कुछ दिनों पहले आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसमें लालू को जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे एक शख्स ने उनके पैरों के पास डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की तस्वीर रख दी थी। बाबा साहेब की तस्वीर पैरों के पास रखने जाने पर भी लालू ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जिस पर खूब सियासी बवाल मचा था और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर लालू यादव को आड़े हाथों लिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के सिवान में 5,200 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान पीएम मोदी ने आरजेडी और कांग्रेस पर तीखी प्रहार किए।
आंबेडकर के अपमान पर क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में एक और जहां लालू यादव के मुख्यमंत्री काल में बिहार की बदहाली का मुद्दा उठाया तो वहीं आंबेडकर के अपमान के नाम पर आरजेडी पर तीखे प्रहार किए। पीएम मोदी ने परिवारवाद को लेकर भी लालू यादव को घेरा है। पीएम मोदी ने कहा, “अपने-अपने परिवारों के हित के लिए ये देश के, बिहार के करोड़ों परिवारों का अहित करने से भी नहीं चूकते हैं। खुद बाबा साहेब अंबेडकर भी इस प्रकार की राजनीति के बिल्कुल खिलाफ थे। इसलिए ये लोग कदम-कदम पर बाबा साहेब का अपमान करते हैं।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “अभी पूरे देश ने देखा है कि RJD वालों ने बाबा साहेब की तस्वीर के साथ क्या व्यवहार किया हैं। मैं देख रहा था, बिहार में पोस्टर लगे हैं कि बाबा साहेब के अपमान पर माफी मांगो, लेकिन मैं जानता हूं, ये लोग कभी माफी नहीं मांगेंगे, क्योंकि इन लोगों के मन में दलित, महादलित, पिछड़े, अति पिछड़े के प्रति कोई सम्मान नहीं है। आरजेडी और कांग्रेस बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर को पैरों में रखती है, जबकि मोदी बाबा साहेब अंबेडकर को अपने दिल में रखता है। बाबा साहेब का अपमान करके ये लोग खुद को बाबा साहेब से भी बड़ा दिखाना चाहते हैं। बिहार के लोग बाबा साहेब का ये अपमान कभी नहीं भूलेंगे।”
आंबेडकर का अपमान बनेगा बिहार चुनाव का मुद्दा
बिहार में इस वर्ष के आखिर में विधानसभा चुनाव होने प्रस्तावित हैं और ऐसे में सभी दल 19% दलित वोट बैंक को अपने पाले में करने में जुटे हुए हैं। बिहार में 38 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं जो 243 सीटों वाली विधानसभा में एक अच्छा खासा आंकड़ा बनाती हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिसंबर 2024 में संसद में आंबेडकर की विरासत पर बोलते हुए कहा था कि आजकल आंबेडकर का नाम लेना एक फ़ैशन बन गया है। शाह इसमें विपक्षियों द्वारा आंबेडकर के नाम के चुनावी इस्तेमाल को लेकर आपत्ति जता रहे थे लेकिन विपक्षी दलों ने उल्टे इसे आंबेडकर के अपमान से जोड़ दिया और पटना समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन किए।
दलित वोट बैंक पर अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने एक दलित को ही प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है। साथ ही, आरजेडी भी लगातार दलितों के मुद्दे उठाती रही है। कुछ दिनों पहले आंबेडकर की जयंती पर बिहार के लगभग सभी दलों ने बड़े-बड़े कार्यक्रम किए थे जिससे की वे दलितों को और लुभा सकें।
अब आरजेडी द्वारा बाबा साहेब का अपमान किए जाने के बाद पूरा बिहार में यह मुद्दा गरमाया हुआ है और बीजेपी व उसके अन्य सहयोगी दल लालू प्रसाद यादव से माफी की मांग कर रहे हैं। चुनावों के एलान से पहले पीएम मोदी ने जिस तीखेपन के साथ इस मुद्दे को लेकर आरजेडी पर प्रहार किया है उससे साफ है कि आने वाले वक्त में भी बीजेपी इस मुद्दे को छोड़ने नहीं जा रही है। बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आंबेडकर के अपमान के मुद्दे को अब बीजेपी विधानसभा स्तर तक लेकर जाएगी और लालू यादव द्वारा बाबा साहेब का अपमान किए जाने की जानकारी देगी। सूत्रों का कहना है कि दलितों के एक बड़े वर्ग में लालू के इस व्यवहार को लेकर नाराज़गी है और बीजेपी की पूरी कोशिश होगी कि वो लालू का दलित विरोधी चेहरा लोगों तक पहुंचाकर इस नाराज़गी को भुना सके।