‘घर-घर सिंदूर’: दैनिक भास्कर ने तो माफी मांग ली, ममता और कांग्रेस कब मांगेंगे?

'ऑपरेशन सिंदूर' में 100 से अधिक आतंकी मारे गए थे,

कांग्रेस और ममता ने BJP के कथित अभियान को लेकर सवाल उठाए थे

कांग्रेस और ममता ने BJP के कथित अभियान को लेकर सवाल उठाए थे

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया और इसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए थे। इसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर लगातार चर्चा जारी है। कभी चर्चा इसके नाम के पेटेंट को लेकर होती है तो कभी सिंदूर या इसके नाम पर ही राजनीतिक शुरू हो जाती है। हाल ही में, एक खबर सामने आई कि ‘मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने पर सरकार द्वारा घर-घर सिंदूर भिजवाया जाएगा’। जिसके बाद कांग्रेस और विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया। अब PIB और भाजपा ने इस खबर को फर्जी बता दिया तो जिस अखबार ने यह खबर छापी थी उसने माफी मांग ली, लेकिन क्या अब कांग्रेस और ममता बनर्जी जैसे विपक्षी दल जो इसे लेकर भाजपा को घेर रहे थे, वो माफी मांगेंगे?

कैसे शुरू हुआ विवाद?

28 मई को दैनिक भास्कर में एक छापी गई थी। इस खबर की हेडिंग थी ‘मोदी 3.0 की वर्षगांठ; घर-घर सिंदूर पहुंचाएगी भाजपा, 9 जून से शुरुआत’। इसमें खबर में भाजपा के वरिष्ठ नेता के हवाले से यह दावा किया गया था कि भाजपा के इस अभियान की शुरुआत 9 जून से होगी। इसमें कहा गया था, “जनसंपर्क के दौरान महिलाओं को सिंदूर भेंट किया जाएगा। साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर को हाईलाइट करने वाले पंफलेट भी बांटे जाएंगे। इस अभियान में केंद्र का हर मंत्री, एनडीए के सांसद और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे।” दैनिक भास्कर के अलावा कई और सोशल मीडिया पोर्टल्स व

अमित मालवीय द्वारा शेयर किया गया खबर का स्क्रीनशॉट

कांग्रेस-ममता ने क्या कहा?

यह खबर सामने आने के बाद कांग्रेस और ममता बनर्जी समेत विपक्ष और कथित पत्रकारों के एक धड़े ने बीजेपी पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। बिना इस खबर की हकीकत जाने या अधिकारिक पुष्टि किए भाजपा को घेरा जाना लगा। यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी विवादित टिप्पणियां की गईं। कांग्रेस की प्रवक्ता और पार्टी की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “ब्याहता हूं तो एक बात जानती हूं सिर्फ़ पति के नाम के सिंदूर से मांग भरी जाती है- वही सुहाग का प्रतीक है। किसी भी ऐरे गैरे नत्थू खैरे का सिंदूर नहीं लगा लिया जाता।

सुप्रिया ने कहा, “कौन हैं यह BJP वाले जो सिंदूर लेकर आयेंगे – एक से एक गुंडे, मवालियों से भरी हुई है यह पार्टी. कौन लायेंगे सिंदूर? वह बलिया वाले बब्बन सिंह, या हाईवे वाले मनोहरलाल धाकड़ या मध्यप्रदेश में भद्दे नाच के शौकीन कमल रघुवंशी, या बलात्कार के लिए सज़ा काट रहे कुलदीप सेंगर, या pocso में दोषी इनके विधायक रामदुलार गौंड? ऐसे लीचड़ लोग घर घर जाकर अब आपकी बहुओं, बेटियों और पत्नियों को सिंदूर देंगे – क्योंकि इन्हीं जैसों से तो भरी पड़ी है पूरी की पूरी BJP – और इन्हीं को तो दी है नरेंद्र मोदी ने यह ज़िम्मेदारी सनातन संस्कृति यही है – सिंदूर: समर्पण, प्रेम और हर परिस्थिति में एक दूसरे के पूरक होने का प्रतीक है सिंदूर का मान नहीं रखने वाले, सिंदूर को तो बख्श देते

वहीं, कांग्रेस की एक और प्रवक्ता रागिनी नायक ने भी इसे लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें कहा गया, “नरेंद्र मोदी अगर घर-घर जाकर सिंदूर बांटना चाहते हैं, तो पहले हमारे कुछ सवालों के जवाब दें:- पराए आदमियों द्वारा दिया गया ये ‘सरकारी सिंदूर’ किसके और किसलिए काम आएगा?” उन्होंने कहा, “क्या ‘हिंदू धर्म के स्वघोषित ठेकेदार’ नहीं जानते कि किसी हिंदू सनातनी विवाहित महिला की मांग में सिंदूर उसका पति सजाता है या फिर उसे ससुराल या सौभाग्य के आशीर्वाद के रूप में शक्ति पीठ/मंदिर से मिलता है? जिस डिब्बी में सिंदूर जाएगा, उसमें भी नरेंद्र मोदी की फोटो छपेगी, क्योंकि जो व्यक्ति कोरोना सर्टिफिकेट में अपनी फोटो छपवा चुका है, वो ये काम नहीं करेगा? ” इस तरह के कई सवाल कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछे गए। जाहिर के इनके सबके पीछे आधिकारिक जानकारी के नाम पर एक लंबा सन्नाटा ही था।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो कांग्रेस से भी एक कदम आगे जाकर पीएम मोदी पर ही विवादित टिप्पणी कर दी। ममता ने कहा, “हर महिला का सम्मान होता है और वे अपने पति से ही सिंदूर लेती हैं। लेकिन पीएम मोदी ऐसा कर रहे हैं, आप तो सभी महिलाओं के पति नहीं हो। पहले आप (पीएम मोदी) अपनी पत्नी को सिंदूर क्यों नहीं देते हो?” उन्होंने कहा, “मैं इन सब बातों में नहीं जाना चाहती हूं लेकिन हमें मजबूर किया जा रहा है।”

