UCC After Waqf Act: साल 2014 में दिल्ली में मोदी सरकार बनी। इसके बाद से ही देश में बड़े और पुराने मुद्दों को लेकर फैसले हो रहे हैं। ऐसे कानून बन रहे हैं जो देश को आगे ले जाने के लिए रास्ता बना रहे हैं। हाल ही में वक्फ संशोधन बिल के जरिए देश 1995 से चले आ रहे वक्फ कानून में बदलाव किए गए। हालांकि, हमेशा की तरह तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सियासत कर रहे हैं। खैर इससे केंद्र की दमदार सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। अब माना जा रहा है कि केंद्र सरकार UCC को लेकर जल्द कोई न कोई फैसला ले सकती है। इसे लेकर हरियाणा की रैली में PM मोदी ने भी संकेत दे दिया है।
14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के हिसार (Hisar Rally) पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। PM मोदी सभी के दौरान समान नागरिक संहिता यानी UCC को लेकर कहा कि संविधान की भावना स्पष्ट है। देश में सभी नागरिकों के लिए एक सिविल कोड होना चाहिए।
सेक्युलर सिविल कोड होना चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के हिसार में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने इस दौरान वक्फ कानून का विरोध करने पर कांग्रेस को आड़े हाथ लिया। पीएम ने सभा में UCC को लेकर भी अपनी बातों को रखा और कहा कहा कि संविधान की भावना स्पष्ट रूप से कहती है कि सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता होनी चाहिए।
बाबा साहेब अंबेडकर का नाम लेकर PM ने कहा कि कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति का वायरस देश में फैलाया है। कांग्रेस संविधान को नष्ट करने वाली पार्टी है। बाबा साहेब समानता लाना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति में उनके सपनों को रोका। बाबा साहब चाहते थे कि हर गरीब, हर पिछड़ा सम्मान के साथ और सिर ऊंचा करके जी सके, सपने देख सके और उन्हें पूरा कर सके।
वक्फ के बाद UCC
मोदी बोले- जब-जब कांग्रेस को सत्ता का संकट दिखाई देता है। वो संविधान को कुचल कर रख देते हैं। सबके लिए एक जैसी नागरिक संहिता होनी चाहिए। इसे मैं सेक्युलर सिविल कोड कहता हूं। कांग्रेस और उसकी सरकारों ने इसे कभी लागू नहीं किया। उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनी तो सेक्युलर सिविल कोड डंके की चोट पर लागू किया गया। प्रधानमंत्री के इस बयान के बाज कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार अब देश में UCC लाने के लिए अगला कदम (UCC Introduced Soon) उठाएगी।
गठबंधन के बाहर से भी समर्थन
वक्फ कानून के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) ही एक ऐसा मुद्दा है जो भाजपा सरकार के टॉप एजेंडे में से एक है। माना जा रहा है कि वक्फ बिल के दौरान दोनों सदनों में सरकार को बहुमत मिला। सदन में न सिर्फ सहयोगी बल्कि बाहर से भी कुछ दलों ने सरकार का साथ दिया। इस कारण अब UCC को लेकर उसे पूरी उम्मीद है। इसीलिए अब इस विषय पर सरकार काम करेगी।
क्या है UCC?
UCC मतलब यूनिफॉर्म सिविल कोड जिसे हिंदी में समान नागरिक संहिता कहा जाता है। इसमें देश के सभी नागरिकों के विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेना, संपत्ति का अधिकार जैसे तमाम मामलों के लिए एक जैसे कानून की बात की जाती है। हालांकि, अभी तक देश में विभिन्न धर्मों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हैं। भाजपा सरकार हमेशा से कोड की बात की है लेकिन धार्मिक स्वतंत्रता, अल्पसंख्यक पहचान, विविधता के नाम पर इसका विरोध होता रहा। जबकि, अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि राज्य प्रयास करेगा कि सभी नागरिकों के लिए एक समान संहिता लागू की जाए।
23वां विधि आयोग देगा ड्राफ्ट
उत्तराखंड में UCC लागू है। हालांकि, देश में समान रूप से ये कानून बनाने की लंबे समय से जद्दोजहद चल रही है। 19 फरवरी, 2020 को 22वां विधि आयोग बना। UCC के ड्राफ्ट को लेकर तेजी से काम हुआ। हालांकि, 31 अगस्त, 2024 को इसका कार्यकाल खत्म हो गया और फाइनल ड्राफ्ट तैयार होने से रह गया। अब माना जा रहा है कि 1 सितंबर, 2024 को बना 23वां विधि आयोग अब इसे लेकर तेजी से काम कर रहा है। संभावना है कि जल्द ये ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को सौंपा जाएगा।