भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्ष में जिस बात की सबसे अधिक चर्चा रही वो तो भारत द्वार एक बार फिर से पाकिस्तान के टुकड़े किए जाने की। 1971 में भारत, बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग करवाने में अपनी भूमिका निभा चुका है, ऐसे में पाकिस्तान से प्रताड़ित बलूचिस्तान के लोग भारत से उम्मीद लगाए बैठे हैं। बलूच नेता मेहरान मारी ने TFI के साथ बातचीत में कहा है कि बलूचिस्तान की आज़ादी के लिए दुनिया भर से मदद मांगी गई और अब भारत भी इसमें अपनी भूमिका अदा करे। मेहरान ने कहा, “पाकिस्तान या बलूचिस्तान के मसले पर भारत लंबे वक्त से गहरी नींद सो रहा था जो अब जाग गया है। हमने तो 1948 से ही भारत से कहा है कि भारत हमारी मदद करे हम तो बेकार ही इस दलदल में फंस गए हैं। हमें निजात दिलाने के लिए भारत अपनी भूमिका अदा करे और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद लग रहा है कि भारत हमारी जान छुड़ाने में मदद करेगा।”
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‘पाक और चीन मिलकर लूट रहे बलूचिस्तान’
मेहरान ने दावा किया है कि ना केवल पाकिस्तान बल्कि चीन भी बलूचिस्तान में लूटपाट कर रहा है। उन्होंने कहा, “पंजाबी पाकिस्तानी फौज ने बलूचिस्तान पर नाजायज़ कब्ज़ा किया हुआ है। 28 मार्च 1948 को पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर कब्ज़ा कर लिया था। पाकिस्तान हमारा एक कॉलोनी की तरह इस्तेमाल कर रहा है। हमारे लोगों को मार रहा है, हमारे माल को लूट रहा है। हमारे जो भी संसाधन हैं, गैस, तेल, मिनरल्स, गोल्ड सबको पहले तो अकेले लूट रहा था और अब उसका साथी चीन भी आ गया है। चीन और नापाकिस्तान मिलकर हमें लूट रहे हैं। हमारा जातीय नरसंहार हो रहा है और मानवीय संकट का समय है।”
‘भारत अपना जायज़ रोल अदा करे’
साथ ही, मेहरान ने कहा है कि बलूचिस्तान के लोग लगातार दुनिया भर में आज़ादी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब सोवियत यूनियन था और वे अफगानिस्तान में थे तो हमने उनसे भी कहा कि हमारी आज़ादी में मदद करे। हमने इंटरनैशनली सबसे हेल्प मांगी थी।” मेहरान ने कहा, “हमारी एक जायज़ वजह है, हम कोई दहशतगर्द नहीं हैं, हम पाकिस्तान पर कब्जा करना नहीं चाह रहे हैं। कोई दहशतगर्दी नहीं करना चाह रहे हैं जैसा पाकिस्तान PoK के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में कर रहा है। हमारी ऐसी मांग नही है। हम तो सिर्फ इतना चाहते हैं कि हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता बनी रहे। भारत अपना एक जायज़ रोल अदा करे और भारत नहीं करेगा तो शायद चीन अपना रोल अदा करेगा।”