जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

60 लड़कियों को दंड, कराटे और घरेलू सामान से आत्मरक्षा की ट्रेनिंग के साथ आत्मविश्वास और अनुशासन की शिक्षा दी जा रही है।

महिला सशक्तिकरण

जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

वर्षो से लड़कियों के साथ दुष्कर्म के हादसे सामने आते रहे हैं, जिसके बाद अब जम्मू में लड़कियों के लिए एक विशेष 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर का आयोजन किया गया है, जिसे राष्ट्रीय सेविका समिति द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जम्मू क्षेत्र के विभिन्न जिलों से लगभग 60 लड़कियाँ भाग ले रही हैं। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य लड़कियों को आत्मरक्षा की आवश्यक तकनीकों से सशक्त बनाना होगा ।

शिविर में दंड (लाठी युद्ध) और नियुद्ध (कराटे) जैसी पारंपरिक आत्मरक्षा विधाओं की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि लड़कियाँ किसी भी चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में खुद का बचाव कर सकें। शिविर की आयोजिका पंकजा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की परिस्थितियों को देखते हुए इस प्रकार के प्रशिक्षण की लड़कियों के लिए अत्यंत आवश्यकता है।

उन्होंने कहा,
“जम्मू-कश्मीर की लड़कियों को इस तरह की ट्रेनिंग से आत्मविश्वास मिलता है और वे किसी भी प्रतिकूल स्थिति का डटकर सामना कर सकती हैं।”

पंकजा ने यह भी बताया कि इस प्रशिक्षण में विशेष रूप से यह सिखाया जा रहा है कि कैसे आपात स्थिति में घरेलू सामान का उपयोग करके आत्मरक्षा की जा सकती है।
“हम महिलाओं को आत्मरक्षा सिखाने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं। गर्मी की छुट्टियों के दौरान देशभर में ऐसे शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में यह 15 दिवसीय शिविर विभिन्न जिलों की महिलाओं की भागीदारी के साथ चल रहा है, जिसमें उन्हें बताया जा रहा है कि साधारण घरेलू वस्तुओं का प्रयोग कर वे अपनी रक्षा कैसे कर सकती हैं,” उन्होंने कहा।

शारीरिक प्रशिक्षण के साथ-साथ इस शिविर में प्रतिभागियों को नैतिक शिक्षा और अनुशासन की भी शिक्षा दी जा रही है, जिससे उनके दैनिक जीवन में जिम्मेदारी और आत्मनियंत्रण का विकास हो सके।

डोडा जिले में सेना ने शुरू किया प्री-रिक्रूटमेंट प्रशिक्षण, युवाओं को सेना में भर्ती के लिए किया तैयार

वहीं, युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें टेरिटोरियल आर्मी (TA) की आगामी भर्ती रैलियों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से भारतीय सेना की 4 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट द्वारा जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में एक प्री-रिक्रूटमेंट प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है।

यह पहल भारतीय सेना के उस व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसके तहत दूरदराज़ के क्षेत्रों के युवाओं को सेना में करियर के लिए प्रेरित और तैयार किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य युवाओं की शारीरिक क्षमता, अनुशासन और भर्ती प्रक्रिया की आवश्यकताओं के अनुसार उनकी संपूर्ण तैयारी को मजबूत करना है।

भद्रवाह में आयोजित इस प्रशिक्षण में स्थानीय युवाओं की स्क्रीनिंग और भर्ती की भी तैयारी कराई गई।

एक सेना अधिकारी ने बताया की यह कार्यक्रम न केवल युवाओं के लिए रोजगार का मार्ग है, बल्कि राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने और उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने का एक माध्यम भी है। अधिकारी ने यह भी जोड़ा की “यह प्रशिक्षण डोडा जिले के दूरदराज़ इलाकों के युवाओं को शारीरिक रूप से तैयार करने और लिखित परीक्षा की तैयारी में सहायता देने के लिए शुरू किया गया है।”

स्थानीय युवाओं ने इस पहल में उत्साहपूर्वक भाग लिया और सेना के इस प्रयास के प्रति आभार व्यक्त किया। बड़ी संख्या में युवा प्रशिक्षण सत्र में शामिल हुए और इसे एक सराहनीय कदम बताया।

 

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