आपने एक कहावत तो सुनी होगी ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’ मतलब जिसे भगवान बचाना चाहता है उसे कोई मार नहीं सकता है। शायद इसी कारण अहमदाबाद विमान हादसे में एक यात्री बच गया। जबकि, हादसा इतना भयानक था कि विमान में सवार 241 में 241 यात्रियों की मौत हो गई। इस घटना के बाद अब कई लोगों के जेहन में ये सवाल आने लगा है कि आखिर हवाई, रेल या सड़क कौन सा परिवहन मार्ग सबसे सुरक्षित है? अगर हम एक लाइन में कहें तो हादसे कभी, भी कहीं भी हो सकते हैं। लेकिन, आंकड़े कुछ और ही कहते हैं।
हवाई यात्रा को सड़क और रेल यात्रा की तुलना में सबसे सुरक्षित माना जाता है। आंकड़ों के अनुसार हवाई यात्रा में चोट या मृत्यु की दर लगभग जीरो होती है। रेल यात्रा हवाई यात्रा से थोड़ी कम सुरक्षित है। हालांकि, सड़क यात्रा की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित है। सड़क पर यात्रा करना सबसे अधिक जोखिम भरा होता है। क्योंकि इसमें दुर्घटनाओं की संख्या काफी ज्यादा होती है।
एक्सपर्ट ने बताया हवाई यात्रा सुरक्षित
तीनों माध्यम से यात्रा करने और सुरक्षा को लेकर एसटीआईसी ट्रैवल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ सुभाष गोयल ने कहा कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश से साइकोलॉजिकल डर लाजमी है। हालांकि, अभी भी एयर प्लेन ट्रैवल रोड ट्रैवल कई गुना सुरक्षित है। न्यूज एजेंसी IANS से बात करते हुए गोयल ने कहा कि मौत को कोई रोक भी नहीं सकता है। हमने देखा कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर सबसे सुरक्षित है।
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डॉ सुभाष गोयल ने कहा कि पहली बार बोइंग 787 ड्रीमलाइनर क्रैश हुआ है। इसमें भी एक आदमी बचकर आ गया। विमान इसलिए भी सुरक्षित हैं क्योंकि, ये हादसों की शिकार कम होते हैं। हालांकि, इसमें नुकसान ज्यादा होता है इसलिए इसे कवरेज ज्यादा मिलती है। किसी विमान के क्रैश होने में इसमें एक से अधिक देश के लोग शामिल हो सकते हैं। इस कारण भी मामला बड़ा हो जाता है।
हवाई यात्रा कैसे सुरक्षित है?
वैश्विक रूप से यात्रा और मौत का अनुपात प्रति अरब यात्री-किलोमीटर या प्रति अरब यात्री-मील के रूप दिखाया जाता है। यह अनुपात विभिन्न परिवहन माध्यमों की तुलना करने का सबसे सटीक तरीका है। इंटरनेशलन एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन यानी IATA की रिसर्च बताती है कि हवाई यात्रा में ये अनुपात 0.05 है। वहीं युरोपियन युनियन एजेंसी फॉर रेलवे के आंकड़े बताते हैं इस रेल सफर में मौत के आंकड़े 0.1-0.6 मौत प्रति अरब यात्री-किलोमीटर है। ग्लोबल रोड़ सेफ्टी और WHO की आंकड़े बताते हैं कि सड़क मार्ग में सबसे अधिक मौतें होती है। क्योंकि, यहां प्रति अरब यात्री-किलोमीटर मौत की संख्या 2.7-7.2 की बीच है।
भारत में यात्रियों का संख्या हादसे
भारत में अलग-अलग माध्यमों से यात्रा, दुर्घटना और उसमें मरने वालों की संख्या देखें तो सबसे कई मौतें हवाई हादसों में हुई है। वहीं सबसे ज्यादा मौतें सड़क से सफर करने में होती है। जबकि, रेल दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या भी सड़क मार्ग से काफी कम है। इस लिहाज से भारत में भी हवाई सफर को सबसे अधिक सुरक्षित कहा जा सकता है।
हवाई मार्ग: फ्लाइट सफर की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत में कुल हवाई यात्री यात्रियों की संख्या 37.6 करोड़ थी। इसमें 30.6 करोड़ घरेलू यात्री और 6.96 करोड़ अंतरराष्ट्रीय यात्री शामिल थे। पिछले 5 साल में अगर 12 जून 2025 के हादसे को मिला दें तो अलग-अलग हवाई दुर्घटनाओं में करीब 300 लोग मारे गए हैं। इसमें हवाई यात्रा के साथ ही सैन्य हादसे शामिल हैं।
सड़क मार्ग: रोड सफर करने वालों की संख्या का कोई सटीक आंकड़ा नहीं है। हालांकि, भारत में ये माना जाता है कि सड़क परिवहन कुल यात्री यातायात का लगभग 85% वहन करता है। इस लिहाज से अगर औसतन 10-15 करोड़ लोग भी रोजाना सड़क से सफर करते हैं तो सालाना ये आंकड़ा 3600-5500 करोड़ से अधिक होगा। भारत में हर साल लगभग 1.5 लाख से 1.7 लाख से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है।
रेल मार्ग: भारतीय रेलवे प्रतिदिन करीब 2 करोड़ से ज्यादा लोगो को सफर करता है। अगर प्रतिदिन के औसत के आधार पर सालाना आंकड़े निकाले जाएं तो ये संख्या 800 करोड़ से ऊपर चली जाएगी। 14 सितंबर 2024 की द हिंदू की एक रिपोर्ट में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 40 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें किल 313 लोगों की मौत हुई है।
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वैश्विक और भारत के तमाम आंकड़े साफ बताते हैं कि हवाई यात्रा सबसे सुरक्षित है। यहां चोट या मृत्यु की दर लगभग शून्य के बराबर है। इसकी तुलना में रेल यात्रा थोड़ी कम सुरक्षित है। वहीं सड़क यात्रा सबसे ज्यादा असुरक्षित है। क्योंकि, इसमें जोखिम सबसे ज्यादा होता है। हालांकि, तीनों ही माध्यमों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में भी जमीन आसमान का अंतर है। खैर, दुर्घटनाएं कही भी हो सकती है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी खुद को सुरक्षित रखना और जागरूक रहना है।