TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    उत्तराखंड विधानसभा में पेश हुआ अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान विधेयक 2025

    उत्तराखंड विधानसभा में पेश हुआ अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान विधेयक 2025, जानें क्या होगा इसका असर

    कोटा-बूंदी को मिलेगा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, कैबिनेट ने दो मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को दी हरी झंडी

    कोटा-बूंदी को मिलेगा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, कैबिनेट ने दो मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को दी हरी झंडी

    आरिफ मसूद का कॉलेज घोटाला बेनकाब — हाईकोर्ट ने कहा, दो दशकों तक राजनीतिक संरक्षण से बचते रहे

    कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का कॉलेज घोटाला बेनकाब, हाईकोर्ट ने कहा, दो दशकों तक राजनीतिक संरक्षण से बचते रहे

    CSDS का असली चेहरा सामने — विदेशी पैसे से झूठे सर्वे और फेक नैरेटिव से देश को बांटने की कोशिश

    CSDS का असली चेहरा सामने – विदेशी पैसे से झूठे सर्वे और फेक नैरेटिव से देश को बांटने की कोशिश

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत किसानों के हितों से नहीं करेगा कोई समझौता।

    किसानों के लिए दीवार की तरह खड़े हैं मोदी, पीएम ने ट्रंप को दिया भारत का कड़ा संदेश

    गलवान से लेकर व्यापार की मेज़ तक: 5 साल बाद भारत-चीन की सीधी बातचीत

    गलवान से लेकर व्यापार की मेज़ तक: 5 साल बाद भारत-चीन की सीधी बातचीत

    ट्रंप का पाकिस्तान तेल सौदा और बलूच विद्रोहियों पर अमेरिकी आतंकवाद का ठप्पा

    ट्रंप की पाकिस्तान से तेल डील और बलूच विद्रोही ‘आतंकी’, क्या संसाधन युद्ध की है तैयारी?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर: भारत के सटीक हमलों से इस्लामाबाद थर्राया, पाकिस्तानी नौसेना ईरान सीमा के पास छिपने को मजबूर

    ऑपरेशन सिंदूर: इस्लामाबाद सहमा, पाक नौसेना अरब सागर से खिसककर ईरान बॉर्डर पर छिपी

    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    114 राफेल जेट के लिए भारत-फ्रांस में सीधे सौदे की तैयारी, ग्लोबल टेंडर को किया दरकिनार

    114 राफेल जेट के लिए भारत-फ्रांस में सीधे सौदे की तैयारी: रिपोर्ट

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    CSDS का असली चेहरा सामने — विदेशी पैसे से झूठे सर्वे और फेक नैरेटिव से देश को बांटने की कोशिश

    CSDS का असली चेहरा सामने – विदेशी पैसे से झूठे सर्वे और फेक नैरेटिव से देश को बांटने की कोशिश

    ऑपरेशन सिंदूर: भारत के सटीक हमलों से इस्लामाबाद थर्राया, पाकिस्तानी नौसेना ईरान सीमा के पास छिपने को मजबूर

    ऑपरेशन सिंदूर: इस्लामाबाद सहमा, पाक नौसेना अरब सागर से खिसककर ईरान बॉर्डर पर छिपी

    ट्रंप से मुलाक़ात के बाद अहम कूटनीतिक पहल, जानें मोदी-पुतिन बातचीत में क्या था खास?

    ट्रंप से मुलाक़ात के बाद अहम कूटनीतिक पहल, जानें मोदी-पुतिन बातचीत में क्या था खास?

