पिछले दिनों ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद जब भारत सरकार ने इस घटना की जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई तो उसमें कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी मौजूद थे। मिसरी इसके बाद लगातार दोनों सैन्य अधिकारियों के साथ कई दिनों तक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आते रहे। इसके बाद दोनों देशों के बीच सीज़फायर की बात आई। 10 मई को एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस शेड्यूल थी लेकिन धीरे-धीरे इसमें देर होती गई और शाम करीब 6 बजे विक्रम मिसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आए। इस बार वे अकेले थे, कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका उनके साथ नहीं थीं। मिसरी करीब 1 मिनट में हमले रोकने पर सहमति की घोषणा की जानकारी देकर चले गए। सधे शब्दों में परिपक्व डिप्लौमेट की तरह मिसरी ने अपनी बात रखी। लेकिन यह बात शायद कुछ लोगों को रास नहीं आई और मिसरी सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गए। लोगों ने ‘सीज़फायर’ को लेकर गुस्से के बहाने मिसरी के परिवार पर कमेंट किए।
सोशल मीडिया यूज़र्स ने उनके परिवार को लेकर भी अनर्गल टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं। मिसरी की बेटी को भी निशाना बनाया जाने लगा और उन्हें लेकर बेहूदा टिप्पणियां की गईं। मिसरी के हैंडल पर किए गए उनके परिवारिक पोस्ट पर भी बेतुकी टिप्पणियां की जाने लगीं। इसके बाद मिसरी को अपने ‘X’ हैंडल के ट्वीट प्रोटेक्ट करने पड़े, और उनका अकाउंट प्रोटेक्टेड मोड में दिखने लगा। यानि अब उनके ट्वीट केवल उनके फॉलोअर्स ही देख सकते हैं। मिसरी के परिवार के साथ बेहूदगी कर रहे लोगों को इस बात का भी इल्म नहीं था कि मिसरी केवल अपना कर्तव्य निभा रहे ते। मिसरी की आवाज़ तल्ख नहीं थी कि इसका यह कतई मतलब नहीं था कि भारत ने पाकिस्तान के आगे हार मान ली है। मिसरी ने साफ बताया कि संघर्ष विराम के लिए फोन पाकिस्तान के DGMO की तरफ से आया था। इसके बाद भी लोग उनके पीछे पड़ गए। बाद में बड़ी संख्या में लोग विक्रम मिसरी के समर्थन में भी आ गए और उनके पक्ष में लोगों ने पोस्ट किए। जिनमें कई पूर्व राजनयिक, राजनेता और अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स शामिल थे।
मिसरी के समर्थन में किसने क्या कहा?
मिसरी का समर्थन करने वाले लोगों में एआईएमआईएम के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल थे। ओवैसी ने अपने ‘X’ हैंडल पर लिखा, “विक्रम मिसरी एक सभ्य और ईमानदार मेहनती राजनयिक हैं जो हमारे राष्ट्र के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं। हमारे सिविल सेवक कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं, यह याद रखना चाहिए और उन्हें कार्यपालिका या वतन ए अजीज चलाने वाले किसी भी राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णयों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।”
IAS असोसिएशन ने भी विक्रम मिसरी के समर्थन में पोस्ट किया है। संगठन ने X पर लिखा, “आईएएस एसोसिएशन विक्रम मिस्री और उनके परिवार के साथ एकजुटता में खड़ी है। ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करने वाले सिविल सेवकों पर किए गए बिना वजह के व्यक्तिगत हमले बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हम सार्वजनिक सेवा की गरिमा बनाए रखने के अपने संकल्प को दोहराते हैं।”
असोसिएशन ऑफ इंडियन डिप्लौमेट ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसके ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। असोसिएशन ने एक पत्र जारी किया है जिसमें कहा गया है, “विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार के साथ हुई ट्रोलिंग और डॉक्सिंग (व्यक्तिगत जानकारी फैलाने) की कड़ी निंदा करता है। यह बहुत ही निंदनीय और पूरी तरह से अस्वीकार्य है।” इसमें आगे कहा गया है, “विक्रम मिस्री एक बेहतरीन पेशेवर हैं जिनका रिकॉर्ड बेदाग रहा है। जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में भारत के पूर्व राजदूत नवदीप सुरी ने लिखा, “यह देखना सच में बहुत घिनौना है कि ट्रोल्स विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार को निशाना बना रहे हैं। वो पेशेवर, शांत, नपे-तुले और स्पष्ट बोलने वाले व्यक्ति हैं।” कांग्रेस नेता शशि थरूर ने लिखा, “इसमें कोई शक नहीं कि मिसरी एक बेहतरीन अफसर हैं, जिन्होंने दशकों तक देश की शानदार सेवा की है, और हाल की इस कठिन परिस्थिति में भी अहम भूमिका निभाई है। मैं उनके साथ खड़ा हूं और उन लोगों की निंदा करता हूं जो एक ईमानदार और मेहनती सरकारी अधिकारी का अपमान कर रहे हैं या उनकी छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं।“
कौन हैं विक्रम मिसरी?
विक्रम मिसरी ने 15 जुलाई 2024 को विदेश सचिव के रूप में काम करना शुरू किया था इससे पहले वे डिप्टी NSA के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। श्रीनगर में जन्मे मिसरी की शुरुआती शिक्षा श्रीनगर और उधमपुर में हुई और बाद में उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से पूरी की थी। मिसरी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से इतिहास में ऑनर्स के साथ स्नातक किया और जमशेदपुर के एक्सएलआरआई से एमबीए किया और सरकार में शामिल होने से पहले उन्होंने विज्ञापन और एड फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी तीन वर्षों तक काम किया है। विक्रम मिसरी अच्छी हिंदी, अंग्रेज़ी और कश्मीरी बोलते हैं और उन्हें फ्रेंच भाषा की भी जानकारी है।
विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, मिसरी भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने विदेश मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और दुनियाभर के कई भारतीय मिशनों (यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका) में काम किया है। नई दिल्ली में उन्होंने विदेश मंत्रालय के पाकिस्तान डेस्क पर काम किया है। साथ ही, उन्होंने दो विदेश मंत्रियों आई.के. गुजराल और प्रणब मुखर्जी का साथ भी काम किया है।
इसके अलावा, मिसरी ने प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव के तौर पर काम किया है और वे तीन प्रधानमंत्रियों आई.के. गुजराल, डॉ. मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के निजी सचिव भी रहे। विदेश में उन्होंने ब्रुसेल्स, ट्यूनिस, इस्लामाबाद और वाशिंगटन डी.सी. में काम किया है। वह श्रीलंका में भारत के उप उच्चायुक्त और म्यूनिख में महावाणिज्यदूत (कौंसुल जनरल) भी रह चुके हैं। उन्हें 2014 में स्पेन में भारत का राजदूत, 2016 में म्यांमार में और 2019 में चीन में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया था। चीन में उन्होंने 2021 तक सेवा दी। इसके बाद, वह भारत के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (रणनीतिक मामलों) के रूप में 1 जनवरी 2022 से 30 जून 2024 तक कार्यरत रहे।