पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को हिसार की एक अदालत ने सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। पुलिस रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद ज्योति को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेजने का आदेश दिया गया। ज्योति मल्होत्रा को पुलिस ने नौ दिन की रिमांड पर लिया था, जो अब समाप्त हो चुकी है। इस दौरान पुलिस ने उससे गहन पूछताछ की और जासूसी से संबंधित महत्वपूर्ण सुराग जुटाने का प्रयास किया। इससे पहले भी पुलिस ने ज्योति को दो बार रिमांड पर लिया था। रिमांड के दौरान जांच एजेंसियों ने ज्योति से गहनता से पूछताछ की।
ज्योति मल्होत्रा एक यूट्यूबर है और उसके खिलाफ 16 मई को सरकारी गोपनीयता अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। वह उन 12 लोगों में शामिल थी जिन्हें जासूसी के संदेह में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था। बताया गया कि वह पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थी। भारत ने कथित तौर पर जासूसी में लिप्त होने के कारण 13 मई को दानिश को देश से निष्कासित कर दिया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), खुफिया ब्यूरो और सैन्य खुफिया अधिकारियों ने भी मल्होत्रा से पूछताछ की है। जांच से पता चला है कि वह पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और कुछ अन्य देशों में गई थी। पुलिस ने कहा था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी मल्होत्रा को एक ‘एसेट’ के रूप में विकसित कर रही थी।
यह भी बताया गया कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान वह दानिश के संपर्क में थी। जांच के दौरान पुलिस को ज्योति मल्होत्रा के लैपटॉप और मोबाइल से डिलीट की गई चैट मिली है। इससे पहले पुलिस ने उसके तीन मोबाइल फोन और एक लैपटॉप को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था। मल्होत्रा के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है।
हिसार के पुलिस अधीक्षक के आधिकारिक बयान के अनुसार, अब तक की जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे पता चले कि मल्होत्रा ने संवेदनशील रक्षा या रणनीतिक जानकारी हासिल की हो, न ही आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने या आतंकवादी संगठनों से उसके संबंधों का कोई संकेत मिला है।
(ये खबर एजेंसी फीड से ली गयी है)