आगरा की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद में बुधवार सुबह उस वक्त सनसनी फैल गई, जब फजर की नमाज के दौरान मस्जिद परिसर में सूअर का कटा हुआ सिर पानी की हौज के पास पाया गया। घटना से नमाज अदा करने आए लोगों में ग़ुस्सा भर गया और मुस्लिम समाज के बीच नाराज़गी का माहौल बन गया। मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने इसे एक सोची-समझी और सुनियोजित साजिश बताते हुए गंभीर चिंता जताई है। कमेटी का कहना है कि धार्मिक स्थल की पवित्रता को भंग करने की यह कोशिश माहौल को बिगाड़ने के इरादे से की गई है। घटना की गंभीरता को देखते हुए जैसे ही सूचना मिली, डीसीपी सिटी सोनम कुमार कई थानों की फोर्स के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे। उनके साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और हालात को काबू में लेने की कार्रवाई शुरू की। सीसीटीवी फुटेज की जांच के दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति कैमरे में देखा गया था, जिसके आधार पर पुलिस ने तेज़ी से कार्रवाई करते हुए 42 वर्षीय आरोपी नजरुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया। बवाल बढ़ने से पहले ही पुलिस की सतर्कता से हालात को नियंत्रित कर लिया गया।
जामा मस्जिद में रखे बैग को बताया साजिश का हिस्सा
जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद जाहिद कुरैशी ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे मस्जिद के इमाम ने उन्हें फोन कर परिसर में मांस पाए जाने की सूचना दी। जब वह मस्जिद पहुंचे, तो देखा कि पानी की हौज के पास एक बैग में प्रतिबंधित जानवर का कटा हुआ सिर रखा हुआ था। उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद अधिकारी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
जाहिद कुरैशी ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “इस करतूत ने आगरा के मुसलमानों की भावनाओं को आहत किया है। हम पहले ही वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन नहीं कर रहे, क्योंकि मुसलमान हालात को समझता है। लेकिन आज की घटना पूरी तरह से जानबूझकर की गई साजिश लगती है, जिसका मकसद माहौल को बिगाड़ना है।” कमेटी के उपाध्यक्ष मोहम्मद शरीफ कुरैशी ने भी इस पर चिंता जताते हुए कहा कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली, वे मस्जिद पहुंचे और तुरंत परिसर की सफाई करवाई गई। उन्होंने कहा, “जिसने भी यह हरकत की है, वह आगरा की फिजा में नफरत घोलने की कोशिश कर रहा है।”
पुलिस की छानबीन में सामने आए अहम सुराग
इस पूरे मामले में डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि आरोपी नसरुद्दीन की गतिविधियों की जांच की जा रही है। उसके मोबाइल फोन की गहन पड़ताल की जा रही है और साथ ही मस्जिद के आसपास लगे सड़क व इमारतों के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। प्रारंभिक जांच में नसरुद्दीन को मस्जिद के आस-पास संदिग्ध रूप से घूमते हुए देखा गया था। फिलहाल उससे पूछताछ जारी है और जैसे-जैसे नई जानकारियां सामने आएंगी, उन्हें साझा किया जाएगा।
पुलिस जांच में सामने आया है कि नसरुद्दीन, जो मंटोला क्षेत्र का निवासी है और जिसके पिता का नाम सलाउद्दीन है, ने यह प्रतिबंधित जानवर का सिर आगरा के चील घर इलाके की एक दुकान से महज ₹250 में खरीदा था। पुलिस उस दुकान तक भी पहुंच चुकी है और दुकानदार ने पुष्टि कर दी है कि उसने ₹250 में जानवर का सिर नसरुद्दीन को बेचा था। इस घटना की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस ने लगभग 100 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम लगाई थी। शहर भर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिसमें नसरुद्दीन मुंह पर फेटा बांधकर आते और जाते हुए दिखाई दिया। इसके आधार पर उसे चिन्हित कर गिरफ्तार कर लिया गया है।
फिलहाल नसरुद्दीन पुलिस की हिरासत में है और मामले की गहराई से जांच जारी है। आगरा जिला प्रशासन ने लोगों से संयम बरतने और किसी भी तरह की अफवाहों से बचने की अपील की है। प्रशासन ने कहा है कि आगरा जैसे ऐतिहासिक और संवेदनशील शहर में ऐसी घटनाएं ना सिर्फ शांति व्यवस्था के लिए खतरा हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी ठेस पहुंचा सकती हैं। हालांकि इस समय शहर में स्थिति नियंत्रण में है और शांति व्यवस्था बनी हुई है।