मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामलों का निपटारा, जांच पूरी कर आधिकारिक रूप से फाइलें बंद।

मलयालम फिल्म उद्योग

मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के मामलों को समाप्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई मामले की जांच कर रही हेमा समिति की रिपोर्ट के बाद की गई है। इसके बारे में राज्य सरकार की ओर से केरल उच्च न्यायालय को बुधवार को सूचित भी कर दिया गया।

इसको लेकर जस्टिस एके जयशंकरन नांबियार और सीएस सुधा की विशेष पीठ को राज्य सरकार ने बताया कि एसआईटी की ओर से शुरू किए गए सभी 35 मामलों को बंद करना पड़ा, क्योंकि इन कथित अपराधों में शामिल कोई भी पीड़ित बयान देने के लिए आगे नहीं आया। हालांकि, वकील ने न्यायालय को आश्वासन भी दिया कि पीड़ितों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की गई थी। इधर, जस्टिस नांबियार ने कहा कि हम किसी को भी मजबूर नहीं करना चाहते हैं।

याचिका के बाद बनाई गई थी समिति

जानकारी है कि मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले मुद्दों का अध्ययन करने के लिए ‘वुमन इन सिनेमा कलेक्टिव’ ने एक याचिका दायर की थी। इसके बाद केरल सरकार ने साल 2017 में जस्टिस के हेमा समिति की स्थापना की थी। इसके बाद अगस्त 2024 में इसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक की गई थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि मलयालम फिल्म उद्योग में व्यापक तौर पर यौन उत्पीड़न था।

रिपोर्ट के बाद गठित हुई थी एसआईटी

इस मामले की जांच रिपोर्ट के बाद हुए खुलासे से जुड़े सभी आपराधिक मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। इसके बाद इन मामलों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने विशेष पीठ का भी गठन किया था।

इन मामलों की सुनवाई में पीठ ने केरल के महाधिवक्ता (एजी) गोपालकृष्ण कुरुप से मलयालम फिल्म उद्योग से संबंधित मामलों के लिए प्रस्तावित कानून की स्थिति के बारे में पूछा था। इस पर पीठ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रस्तावित कानून में केवल कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम, 2013) से उठाए गए प्रावधान नहीं होंगे। इसके बाद एजी ने अदालत को आश्वासन दिया कि अगस्त 2025 में आयोजित होने वाले फिल्म सम्मेलन के दौरान सभी हितधारकों से बात करने के बाद कानून के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा। अब अदालत सम्मेलन के बाद मामले की सुनवाई करेगी।

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