बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का बीते 11 जून को जन्मदिन मनाया गया था। इस दिन लालू यादव से मिलने उनके सैकड़ों प्रशंसक पहुंचे और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं और उपहार भी दिए। इस दौरान सोशल मीडिया पर कई वीडियोज़ वायरल हुए जिनमें अपने प्रशंसकों के बीच ‘सामाजिक न्याय के मसीहा’ नाम से लोकप्रिय लालू यादव के रूखे व्यवहार को लेकर उनकी खूब आलोचना की गई है। अब बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने लालू यादव का एक वीडियो शेयर कर दावा किया है कि उन्होंने देश के पहले कानून मंत्री डॉक्टर भीमराव आंबेडकर का अपमान किया है।
मालवीय ने क्या कहा?
अमित मालवीय ने X एक वीडियो शेयर किया है जिसमें लालू प्रसाद यादव एक कुर्सी पर बैठे दिख रहे हैं और उन्होंने सामने दूसरी कुर्सी पर पैर रखे हुए हैं। इस बीच एक समर्थन आकर उनके पैरों के पास डॉ. आंबेडकर की एक तस्वीर रखता और फिर फोटो खिंचाता नज़र आ रहा है। इस दौरान लालू खामोश बैठे रहते हैं ना तो वे समर्थक को तस्वीर पैरों के पास रखने से रोकते हैं और ना ही खुद उस तस्वीर को लेते हैं। इस वीडियो के साथ मालवीय ने लिखा, “लालू प्रसाद यादव, जो दशकों से खुद को सामाजिक न्याय का पुरोधा बताते हैं, उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर का घोर अपमान किया है। उनके जन्मदिन पर, बाबा साहेब की तस्वीर उनके चरणों में रखी गई — और लालू यादव ने न तो उसे उठाया, न सम्मान दिया, और न ही छूना तक ज़रूरी समझा।”
मालवीय ने लिखा, “खुद को सामाजिक न्याय का ठेकेदार बताने वालों को दलित समाज का वोट तो चाहिए, लेकिन उनके आराध्य पुरुष का अपमान करने से नहीं चूकते। जिस बाबा साहेब ने वंचितों को संविधान के ज़रिए न्याय दिलाया, आज उन्हीं को चरणों में गिरा देना — यह सिर्फ़ अपमान नहीं, एक मानसिकता का पर्दाफ़ाश है।” मालवीय का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और लोगों ने इस पर प्रतिक्रियाएं दी हैं।
मालवीय ने इसके कुछ देर बाद एक और वींडियो पोस्ट किया जिसमें डॉ. आंबेडकर की तस्वीर धूल से भरे एक कोने में रखी नज़र आ रही है। मालवीय ने इस पर लिखा, “राजद का सामंती चेहरा एक बार फिर बेनकाब! राजद कार्यालय में परम पूज्य भारत रत्न बाबा साहेब अम्बेडकर का चित्र अपमानजनक ढंग से कोने में फेंका गया — यह न सिर्फ़ असम्मान है, बल्कि दलित स्वाभिमान पर सीधा प्रहार है।” मालवीय ने आरजेडी के सामाजिक न्याय पर सवाल उठाते हुए आगे लिखा, “यह घटना उसी दुर्भाग्यपूर्ण मानसिकता की याद दिलाती है, जिसमें दलितों की हत्या और नरसंहार को लालू के जंगलराज में सामान्य बना दिया गया था। क्या यही है राजद का सामाजिक न्याय?”
JDU ने क्या कहा?
इस वीडियो के वायरल होने के बाद कई नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। जेडीयू ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी पर बाबासाहेब के प्रति अपमानजनक रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने इस मामले पर कहा, “राजद बार-बार जातीय जनगणना और आरक्षण की वकालत करती है, लेकिन संविधान निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर के प्रति उनका रवैया सम्मानजनक नहीं है। यह कैसी विडंबना है कि एक ओर राजद दलित सशक्तिकरण और आरक्षण की बात करती है, लेकिन जब बाबासाहेब की तस्वीर लालू प्रसाद यादव के सामने लाई गई, तो उन्होंने उसे छूना तक मंजूर नहीं किया। तस्वीर को उनके घुटनों के पास रखा गया, जो दलितों के प्रति उनके भाव दर्शाता है।”
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद के शासनकाल में दलितों के उत्पीड़न की कई घटनाएं सामने आई हैं। वोट बैंक की राजनीति के लिए दलितों के सशक्तिकरण और आरक्षण की बात करना राजद की रणनीति रही है, लेकिन बाबासाहेब जैसे महान व्यक्तित्व के प्रति अनादर का भाव जनता स्पष्ट देख रही है। यह दोहरा चरित्र उजागर करता है कि राजद का दलित प्रेम केवल दिखावा है।
मानसिक संतुलन खो चुके हैं लालू यादव: BJP सांसद
लालू यादव के वायरल वीडियो पर भाजपा की राज्यसभा सांसद धर्मशीला गुप्ता ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि लालू प्रसाद यादव अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं, उन्हें संन्यास ले लेना चाहिए। इस उम्र में वो बिहार का सर्वनाश करने के लिए चल पड़े हैं। गुप्ता ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने हमें एक लोकतांत्रिक ढांचा दिया, जो सभी जातियों, धर्मों और लिंगों के लिए समानता सुनिश्चित करता है। लालू प्रसाद यादव द्वारा बाबासाहेब अंबेडकर की छवि को किसी के चरणों में रखने का कृत्य न केवल बेहद अपमानजनक है, बल्कि एक जघन्य अपराध भी है जो हमारे लोकतंत्र को शर्मसार करता है।
शिवसेना ने की लालू यादव से माफी की मांग
शिवसेना नेता शाइना एनसी ने इस घटनाक्रम को संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान बताया है। साथ ही, उन्होंने मांग की है कि लालू यादव को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। शाइना एनसी ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर लालू यादव के पैर पर रखने से बाबा साहेब का अपमान हुआ है और इस पर लालू प्रसाद ने कुछ भी नहीं बोला है। उन्होंने कहा, “इस अपमान के लिए लालू यादव को बिहार के चुनाव में जनता मुंहतोड़ जवाब जरूर देगी। इस पर राजनीति न करते हुए लालू को पूरे देश और बाबा साहेब को मानने वाले हर व्यक्ति से माफी मांगनी चाहिए। लालू कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। वह संविधान और बाबा साहेब को लेकर बार-बार भाजपा को टारगेट करते रहे हैं।”