‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेनाओं के पराक्रम और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की कलई खोलने के लिए भारत दुनिया भर में अपने सांसदों, नेताओं और राजनयिकों को भेजा जाएगा। भारत ने इसके लिए 7 सांसदों की अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडलों का गठन करने की बात कही है जिसमें कांग्रेस से शशि थरूर का नाम है। सरकार द्वारा इन नामों की सूची दिए जाने के कुछ देर बाद कांग्रेस ने एक ट्वीट किया जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने इस प्रतिनिधिमंडल के लिए थरूर का नाम नहीं दिया था बल्कि 4 अन्य नेताओं का नाम दिया था। कांग्रेस ने जिन नेताओं के नामों का ज़िक्र किया है उन्हें लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। बीजेपी ने कांग्रेस के नामों पर सवाल खड़े किए कि जिन नेताओं का नाम कांग्रेस ने दिया है वे विवाद में फंसे हुए हैं और उनमें से कुछ का संबंध देश विरोधी ताकतों से भी जोड़ा गया है।
केंद्र ने दिए ये 7 नाम?
कांग्रेस ने दिए थे ये 4 नाम?
सरकार द्वारा यह सूची जारी करने के कुछ ही समय के बाद कांग्रेस के महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने ‘X’ पर एक पोस्ट किया। जयराम ने लिखा, “कल सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता से बात की। सरकार ने कांग्रेस से अनुरोध किया कि वह उन सांसदों के नाम भेजे जो विदेशों में जाकर पाकिस्तान से जुड़े आतंकवाद पर भारत का पक्ष रख सकें।”
जयराम रमेश ने बताया कि 16 मई को दोपहर तक लोकसभा में विपक्ष के नेता ने संसदीय कार्य मंत्री को पत्र लिखकर कांग्रेस की ओर से निम्नलिखित 4 सांसदों के नाम भेजे है। जयराम ने जो चार नाम बताए उनमें आनंद शर्मा (पूर्व केंद्रीय मंत्री), गौरव गोगोई (लोकसभा में कांग्रेस के उप-नेता), डॉ. सैयद नसीर हुसैन (राज्यसभा सांसद) और राजा बरार (लोकसभा सांसद) के नाम शामिल थे।
Yesterday morning, the Minister of Parliamentary Affairs Kiren Rijiju spoke with the Congress President and the Leader of the Opposition in the Lok Sabha. The INC was asked to submit names of 4 MPs for the delegations to be sent abroad to explain India’s stance on terrorism from…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 17, 2025
कांग्रेस के दिए नामों पर बीजेपी ने उठाए सवाल
कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए जिन नेताओं के नाम दिए हैं, उन पर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं। बीजेपी की IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “कांग्रेस पार्टी द्वारा भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए जिन नेताओं को अंतरराष्ट्रीय बैठकों में भेजा जा रहा है, वो न सिर्फ चौंकाने वाले हैं बल्कि गंभीर रूप से सवालों के घेरे में हैं।” उन्होंने लिखा, “सैयद नसीर हुसैन को भारत की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया। यह वाकई हैरान करने वाली बात है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि उनकी राज्य सभा की जीत का जश्न मनाते समय विधान सौधा (कर्नाटक विधानसभा) के अंदर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए गए थे। बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया और यह गिरफ्तारी फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की रिपोर्ट, परिस्थितिजन्य साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर हुई।”
मालवीय ने आगे लिखा, “गौरव गोगोई के बारे में तो जितना कम कहा जाए, उतना बेहतर है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि गौरव गोगोई ने पाकिस्तान में 15 दिन बिताए। सरमा का कहना है कि उनकी एंट्री और एग्जिट की जानकारी अटारी बॉर्डर पर आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज है। सरमा ने ये भी कहा कि गोगोई की पत्नी एलिज़ाबेथ कोलबोर्न पहले 7 दिन उनके साथ थीं और फिर भारत लौट आईं जबकि गोगोई इस्लामाबाद में ही रुके रहे। बताया गया कि वापस लौटने के बाद, गोगोई करीब 90 युवाओं को पाकिस्तान दूतावास लेकर गए- जिनमें से कई को यह भी नहीं पता था कि उन्हें कहाँ ले जाया जा रहा है।”
उन्होंने लिखा, “इसके अलावा, सरमा ने यह भी आरोप लगाया कि एलिज़ाबेथ कोलबोर्न के पाकिस्तान सेना से संबंध हैं और उन्हें अब भी पाकिस्तान से वेतन मिल रहा है — जो राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों के टकराव को लेकर गंभीर चिंता पैदा करता है। ऐसे सांसदों पर, जिन पर इतने गंभीर आरोप लगे हों, कैसे भरोसा किया जा सकता है कि वे भारत का सही प्रतिनिधित्व करेंगे — खासकर पाकिस्तान जैसे संवेदनशील मामलों पर? कांग्रेस आखिर दुनिया को क्या संदेश देना चाहती है? और ये सब किसके हित में हो रहा है?”
