ईरान की खुफिया और सैन्य व्यवस्था को झकझोर देने वाले एक बड़े खुलासे में फ्रांसीसी मूल की यहूदी महिला कैथरीन पेरेज़-शकदम को उस जासूसी मिशन की मुख्य कड़ी बताया जा रहा है जिसे अब अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक ‘ईरान के इतिहास की सबसे सफल खुफिया सेंध’ के रूप में देख रहे हैं। कैथरीन के जासूसी प्रयासों को इज़रायल के ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के पीछे का असल दिमाग माना जा रहा है। इस हमले में ईरान के दर्जनों सैन्य ठिकानों को AI ड्रोन और जेट्स से निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया। इज़रायल के इस हमले में 15 से अधिक वरिष्ठ ईरानी कमांडर मारे गए है। इस हमले में इज़रायल की सैन्य सफलता के पीछे वर्षों से चल रही घुसपैठ थी जिसे मिसाइलों से नहीं, बल्कि आकर्षण, विश्वास और धोखे से अंजाम दिया गया था।
मोसाद की रहस्यमयी ‘ब्लैक लेडी’
कैथरीन का जीवन किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रहा। फ्रांस में एक सेकुलर यहूदी परिवार में जन्मी कैथरीन ने इस्लाम धर्म अपनाया, एक यमनी मुस्लिम से शादी की और मध्य पूर्व में रहने लगीं। तलाक के बाद वह इस्लामी कट्टरता और विशेषकर ईरान की क्षेत्रीय विस्तार नीति से निराश हो गईं। यही वैचारिक विरोध उन्हें इज़रायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार बना गया।
बीते करीब एक दशक में उन्होंने स्वयं को ईरान के शिया धार्मिक और राजनीतिक सत्ता केंद्रों में स्थापित कर लिया। शिया परंपराओं और भाषाओं में पारंगत कैथरीन ने प्रभावशाली ईरानी परिवारों, यहां तक कि शीर्ष नेताओं की पत्नियों से व्यक्तिगत संबंध बना लिए, उनके घरों में जाने लगीं। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी, जनरल कासिम सुलेमानी (2020 में मारे गए) और सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई तक से मुलाकातें कीं थी।
पत्रकारिता से जासूसी तक का सफर
कैथरीन ने अपने इस गुप्त मिशन की शुरुआत एक लेख से की, जिसमें उन्होंने पश्चिम एशिया में अमेरिकी सैन्य नीति की आलोचना की। यह लेख ईरान के सरकारी मीडिया की नजर में आया और उन्हें टेलीविजन डिबेट्स और शिया विचारधारा से जुड़ी वेबसाइटों पर लिखने का मौका मिला। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने सुप्रीम लीडर की आधिकारिक वेबसाइट Khamenei.ir के लिए भी लेख लिखे। इस पत्रकारिता की आड़ में उन्होंने बिना कभी संदेह के घेरे में आए कई संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें लीं, गोपनीय आयोजनों में भाग लिया और बेशकीमती खुफिया जानकारियां इकट्ठी कीं।
दोहरी ज़िंदगी, दोहरी भूमिका
ईरानी प्रशासन को बिना भनक लगे कैथरीन नियमित रूप से इज़रायली संपर्कों को फोटो, कोडेड संदेशों और दिखावटी ब्लॉग्स के माध्यम से सूचना भेजती रहीं। उनके जरिए ईरान के प्रमुख सैन्य ठिकानों, परमाणु कार्यक्रम और प्रमुख अधिकारियों की पहचान की जानकारी मोसाद तक पहुंची। यही जानकारी ऑपरेशन राइजिंग लायन की सफलता की नींव बनी।
कथित तौर पर उन्होंने सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई से इतनी करीबी बना ली थी कि उन्हें उनके लिए कंटेंट लिखने की अनुमति तक मिल गई थी। लेकिन 13 जून के हमले के बाद, उनके नाम और लेखों से जुड़ी सभी डिजिटल छवियां ईरानी वेबसाइटों से हटा दी गई हैं।
हमले से ठीक पहले हुई गायब
कैथरीन इज़रायली हमले के ठीक तीन दिन पहले 10 जून 2025 को अचानक गायब हो गईं। ईरान ने उसके बाद देशव्यापी तलाशी अभियान शुरू किया, जिसमें कम-से-कम तीन कथित सहयोगियों को फांसी दे दी गई और पूरे देश में उसकी तस्वीरें चस्पा कर दी गईं। लेकिन अब तक कैथरीन का कोई सुराग नहीं मिला है। कई जानकारों का मानना है कि वह अब नई पहचान में, किसी अन्य देश में फिर से किसी मिशन पर सक्रिय हैं।
ईरान के खुफिया तंत्र की विफलता
इस ऑपरेशन के असर ने ईरानी शासन को अंदर तक झकझोर दिया है। हवाई हमला तो काफी नुकसानदायक था ही लेकिन यह जानकर कि किसी ने इतने अंदर तक घुसपैठ कर ली थी, उससे मानसिक झटका और भी ज्यादा लगा है। ईरान के अधिकारियों का कहना है कि कैथरीन को देश की सबसे गोपनीय बातचीतों, सैन्य ठिकानों और परमाणु योजनाओं तक बिना किसी रोकटोक के पहुंच थी। यह एक ऐसी जानकारी है, जो अब तक बहुत ही कम बाहरी लोगों को मिल पाई थी।
जासूसी दुनिया में मिसाल बनी ‘कैथरीन’
कैथरीन पेरेज़-शकदम की कहानी किसी फिल्मी जासूसी थ्रिलर से कम नहीं है, एक ऐसी महिला जिसने अपनी आस्था, पहचान और निजी मकसद को हथियार बनाकर एक पूरे शासन तंत्र में भीतर तक घुसपैठ कर ली। माना जा रहा है कि उसी ने इज़रायल के इतिहास के सबसे रणनीतिक और असरदार ऑपरेशनों में से एक की नींव रखी।
आज जब वैश्विक तनाव लगातार बढ़ रहा है और ईरान भीतर से टूटता नज़र आ रहा है, तो एक बात पूरी तरह साफ हो चुकी है कि आधुनिक युद्ध अब सिर्फ हथियारों और सीमाओं पर नहीं, बल्कि लोगों के घरों, इंटरनेट के ब्लॉग्स और विचारधाराओं में लड़े जाते हैं। कैथरीन की यह कहानी आने वाले दशकों तक खुफिया एजेंसियों और रणनीतिकारों के लिए मानव जासूसी (Human Intelligence) की एक मिसाल बनी रहेगी।