    पाकिस्तान की कंगाली से ध्यान भटकाने की कोशिश: नक़वी ने मुनीर का ‘मर्सिडीज़’ वाला मज़ाक दुहराया

    पाकिस्तान की कंगाली से ध्यान भटकाने की कोशिश: नक़वी ने मुनीर का ‘मर्सिडीज़’ वाला मज़ाक दुहराया

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    सिन्ध में संघ कार्य के प्रणेता राजपाल पुरी, आज भी याद करते हैं पाकिस्तान से आए हिन्दू

    सिन्ध में संघ कार्य के प्रणेता राजपाल पुरी, आज भी याद करते हैं पाकिस्तान से आए हिन्दू

    संसद में शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर चर्चा, विपक्षी हंगामे पर राजनाथ सिंह नाराज़ संसद में शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर चर्चा, विपक्षी हंगामे पर राजनाथ सिंह नाराज़

    संसद में शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर चर्चा, विपक्षी हंगामे पर राजनाथ सिंह नाराज़

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    उत्तराखंड विधानसभा में पेश हुआ अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान विधेयक 2025

    उत्तराखंड विधानसभा में पेश हुआ अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान विधेयक 2025, जानें क्या होगा इसका असर

    कोटा-बूंदी को मिलेगा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, कैबिनेट ने दो मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को दी हरी झंडी

    कोटा-बूंदी को मिलेगा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, कैबिनेट ने दो मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को दी हरी झंडी

    आरिफ मसूद का कॉलेज घोटाला बेनकाब — हाईकोर्ट ने कहा, दो दशकों तक राजनीतिक संरक्षण से बचते रहे

    कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का कॉलेज घोटाला बेनकाब, हाईकोर्ट ने कहा, दो दशकों तक राजनीतिक संरक्षण से बचते रहे

    CSDS का असली चेहरा सामने — विदेशी पैसे से झूठे सर्वे और फेक नैरेटिव से देश को बांटने की कोशिश

    CSDS का असली चेहरा सामने – विदेशी पैसे से झूठे सर्वे और फेक नैरेटिव से देश को बांटने की कोशिश

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत किसानों के हितों से नहीं करेगा कोई समझौता।

    किसानों के लिए दीवार की तरह खड़े हैं मोदी, पीएम ने ट्रंप को दिया भारत का कड़ा संदेश

    गलवान से लेकर व्यापार की मेज़ तक: 5 साल बाद भारत-चीन की सीधी बातचीत

    गलवान से लेकर व्यापार की मेज़ तक: 5 साल बाद भारत-चीन की सीधी बातचीत

    ट्रंप का पाकिस्तान तेल सौदा और बलूच विद्रोहियों पर अमेरिकी आतंकवाद का ठप्पा

    ट्रंप की पाकिस्तान से तेल डील और बलूच विद्रोही ‘आतंकी’, क्या संसाधन युद्ध की है तैयारी?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर: भारत के सटीक हमलों से इस्लामाबाद थर्राया, पाकिस्तानी नौसेना ईरान सीमा के पास छिपने को मजबूर

    ऑपरेशन सिंदूर: इस्लामाबाद सहमा, पाक नौसेना अरब सागर से खिसककर ईरान बॉर्डर पर छिपी

    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    114 राफेल जेट के लिए भारत-फ्रांस में सीधे सौदे की तैयारी, ग्लोबल टेंडर को किया दरकिनार

    114 राफेल जेट के लिए भारत-फ्रांस में सीधे सौदे की तैयारी: रिपोर्ट

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    CSDS का असली चेहरा सामने — विदेशी पैसे से झूठे सर्वे और फेक नैरेटिव से देश को बांटने की कोशिश

    CSDS का असली चेहरा सामने – विदेशी पैसे से झूठे सर्वे और फेक नैरेटिव से देश को बांटने की कोशिश

    ऑपरेशन सिंदूर: भारत के सटीक हमलों से इस्लामाबाद थर्राया, पाकिस्तानी नौसेना ईरान सीमा के पास छिपने को मजबूर

    ऑपरेशन सिंदूर: इस्लामाबाद सहमा, पाक नौसेना अरब सागर से खिसककर ईरान बॉर्डर पर छिपी

    ट्रंप से मुलाक़ात के बाद अहम कूटनीतिक पहल, जानें मोदी-पुतिन बातचीत में क्या था खास?

    ट्रंप से मुलाक़ात के बाद अहम कूटनीतिक पहल, जानें मोदी-पुतिन बातचीत में क्या था खास?