The Congress party’s choices to represent India at diplomatic meetings are not just intriguing — they are deeply questionable.
Take, for instance, the inclusion of Syed Naseer Hussain in a delegation representing India. It is truly shocking. Let’s not forget — it was his… https://t.co/10e95JrKUv
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 17, 2025
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है। सरमा ने अपने पोस्ट में लिखा, “इस सूची में शामिल असम के एक सांसद ने पाकिस्तान में करीब दो हफ्ते तक रुकने की बात से इनकार नहीं किया है। भरोसेमंद दस्तावेजों से यह भी सामने आया है कि उनकी पत्नी भारत में काम करते हुए एक पाकिस्तान आधारित एनजीओ से वेतन ले रही थीं। राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर, मैं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से आग्रह करता हूँ कि ऐसे संवेदनशील और रणनीतिक काम में इस व्यक्ति को शामिल न करें।”
One of the MPs named in the list ( from Assam ) has not denied his prolonged stay in Pakistan—reportedly for two weeks—and credible documents show that his wife was drawing salary from a Pakistan-based NGO while working in India.
In the interest of national security and beyond… https://t.co/Y1thJAgMy8
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 17, 2025
राजा बरार पर क्या हैं आरोप?
कांग्रेस ने पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष और लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा वारिंग का नाम भी इस लिस्ट में दिया था। अमरिंदर सिंह भी विवादों में रहे हैं और उन पर कथित तौर पर खालिस्तान के विचारों का समर्थन करने वाले सिंगर शुभ का समर्थन करने का आरोप लगा था। दरअसल, शुभ ने किसान आंदोलन के बीच भारत के नक्शे को दिखाते हुए एक पोस्ट की थी। इस पोस्ट में पंजाब और जम्मू-कश्मीर के हिस्सों को नहीं दिखाया गया था जिसके बाद शुभ पर खालिस्तान समर्थक होने के आरोप लगे और कई कंपनियों ने तब उनके साथ करार तोड़ दिया था।
ये भी पढ़ें: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बना ऑल पार्टी डेलिगेशन: कांग्रेस क्यों कर रही है शशि थरूर के नाम का विरोध?
इस घटनाक्रम के बीच राजा बरार ने एक पोस्ट में शुभ का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि वह पंजाब के लिए बोलने वाले शुभ जैसे युवाओं को देशद्रोही कहने का पुरजोर विरोध करता हैं और पंजाबियों को अपने राष्ट्रवाद के बारे में कोई सबूत देने की ज़रूरत नहीं है। इसके अलावा वह अकाल तख्त साहिब को लेकर टिप्पणी करने पर भी विरोध में फंस चुके हैं और उन्होंने बाद में इसके लिए अकाल तख्त को माफी नामा भी दिया था।
कांग्रेस के थरूर का नाम ना देने को लेकर तो जो विवाद है सो है ही, लेकिन इन लोगों के नाम दिए जाने पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। पूछा जा रहा है कि कांग्रेस दुनिया भर में भारत के एजेंडा को दिखाने के लिए उन लोगों के नाम क्यों आगे कर रही है जिनपर भारत के विरोध के आरोप लग चुके हैं। आखिर, क्या कांग्रेस के पास कोई ऐसा ज्ञानी नेता नहीं है जो दुनिया में भारत का पक्ष रख पाए। यही कारण है कि अब कांग्रेस का ये रवैया उसकी किरकिरी का कारण बन रहा है।