राफेल पर बयान को लेकर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के खिलाफ मुकदमा, देशद्रोह फैलाने का आरोप

कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय

कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। इस बार उनके खिलाफ वाराणसी में एक गंभीर मामला दर्ज हुआ है। आरोप है कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से राफेल लड़ाकू विमान की तुलना एक खिलौने से की, जिसे नींबू-मिर्ची से सजाया गया था। उनके इस बयान में राफेल को “नकारा” बताया गया और भारतीय सेना तथा राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र का अपमान किया गया। यह बयान और प्रदर्शन मीडिया के सामने किया गया था, और बाद में सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो गया।

विवाद बढ़ते देख, राष्ट्रवादी हिन्दू शक्ति वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप कुमार गुप्ता ने वाराणसी के चेतगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई। गुप्ता का आरोप है कि अजय राय का यह कृत्य भारतीय सेना के मनोबल को तो ठेस पहुँचाता ही है, साथ ही यह पाकिस्तान जैसे शत्रु देश को भी बढ़ावा देता है। गुप्ता ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की मीडिया ने इस वीडियो को प्रमुखता से प्रसारित किया, जिससे भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान हुआ।

अजय राय का राजनीतिक करियर और विवादों से नाता

अजय राय, जो पहले भाजपा के विधायक रह चुके हैं और बाद में समाजवादी पार्टी से होते हुए कांग्रेस में आए, हमेशा से अपने बयानों और कार्यों के कारण चर्चा में रहे हैं। उन्होंने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों ही बार हार का सामना किया। 2023 में उन्हें यूपी कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और तब से वे केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ मुखर हो गए हैं। उनके द्वारा किए गए कई विवादित बयान पहले भी सुर्खियां बन चुके हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद भाजपा ने कांग्रेस और अजय राय पर देश की सुरक्षा और सेनाओं को नीचा दिखाकर राजनीति करने का आरोप लगाया। भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व अब सेना और देश की सुरक्षा के खिलाफ बयानबाजी कर रहा है। दूसरी ओर, कांग्रेस की ओर से इस मामले पर फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या पार्टी अपनी लाइन बदलने का सोच रही है।

कानूनी दृष्टिकोण

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अजय राय के बयान को देश की सुरक्षा के खिलाफ माना जाता है, तो उन पर देशद्रोह की गंभीर धाराएं लग सकती हैं। हालांकि, यह अब न्यायिक प्रक्रिया पर निर्भर करेगा कि यह मामला किस दिशा में जाता है। इसके राजनीतिक परिणाम विशेष रूप से आगामी लोकसभा चुनावों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होंगे।

लोकसभा चुनाव 2029 के मद्देनज़र यह मामला कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। अजय राय जैसे वरिष्ठ नेता पर लगे आरोप, पार्टी के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर सकते हैं, जो कांग्रेस की भविष्य की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकता है।

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