    पाकिस्तान की कंगाली से ध्यान भटकाने की कोशिश: नक़वी ने मुनीर का ‘मर्सिडीज़’ वाला मज़ाक दुहराया

    पाकिस्तान की कंगाली से ध्यान भटकाने की कोशिश: नक़वी ने मुनीर का ‘मर्सिडीज़’ वाला मज़ाक दुहराया

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    सिन्ध में संघ कार्य के प्रणेता राजपाल पुरी, आज भी याद करते हैं पाकिस्तान से आए हिन्दू

    सिन्ध में संघ कार्य के प्रणेता राजपाल पुरी, आज भी याद करते हैं पाकिस्तान से आए हिन्दू

    संसद में शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर चर्चा, विपक्षी हंगामे पर राजनाथ सिंह नाराज़ संसद में शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर चर्चा, विपक्षी हंगामे पर राजनाथ सिंह नाराज़

    संसद में शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर चर्चा, विपक्षी हंगामे पर राजनाथ सिंह नाराज़

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

परमाणु हथियारों ने पाकिस्तान को ‘घास खाने को मजबूर’ कर दिया है!

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
28 May 2025
in विश्व
परमाणु हथियारों ने पाकिस्तान को ‘घास खाने को मजबूर’ कर दिया है!
Share on FacebookShare on X

भारत के साथ परमाणु हथियारों की होड़ के बीच 1970 के दशक में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने अपने लोगों से कहा था, “अगर भारत बम बनाता है, तो हम घास या पत्ते खाएंगे, भूखे भी रहेंगे लेकिन हम अपना खुद का बम बनाएंगे।” आज करीब 50 वर्षों बाद पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों का जखीरा तो है लेकिन वहां के लोग खाने को भी मोहताज होते जा रहे हैं। आर्थिक बदहाली से जूझ रहा पाकिस्तान शायद ‘घास या पत्ते खाने’ को भी मजबूर होने की स्थिति तक पहुंच गया है।

आज से ठीक 27 साल पहले 28 मई 1998 को पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के चागई पहाड़ियों में 5 परमाणु परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया था। पाकिस्तान के लिए यह सिर्फ एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं बल्कि ‘राष्ट्रीय गर्व’ का प्रतीक बन गया था। पूरे देश में जश्न मनाया गया, झंडे लहराए गए और पाकिस्तान के नेताओं ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया। लेकिन अब तीन दशक बाद, सवाल उठ रहे हैं कि क्या उस ‘गर्व’ की कीमत पाकिस्तान को बहुत भारी पड़ रही है?

संबंधितपोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर: इस्लामाबाद सहमा, पाक नौसेना अरब सागर से खिसककर ईरान बॉर्डर पर छिपी

सिन्ध में संघ कार्य के प्रणेता राजपाल पुरी, आज भी याद करते हैं पाकिस्तान से आए हिन्दू

पाकिस्तान की कंगाली से ध्यान भटकाने की कोशिश: नक़वी ने मुनीर का ‘मर्सिडीज़’ वाला मज़ाक दुहराया

और लोड करें

पाकिस्तान का परमाणु इतिहास

पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम औपचारिक रूप से 1953 में शुरू हुआ, जब Pakistan Atomic Energy Committee (PAEC) की स्थापना की गई। इसके बाद, इस संस्थान ने बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों को प्रशिक्षित किया। इस दिशा में दिसंबर 1965 में महत्वपूर्ण कदम तब उठाया गया जब पाकिस्तान का पहला ‘स्विमिंग पूल रिएक्टर’ (Swimming Pool Reactor) चालू हुआ। Feroz Hassan Khan ने अपनी किताब ‘Eating Grass: The Making of the Pakistani Bomb’ में लिखा है, “पाकिस्तान के शुरुआती इतिहास में परमाणु हथियारों की ज़रूरत या उपयोगिता के बारे में कोई आम सहमति नहीं थी। केवल कुछ व्यक्ति विशेष रूप से भुट्टो मानते थे कि परमाणु हथियार हासिल करना पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण था। हालांकि, 1971 में पूर्वी पाकिस्तान के विनाशकारी नुकसान और 1974 में भारतीय परमाणु परीक्षण के बाद परमाणु हथियारों के पक्ष में राय राष्ट्रीय आम सहमति बन गई परमाणु हथियारों की आवश्यकता एक मुख्यधारा की मान्यता बन गई।”

पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम पर भी कई तरह के सवाल उठाए जाते रहे हैं। खुशवंत सिंह जुलाई 1979 में न्यूयॉर्क टाइम्स में छपे अपने लेख में लिखते हैं, “पाकिस्तान की परमाणु बम बनाने की योजना को कुछ इस्लामी देशों का समर्थन भी मिला था। बाद की जांचों से यह पुष्टि हुई कि विदेशी पत्रिकाओं में जो खबरें छपी थीं, वे सही थीं कि कई अरब देशों, खासकर लीबिया और सऊदी अरब ने पाकिस्तान के परमाणु अनुसंधान और गुप्त रूप से उपकरण खरीदने के लिए आर्थिक मदद दी थी। अरब देशों का यह समर्थन मुख्य रूप से इज़रायल के खिलाफ इस्तेमाल के लिए माना जा रहा है लेकिन भारत को पूरा विश्वास है कि पाकिस्तान इस बम को भारत के खिलाफ तैनात करेगा।”

सुरक्षा मिली लेकिन किस कीमत पर?

पाकिस्तानी सरकार ने कभी भी खुलकर यह नहीं बताया है कि उसके पास कितने परमाणु हथियार हैं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की 2025 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 की शुरुआत में पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार थे और यह संख्या 2023 में भी इतनी ही थी। वहीं, फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (FAS) की रिपोर्ट में भी 2025 में पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार होने का दावा किया गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि 1998 से अब तक पाकिस्तान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर लगभग 20 से 25 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं। यदि इसमें सैन्य ढांचा, हथियार प्रणालियां और अनुसंधान पर हुआ व्यय भी जोड़ लिया जाए तो कुल खर्च और अधिक हो जाता है। पाकिस्तान के 2024–25 के बजट में रक्षा क्षेत्र को 17% आवंटित किया गया है, जो स्वास्थ्य और शिक्षा के संयुक्त बजट से करीब दोगुना है।

International Campaign to Abolish Nuclear Weapons (ICAN) के मुताबिक, 2022 में पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों के निर्माण और रखरखाव पर अनुमानतः 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए थे। यह आकंड़ा हर दिन का करीब 2.74 मिलियन अमेरिकी डॉलर होता है। अगर इसे पाकिस्तानी रूपए में बात करें तो यह आंकड़ा हर दिन का करीब 77.5 करोड़ पाकिस्तानी रुपए होता है।

पाकिस्तान पर गहराता आर्थिक संकट

परमाणु शक्ति बनने के बावजूद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार संकट में घिरती जा रही है। जहां एक ओर देश खुद को एक परमाणु ताकत के रूप में प्रस्तुत करता है, वहीं दूसरी ओर $130 अरब से अधिक विदेशी कर्ज और बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और पाकिस्तानी रुपये की गिरती कीमत आम नागरिक के लिए जीवन को दिन-ब-दिन और मुश्किल बना रही है।

पाकिस्तान की IMF पर निर्भरता एक पुरानी कहानी बन चुकी है। आज़ादी के बाद से अब तक पाकिस्तान ने 23 बार IMF से बेलआउट पैकेज लिए हैं, यानी औसतन हर 3.4 साल में एक बार। हाल ही में 2024 में पाकिस्तान ने फिर से $3 अरब का आपातकालीन ऋण हासिल किया। लेकिन इस मदद के साथ आई शर्तें जनता के लिए भारी साबित हुईं, ऊर्जा सब्सिडी में कटौती, करों में वृद्धि, और सार्वजनिक खर्चों में कमी जैसी नीतियां अपनानी पड़ीं। दिलचस्प बात यह है कि इन सख्त आर्थिक उपायों का बोझ आम लोगों पर पड़ा लेकिन रक्षा बजट इससे भी अछूता ही रहा। सेना के खर्च में कोई कटौती नहीं की गई जबकि शिक्षा, स्वास्थ्य और सार्वजनिक कल्याण योजनाओं में संसाधनों की भारी कमी देखी गई।

क्या हैं असली प्राथमिकताएं?

पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली सिर्फ घाटे और कर्ज के आंकड़ों तक सीमित नहीं है। लेकिन इन सबकी असली समस्या है, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का गंभीर असंतुलन। सुरक्षा की तलाश में पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों को सबसे ऊपर रखा, और इसी चक्कर में उसने उन बुनियादी स्तंभों को कमजोर कर दिया जो किसी देश की लंबे वक्त की ताकत का आधार होते हैं।

आज पाकिस्तान मानव विकास सूचकांक (HDI) में 191 देशों में 161वें स्थान पर है। हर तीसरा पाकिस्तानी गरीबी में जी रहा है और 2 करोड़ से ज्यादा बच्चे स्कूल से बाहर हैं। जिस युवा आबादी को भविष्य की उम्मीद कहा जाता है, वही अब बोझ बनती जा रही है, क्योंकि देश में न नौकरियां हैं, न ही स्किल ट्रेनिंग या शिक्षा में निवेश।

पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम, जो कागज पर तो राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक ताकत देता है, असल में एक झूठे आत्मविश्वास का आवरण बन चुका है। इसने सत्ता को यह भ्रम दे दिया है कि हथियारों के बल पर सब कुछ सम्भव है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि शासन कमजोर है, राजनीति में सेना का दखल बढ़ता गया है और आर्थिक उत्पादन में निवेश लगातार गिरा है।

आसान नहीं आगे की राह

पाकिस्तान के सामने जो रास्ता है, वह आसान नहीं बल्कि बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण है। देश आज एक परफेक्ट स्टॉर्म से गुजर रहा है- जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्याएं, पानी की भारी कमी, ऊर्जा संकट, भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं पाकिस्तान के सामने खड़ी हैं। पाकिस्तान का एक बड़ा तबका भी भीतर ही भीतर सरकार और सेना के प्रति आक्रोशित नज़र आ रहा है।

अगर पाकिस्तान को इस संकट से बाहर निकलना है, तो अब संरचनात्मक सुधारों (structural reforms) की सख्त ज़रूरत है:

  • सबसे पहले, टैक्स बेस को व्यापक बनाना होगा

  • दूसरा, आर्थिक नीतियों पर सैन्य दखल को कम करना होगा।

  • तीसरा, सरकारी खर्च का रुख शिक्षा, स्वास्थ्य और नवाचार की ओर मोड़ना होगा।

इसके साथ-साथ, रक्षा खर्च में पारदर्शिता और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर नागरिक नेतृत्व में खुली बहस जरूरी है  जिससे देश आर्थिक रूप से स्थिर हो सके और सही दिशा में आगे बढ़े। लेकिन इन सभी सुधारों के लिए वह चीज चाहिए, जो पाकिस्तान की राजनीति में हमेशा से कमी रही है- दीर्घकालिक सोच और राजनीतिक साहस।अगर अब भी पाकिस्तान ने अपनी प्राथमिकताएं नहीं बदलीं, तो एक समय ऐसा आ सकता है जब परमाणु ताकत भी उसे अंदर से ढहने से नहीं बचा पाएगी। यह वक्त सिर्फ बम दिखाने का नहीं बल्कि अपनी बुनियाद को मजबूत करने का है।

परमाणु शक्ति: गर्व या बोझ?

पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम डर और असुरक्षा की भावना से जन्मा एक ऐसा कदम था जो क्षेत्रीय ख़तरों और भारत की परमाणु शक्ति के जवाब में अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए उठाया गया था। उस दौर में इसका उद्देश्य स्पष्ट था: अपने लिए सुरक्षा और क्षेत्रीय संतुलन कायम करना। इस लिहाज़ से अगर समझा जाए तो पाकिस्तान ने तब जो चाहा वो पा भी लिया। लेकिन अब लगभग तीन दशक बाद यही परमाणु ताकत एक भारी आर्थिक बोझ बन चुकी है। सुरक्षा के नाम पर शुरू हुआ यह सफर अब एक ऐसे मोड़ पर आ गया है, जहां इसकी लागत तो लगातार बढ़ रही है लेकिन वास्तविक सुरक्षा लाभ धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं।

आज पाकिस्तान एक ऐसे विरोधाभास में जी रहा है जहां एक ओर परमाणु ताकत है लेकिन दूसरी ओर कमजोर व फटेहला अर्थव्यवस्था। एक ऐसा देश जो बाहर से मज़बूत दिखता है लेकिन भीतर से खोखला होता जा रहा है। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान अपने हथियारों की चमक से ज़्यादा अपने लोगों की ज़रूरतों और भविष्य पर ध्यान दे, वरना यह तलवार सिर्फ दुश्मन को नहीं बल्कि खुद को भी घायल करती रहेगी।

Tags: Nuclear weapons have forced Pakistan to 'eat grass'!अर्थव्यवस्थापरमाणुपरमाणु बमपाकिस्तानभारत
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

इंदिरा गांधी ने किया था सम्मान लेकिन वीर सावरकर से क्यों चिढ़ती है कांग्रेस?

अगली पोस्ट

IIT इंदौर की स्टडी से सनसनीखेज़ खुलासा – कोरोना का ये वैरिएंट बन रहा है साइलेंट हार्ट अटैक की बड़ी वजह

संबंधित पोस्ट

CSDS का असली चेहरा सामने — विदेशी पैसे से झूठे सर्वे और फेक नैरेटिव से देश को बांटने की कोशिश
क्राइम

CSDS का असली चेहरा सामने – विदेशी पैसे से झूठे सर्वे और फेक नैरेटिव से देश को बांटने की कोशिश

19 August 2025

CSDS वही संस्था है, जिसके आंकड़ों का इस्तेमाल राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के मतदाताओं को बदनाम करने के लिए किया था, कांग्रेस अब मान चुकी...

ऑपरेशन सिंदूर: भारत के सटीक हमलों से इस्लामाबाद थर्राया, पाकिस्तानी नौसेना ईरान सीमा के पास छिपने को मजबूर
आयुध

ऑपरेशन सिंदूर: इस्लामाबाद सहमा, पाक नौसेना अरब सागर से खिसककर ईरान बॉर्डर पर छिपी

19 August 2025

जब भारत ने मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, तो इसने इस्लामाबाद के सैन्य प्रतिष्ठान में खलबली मचा दी। पाकिस्तान पहले जिस "लचीलेपन और...

ट्रंप से मुलाक़ात के बाद अहम कूटनीतिक पहल, जानें मोदी-पुतिन बातचीत में क्या था खास?
AMERIKA

ट्रंप से मुलाक़ात के बाद अहम कूटनीतिक पहल, जानें मोदी-पुतिन बातचीत में क्या था खास?

18 August 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से कहा कि यूक्रेन...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

After 35 Years : Kashmiri Pandits Finally Getting Justice

After 35 Years : Kashmiri Pandits Finally Getting Justice

00:05:59

Hidden Heroes of India’s Freedom: How Temples Silently Fought for Independence

00:06:30

Why do Journalists like Ravish kumar Keep Speaking Pakistan’s Script all the time | Op Sindoor

00:05:55

why are Punjabi pop icons yo yo honey Singh, karan aujla abusing indian culture?

00:04:17

'We’ll Start from the East’: Asim Munir’s Threat – Who’s Arming Pakistan?

00:06:14
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited