दुनिया की सबसे तेज़ भुगतान प्रणालियों में शामिल भारत की एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) की सेवाएं शनिवार (12 अप्रैल) को एक बार फिर बड़ी संख्या में उपयोगकर्ता के लिए डाउन हो गईं। शनिवार सुबह से ही उपयोगकर्ताओं को डिजिटल लेनदेन करने में दिक्कतें आनी शुरू हुईं और यह कई घंटों तक जारी रहीं। गूगल पे, फोनपे और पेटीएम जैसे प्रमुख डिजिटल भुगतान ऐप्स के उपयोगकर्ता UPI के ज़रिए अपने भुगतान नहीं कर सके। यह पिछले 15 दिनों में तीसरी ऐसी घटना है। इससे पहले 2 अप्रैल और 26 मार्च को भी UPI की सेवाएं डाउन हो गई थीं। बार-बार होने वाली रुकावटों को लेकर सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।
डाउनडिटेक्टर के मुताबिक, सुबह करीब 11:30 बजे से उपयोगकर्ताओं ने UPI की समस्याओं को लेकर शिकायत दर्ज करने शुरू की थीं। शाम आते-आते कई हज़ार यूज़र्स ने UPI डाउन होने शिकायतें की हैं। इसमें 81% लोगों ने पेमेंट्स करने ना होने की शिकायत बताई है जबकि 17% उपयोगकर्ताओं को फंड ट्रांसफर करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यूज़र्स ने उठाए सवाल
UPI ऐप्स के ज़रिए लेनदेन करने में असमर्थ रहे उपयोगकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है। कई यूज़र्स ने शिकायत की कि सुबह से ही UPI सेवाएं बाधित थीं जिससे रोज़मर्रा के लेनदेन या फंड ट्रांसफर में उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ा है। एक X यूज़र ने लिखा, “जिस तरह से UPI के साथ काम लिया जा रहा है और इसे घंटों तक डाउन रखा जा रहा, वो दिन-ब-दिन वाकई डरावना होता जा रहा है। इससे कई छोटे पैमाने के व्यवसाय और दुकानें प्रभावित हो रही हैं। क्या हम फिर से कैश की ओर बढ़ रहे हैं?” एक अन्य यूज़र ने लिखा, “UPI में क्या हो रहा है? अब कैश साथ लेकर चलने की ज़रूरत आ गई है, हम जहां से चले थे फिर वहीं आ गए हैं।”
NPCI ने क्या कहा?
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI पेमेंट में आई तकनीकी खराबी पर प्रतिक्रिया देते हुए बयान जारी किया है। NPCI ने कहा, “NPCI को वर्तमान में बीच-बीच में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण आंशिक रूप से यूपीआई लेनदेन में गिरावट आ रही है। हम इस समस्या को हल करने के लिए काम कर रहे हैं और आपको अपडेट रखेंगे। हमें हुई असुविधा के लिए खेद है।” इस गड़बड़ी के कारण एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे प्रमुख बैंकों की सेवाएं बाधित हुईं हैं।
कितना ज़रूरी है UPI?
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भारत के डिजिटल भुगतान क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव के रूप में उभरा है। 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा शुरू किया गया यह प्लेटफ़ॉर्म आज देश की आर्थिक संरचना का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। UPI की लोकप्रियता का मुख्य कारण इसकी सहजता, सुरक्षा और 24/7 उपलब्धता है। यह उपयोगकर्ताओं को रीयल-टाइम में बैंक खातों के बीच लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है जिससे नकद लेनदेन की आवश्यकता कम हो गई है।
डिजिटल भुगतान कंपनी ‘फी कॉमर्स’ की हालिया रिपोर्ट ‘हाउ इंडिया पे’ के अनुसार, देश में होने वाले सभी डिजिटल लेनदेन का 65 प्रतिशत UPI के ज़रिए होता है और यह एक गेम चेंज़र की तरह उभरकर सामने आया है। UPI छोटे और मध्यम मूल्य के लेनदेन में सबसे लोकप्रिय विकल्प है और इसने आम लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को आसान बना दिया है।