चीन के पड़ोसी देश मंगोलिया की राजधानी उलानबाटर में बुधवार को भारतीय सेना की एक टुकड़ी पहुंची है। ये जवान यहां मंगोलिया और अन्य मित्र देशों की सेनाओं के साथ बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘खान क्वेस्ट’ में हिस्सा लेंगे। यह महत्वपूर्ण अभ्यास 14 जून से 28 जून तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें शांति मिशनों के तहत सेनाओं के आपसी समन्वय और संचालन क्षमताओं को मजबूत किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, इस अभ्यास का मकसद वैश्विक सेनाओं के बीच शांति स्थापना अभियानों में सहयोग बढ़ाना और आपसी क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करना है। यह अभ्यास ना केवल सामरिक स्तर पर महत्वपूर्ण है, बल्कि रणनीतिक रूप से भी भारत की क्षेत्रीय मौजूदगी को और सशक्त करता है। गौरतलब है कि ‘खान क्वेस्ट’ अभ्यास की शुरुआत साल 2003 में अमेरिका और मंगोलियाई सशस्त्र बलों के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के तौर पर हुई थी। लेकिन 2006 से इसे बहुराष्ट्रीय शांति अभ्यास के रूप में विस्तार दिया गया, जिसमें अब भारत जैसी बड़ी लोकतांत्रिक सेनाएं भी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार…
साल 2025 में ‘खान क्वेस्ट’ अभ्यास अपने 22वें संस्करण में प्रवेश कर चुका है, और इस बार भारत की ओर से इसमें कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन के 40 जवानों के साथ-साथ अन्य अंगों और सेवाओं के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं। खास बात यह है कि इस टुकड़ी में एक महिला अधिकारी और दो महिला सैनिक भी शामिल हैं, जो अभ्यास में भारतीय सेना की बहुआयामी ताकत और लैंगिक समावेशन को दर्शाता है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भारतीय सैनिकों को बहुराष्ट्रीय वातावरण में शांति स्थापना अभियानों के लिए तैयार करना है।
‘खान क्वेस्ट’ अभ्यास न केवल फिजिकल ट्रेनिंग का मंच है, बल्कि सामूहिक योजना और रणनीतिक समन्वय का भी जीवंत उदाहरण बन चुका है। इस दौरान सैनिकों को विभिन्न जमीनी परिदृश्यों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी जिनमें मोबाइल चेक पोस्ट की स्थापना, घेराबंदी और तलाशी अभियान, गश्त संचालन, और संकटग्रस्त क्षेत्रों से नागरिकों की सुरक्षित निकासी जैसे अहम अभ्यास शामिल हैं। इसके अलावा, सैनिक युद्धक्षेत्र में प्राथमिक उपचार, घायल जवानों की निकासी, और विस्फोटकों से निपटने जैसी बारीक रणनीतियों पर भी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास एक ऐसा साझा मंच प्रदान करता है, जहां विभिन्न देशों की सेनाएं रणनीति, तकनीक और संचालन संबंधी प्रक्रियाएं एक-दूसरे से साझा करती हैं। इससे न केवल परस्पर सहयोग और भाईचारा बढ़ता है, बल्कि आपसी संचालन क्षमता भी मजबूत होती है।
इस दौरान भारत और मंगोलिया के बीच पारंपरिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘नोमैडिक एलीफेंट 2025’ भी मंगोलिया की राजधानी उलानबटोर में आयोजित हो रहा है। यह इस संयुक्त अभ्यास का 17वां संस्करण है, जो विशेष बल प्रशिक्षण केंद्र में 13 जून तक चलेगा। इस अभ्यास में दोनों देशों की सेनाएं अर्ध-पर्वतीय इलाकों में आतंकवाद-रोधी अभियानों का अभ्यास कर रही हैं। मौजूदा वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए यह प्रशिक्षण और भी ज्यादा प्रासंगिक और रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है।