बकरीद पर दिल्ली सरकार की विशेष एडवाइज़री, जानें कैसी कुर्बानी को बताया गया है गैर-कानूनी?

दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने इस एडवाइजरी की प्रति X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की है

बकरीद पर दिल्ली सरकार की विशेष एडवाइज़री

बकरीद पर दिल्ली सरकार की विशेष एडवाइज़री

दिल्ली में बकरीद के मौके पर कुर्बानी को लेकर सरकार ने सख्ती दिखाते हुए एक विशेष एडवाइज़री जारी की है। इस एडवाइज़री में स्पष्ट किया गया है कि गाय और ऊंट की कुर्बानी पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी, और यदि कोई ऐसा करता है तो उसे कानून का उल्लंघन माना जाएगा। इसके साथ ही, सार्वजनिक स्थलों पर कुर्बानी पर भी रोक लगाई गई है। इसके अलावा पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे किसी भी मामले में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। सरकार ने लोगों से कानून का पालन करने और शांति बनाए रखने की अपील की है। दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने इस एडवाइजरी की प्रति X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की है। सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि कुर्बानी केवल अधिकृत स्लॉटर हाउस में ही की जा सकती है। किसी अन्य स्थान पर की गई कुर्बानी को अवैध माना जाएगा।

दिल्ली सरकार की पशुपालन इकाई द्वारा जारी इस एडवाइज़री में कहा गया है, “7 जून, 2025 को मनाए जाने वाले बकरा-ईद त्योहार के दौरान दिल्ली में बड़ी संख्या में पशुओं की पारंपरिक रूप से बलि दिए जाने की संभावना है। पशुओं के परिवहन के दौरान नियमों का मालिक/देखभाल करने वालों और पशुओं द्वारा अनुपालन नहीं किया जाता जिसके चलते पशुओं को क्रूरता का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा यह भी आशंका है कि बकरा-ईद की पूर्व संध्या पर दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में कई अवैध पशु बाजार और अवैध वध की घटनाएं हो सकती हैं। पशु क्रूरता निवारण (वधशाला) नियम, 2001 के नियम 3 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति संबंधित प्राधिकरण द्वारा मान्यता प्राप्त या लाइसेंस प्राप्त वधशाला को छोड़कर नगर निगम क्षेत्र में किसी भी पशु का वध नहीं करेगा।”

बकरीद को लेकर जारी इस एडवाइज़री में कहा गया है, “ऊंटों को खाद्य पशु नहीं माना जाता है, इसलिए उन्हें भोजन के उद्देश्य से नहीं मारा जा सकता है। दिल्ली कृषि मवेशी संरक्षण अधिनियम, 1994 दिल्ली में गायों के वध पर सख्ती से प्रतिबंध लगाता है। इसके चलते सभी संबंधित अधिकारियों से अनुरोध है कि वे बकरा-ईद त्योहार के दौरान पशुओं की अवैध हत्या को रोकने के लिए पशुओं के कल्याण से संबंधित कानूनों को लागू करने के लिए उपयुक्त एहतियाती उपाय करें।”

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