प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिनों के प्रवास पर गुजरात पहुंचे हुए हैं। दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधीनगर पहुंचे। यहां उन्होंने शहरी विकास योजना के 20वीं वर्षगांठ समारोह में हिस्सा लिया। प्रदेश को करोड़ों की सौगात दी और ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाने के लिए सेना की प्रशंसा की। उन्होंने आजादी के समय हुई गलतियों का भी जिक्र करते हुए जवाहर लाल नेहरू पर भी निशाना साधा। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए सिंधु जल संधि की वास्तविकता बताई।
सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहते हैं। इसलिए हम करोड़ों भारतीयों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होकर काम कर रहे हैं। प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहे थे। हम हमेशा जरूरतमंदों के साथ खड़े रहे। लेकिन बदले में खून की नदियां बहा दी गईं। ऐसा भारत को मंजूर नहीं है।
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सिंधु जल संधि का सच बताया
मैं नई पीढ़ी को बताना चाहता हूं कि इस देश को कैसे बर्बाद कर दिया गया। अगर आप 1960 की सिंधु जल संधि का विस्तार से अध्ययन करेंगे तो आप चौंक जाएंगे। यह तय किया गया था कि जम्मू-कश्मीर की नदियों पर बने डेम की सफाई नहीं की जाएगी। गाद निकालने का काम नहीं किया जाएगा। तलछट साफ करने के लिए बने निचले गेट बंद रहेंगे। 60 साल तक उन गेटों को कभी नहीं खोला गया। जिन जलाशयों को 100 प्रतिशत क्षमता तक भरना चाहिए था वे अब केवल 2 प्रतिशत या 3 प्रतिशत तक ही सीमित रह गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या हमारे देश को पानी पर अधिकार नहीं है। भारतीयों को उनके अधिकार का पानी मिलना चाहिए की नहीं। अभी तो हमारी सरकार ने कुछ ज्यादा कुछ किया ही नहीं है। अभी हमने इसे स्थगित किया है। इतने में ही पाकिस्तान को पसीने आने लगे हैं। फिलहाल डेम थोड़ी खोलकर सफाई की गई है। इतने में वहां बाढ़ आ जाती है।
जैसा करेगा वैसा भरेगा
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान को तीन बार भारतीय सशस्त्र बलों ने हराया। इसके बाद इसे यह महसूस हुआ कि वो सीदी लड़ाई में नहीं जीत सकता है। इस कारण उसने आतंकवादियों को प्रशिक्षित करना और उन्हें भारत में भेजना शुरू कर दिया। आतंकवादियों ने निर्दोष, निहत्थे नागरिकों, यात्रियों, पर्यटकों को निशाना बनाया। 6 मई की रात जो लोग मारे गए। उनको पाकिस्तान ने स्टेट ऑनर दिया। उनके ताबूतों पर झंडे लगाए गए। वहां की सेना ने सैल्यूट किया। ये सिद्ध करता है कि आतंकवादी गतिविधि प्रॉक्सी वॉर नहीं है। ये पाकिस्तान की सोची-समझी युद्ध की रणनीति है। आप वॉर ही कर रहे हैं तो उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा।
ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ
प्रधानमंत्री ने सफल ऑपरेशन सिंदूर के लिए भारतीय सेना के शौर्य की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह वीरों की भूमि है। अब तक जिसे हम छद्म युद्ध कहते थे। उसे 6 मई के बाद हम छद्म युद्ध कहने की गलती नहीं कर सकते। कारण स्पष्ट है कि मात्र 22 मिनट के भीतर नौ आतंकवादी ठिकानों की पहचान कर उन्हें नष्ट कर दिया गया। यह एक निर्णायक कार्रवाई थी। इस बार सब कुछ कैमरों के सामने किया गया है ताकि घर पर कोई सबूत न मांग सके।