PIB – बीजेपी ने बताया फेक न्यूज़

केंद्र सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फेक्ट चेक यूनिट ने इसे फेक न्यूज़ बताया था। PIB Fact Check ने ‘घर-घर सिंदूर’ पहुंचाने से जुड़ी अखबार की कटिंग को शेयर कर लिखा, “कुछ सोशल मीडिया पोस्ट और मीडिया रिपोर्ट्स मोदी 3.0 की वर्षगांठ मनाने के लिए विभिन्न निर्णयों का दावा कर रहे हैं। यह दावा #Fake है।”

इस खबर का खंडन करते हुए बीजेपी के आधिकारिक X हैंडल से पोस्ट किया गया। बीजेपी ने लिखा, “दैनिक भास्कर में छपी यह खबर पूर्णतः असत्य है और छलपूर्वक प्रेरित है। भारतीय जनता पार्टी ने घर-घर सिंदूर बांटने का कोई कार्यक्रम निर्धारित नहीं किया है।”

बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी X पर एक पोस्ट शेयर कर इस दावे को गलत बताया। उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, “बहुत सारे लोग भास्कर में प्रकाशित इस #FakeNews के आधार पर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लेकिन हद तो तब हो गई जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, एक अधिकृत सरकारी मंच से, एक ट्रोल की तरह इस आधारहीन खबर को लेकर राजनीति करने लगीं।

मालवीय ने लिखा, “ममता बनर्जी को अपने प्रदेश की बदहाली की चिंता करनी चाहिए, और देश की सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बेतुकी बयानबाज़ी नहीं करनी चाहिए। पश्चिम बंगाल संप्रदायिकता की आग में जल रहा है, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, बेरोज़गारों के पास रोज़गार नहीं है — ये ममता बनर्जी की प्राथमिकताएं होनी चाहिए। कांग्रेस के प्रवक्ता हल्के लोग हैं, उनसे बेहतर की अपेक्षा करना भी उचित नहीं है।”

भास्कर ने मांगी माफी

PIB और बीजेपी द्वारा इस खबर का खंडन किए जाने के बाद दैनिक भास्कर ने अपनी खबर को डिजिटल प्लैटफॉर्म से हटा लिया। साथ ही, 31 मई को दैनिक भास्कर में इस खबर का अपडेटेड वर्ज़न भी छापा गया है। भास्कर ने लिखा, “जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत घर-घर सिंदूर पहुंचाने की खबर को भाजपा ने गलत बताया है। भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 30 मई को लिखा कि दैनिक भास्कर में छपी यह खबर गलत है। भारतीय जनता पार्टी ने घर-घर सिंदूर बांटने  का कोई कार्यक्रम निर्धारित नहीं किया है। भास्कर की पत्रकारिता सत्य आधारित रही है। 28 मई को प्रकाशित इस खबर में भाजपा का कोई आधिकारिक वक्तत्व नहीं लिया गया था। पाठकों के समक्ष स्थिति स्पष्ट करते हुए हमें इस चूक के लिए खेद है।”

दैनिक भास्कर की अपडेटेड खबर

कांग्रेस-ममता माफी मांगेंगे?

जाहिर है कि इस खबर की सच्चाई लोगों तक पहुंच गई है तो कांग्रेस के नेताओं और ममता बनर्जी तक भी पहुंच गई होगी। अब जब इस खबर के लिए खबर छापने वाले अखबार ने खेद जता दिया है तो क्या यह उन लोगों का कर्तव्य नहीं है जो अनर्गल जानकारी के आधार पर बीजेपी से लेकर पीएम मोदी तक को कोस रहे थे कि वे भी इस मामले पर माफी मांगे। हो सकता है कि बीजेपी या पीएम मोदी से माफी मांगना कांग्रेस या ममता को नागवार गुज़रे, उनके हित टकराएं लेकिन क्या वे देश के उन लोगों से भी माफी नहीं मांगेंगे जिन्हें उन्होंने गलत जानकारी दी थी। जिन्हें गलत जानकारी के आधार पर उल्टे-सीधे बयान परोसे गए? क्या कांग्रेस या ममता में इतनी राजनीतिक नैतिकता बाकी है कि वे लोगों को भ्रमित करने के लिए उनसे माफी मांगे?

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