अपने फायरब्रैंड बयानों के चलते अक्सर चर्चा में रहने वाले टी राजा सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। सिंह फिलहाल तेलंगाना की गोशामहल सीट से भाजपा के विधायक हैं। उन्होंने अपना इस्तीफा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जी किशन रेड्डी को भेजा है। अपने दो पन्नों के इस्तीफे में उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य में नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन में काडर की भावनाओं को दरकिनार किया गया है। उन्होंने बिना नाम लिए आरोप लगाया कि कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के चलते पर्दे के पीछे से पार्टी को चला रहे हैं और दिल्ली के नेतृत्व को गुमराह कर रहे हैं।
राजा सिंह ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X के ज़रिए अपने इस्तीफे का एलान किया है। उन्होंने X पर एक पोस्ट में अपने इस्तीफे की कॉपी शेयर करते हुए लिखा, “बहुतों की चुप्पी को सहमति नहीं समझना चाहिए। मैं सिर्फ़ अपने लिए नहीं, बल्कि उन अनगिनत कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के लिए बोल रहा हूँ जो हमारे साथ आस्था के साथ खड़े थे और जो आज निराश महसूस कर रहे हैं। जय श्री राम 🚩”
इस्तीफे में टी राजा सिंह ने क्या कहा?
जी किशन रेड्डी के नाम लिखे इस इस्तीफे में टी राजा सिंह ने कहा है, “मैं यह पत्र भारी मन और गहरी चिंता के साथ लिख रहा हूं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रामचंदर राव को तेलंगाना के लिए भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जाना है। यह निर्णय न केवल मेरे लिए बल्कि लाखों कार्यकर्ताओं, नेताओं और मतदाताओं के लिए एक सदमा और निराशा की तरह है, जो हर उतार-चढ़ाव में पार्टी के साथ खड़े रहे हैं। ऐसे समय में जब भाजपा तेलंगाना में अपनी पहली सरकार बनाने की दहलीज पर खड़ी है, इस तरह का चयन हमारी दिशा के बारे में गंभीर संदेह पैदा करता है।”
उन्होंने आगे लिखा है, “हमारे राज्य में कई योग्य वरिष्ठ नेता, विधायक और सांसद हैं, जिन्होंने भाजपा के विकास के लिए अथक परिश्रम किया है और जिनके पास पार्टी को आगे ले जाने के लिए ताकत, विश्वसनीयता और संपर्क है। दुर्भाग्य से, ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ व्यक्तियों ने व्यक्तिगत हितों से प्रेरित होकर केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह किया है और पर्दे के पीछे से शो चलाकर निर्णय लिए हैं। यह न केवल जमीनी कार्यकर्ताओं के बलिदान को कमतर आंकता है, बल्कि पार्टी को टालने योग्य असफलताओं की ओर धकेलने का जोखिम भी उठाता है।”
‘आशा अब निराशा और हताशा में बदल रही है’
टी राजा सिंह ने अपने इस्तीफे में लिखा है, “तेलंगाना में भाजपा को सत्ता में लाने के लिए हमारे पास वर्षों में सबसे अच्छा अवसर था। लेकिन वह आशा धीरे-धीरे निराशा और हताशा में बदल रही है, लोगों की वजह से नहीं, बल्कि नेतृत्व को शीर्ष पर रखे जाने की वजह से। बहुत दुख के साथ, मैंने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है। किशन रेड्डी जी, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि तेलंगाना विधानसभा के माननीय अध्यक्ष को सूचित करें कि टी राजा सिंह अब भाजपा के सदस्य नहीं हैं।”
‘हिंदुत्व की विचारधारा के लिए प्रतिबद्ध हूं’
राजा सिंह ने लिखा है, “भले ही मैं पार्टी से अलग हो रहा हूं लेकिन मैं हिंदुत्व की विचारधारा और हमारे धर्म और गोशामहल के लोगों की सेवा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं। मैं अपनी आवाज़ उठाता रहूंगा और हिंदू समुदाय के साथ और भी अधिक मजबूती से खड़ा रहूंगा। यह एक कठिन निर्णय है, लेकिन एक आवश्यक निर्णय है। कई लोगों की चुप्पी को सहमति के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। मैं न केवल अपने लिए बोल रहा हूं, बल्कि उन असंख्य कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के लिए भी बोल रहा हूँ जो विश्वास के साथ हमारे साथ खड़े थे, और जो आज निराश महसूस कर रहे हैं।”