाने की कोशिश है। क्योंकि, पहले से भी भारत का इन देशों के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। हमारी सांस्कृतिक भी परस्पर काफी हद तक मेल खाती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) की यह यात्रा केवल एक प्रतीक नहीं है। इसके पीछे कई रणनीतिक दृष्टिकोण है। इसके जरिए भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना आगे बढ़ेगी। वहीं इससे भारत की वैश्विक भूमिका को बल मिलेगा। पुर्तगाल और स्लोवाकिया की यात्रा दोनों देशों के बीच मित्रता को आगे बढ़ाने के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देंगे। आइये जानें इस यात्रा के क्या-क्या आयाम हो सकते हैं।
27 वर्षों के बाद पुर्तगाल में भारतीय राष्ट्रपति
President Draupadi Murmu Portugal Visit: राष्ट्रपति का पुर्तगाल दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक है। यह यात्रा भारत और पुर्तगाल के बीच राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर हो रहा है। पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर राष्ट्रपति मुर्मू को लिस्बन के जेरोनिमोस मठ में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राष्ट्रपति ने पुर्तगाली राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा, प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो समेत अन्य नेताओं से मुलाकात की है।
भारतीय मूल के लोगों का अहम योगदान
पुर्तगाल में भारतीय मूल के लोगों की संख्या लगभग 1.25 लाख है, जो वहाँ के सामाजिक-आर्थिक तानेबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने बताया कि भारत और पुर्तगाल के बीच व्यापार पिछले पांच वर्षों में 50% की वृद्धि के साथ 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। इस यात्रा से अक्षय ऊर्जा, शिक्षा और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा।
दोनों देश अक्षय ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, फार्मास्यूटिकल्स, शिक्षा और रक्षा के क्षेत्र में गहरा सहयोग कर रहे हैं। साथ ही, भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने की दिशा में भी चर्चा की जा रही है, जिसमें पुर्तगाल एक अहम भूमिका निभा सकता है।
भारतीय मूल के रह चुके हैं प्रधानमंत्री
पुर्तगाल के 13 प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा भारतीय मूल के हैं। इसी कारण भारत और पुर्तगाल के बीच एक गहरा संबंध भी है। जनवरी 2017 में एंटोनियो कोस्टा भारत के सात दिवसीय दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि भारत उनके पिता का मुल्क है। इस कारण भी यहां आकर मुझे गर्व महसूस होता है। बता दें एंटोनियो कोस्टा के पिता प्रसिद्ध उपन्यासकार ओरलैंडो दा कोस्टा थे। जब गोवा पुर्तगाल के अधीन था तब उनके पिता अपने जवानी के दिन तक यही थे। उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर पर कुछ आलेख भी लिखे हैं।
29 साल बाद स्लोवाकिया में भारतीय राष्ट्रपति
President Draupadi Murmu Slovakia Visit: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) 9 और 10 अप्रैल को स्लोवाकिया का दौरा करेंगी। यहां वह राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी, प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको और नेशनल काउंसिल के अध्यक्ष रिचर्ड रासी से मिलेंगी। इस यात्रा के दौरान वह टाटा मोटर्स के जगुआर लैंड रोवर (JLR) संयंत्र का दौरा भी करेंगी। इसे भारत-स्लोवाक औद्योगिक सहयोग का प्रतीक माना जाता है। 2018 में स्थापित इस संयंत्र में 1.4 अरब यूरो का निवेश किया गया है। इसके जरिए हर साल करीब 1.5 लाख वाहनों का उत्पादन होता है।
स्लोवाकिया में 6,000 भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं। इसी कारण स्लोवाकिया में राष्ट्रपति पारंपरिक ‘रोटी और नमक’ स्वागत समारोह में भी भाग लेंगी। इस रिवाज को स्लोवाक संस्कृति में जीवन और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही राष्ट्रपति यहां महात्मा गांधी की स्लोवाक भाषा में अनूदित रचनाओं के बारे में भी वहां के लोगों को बताएंगे। इससे दोनों देशों के के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव को मजबूती मिलेगी।
भारत-यूरोपीय संबंधों मिलेगी नई दिशा
राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंध तेजी से मजबूत हो रहे हैं। भारत इस साल यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहा है। पुर्तगाल ने हमेशा भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
2000 में पुर्तगाल ने पहला भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन आयोजित किया था। 2021 में यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देशों के नेताओं ने भारत में एक शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “राष्ट्रपति की यह यात्रा भारत के इन दोनों यूरोपीय साझेदारों के साथ बहुआयामी सहयोग को और गहरा करेगी।
विश्वमंच पर उभरेगी भारत की तस्वीर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) की पुर्तगाल और स्लोवाकिया यात्रा ने भारत के वैश्विक कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा देगी। इस दौरे से न केवल दोनों देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे। बल्कि भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी भी नए दौर में जाएगी। भारतीय समुदाय के साथ राष्ट्रपति का संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान ने यात्रा को और भी खास बनाएगा। इसके साथ ही इस यात्रा से भारत की वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका और बेहतर तरीके से उभर कर आएगी। विदेश से जुड़ी और खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें..