बठिंडा ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कमल कौर भाभी उर्फ कंचन कुमारी की मर्डर मिस्ट्री के राज से पर्दा उठा दिया है। लुधियाना की रहने वाली सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हत्या के मामले में बठिंडा पुलिस ने दो निहंगों जसप्रीत सिंह और निमरतजीत सिंह को गिरफ्तार किया है। दोनों ही आरोपियों ने हत्या के कारण पुलिस को बताए हैं। हालांकि, अभी एक और आरोपी मुख्य साजिशकर्ता अमृतपाल सिंह मेहरोन फरार चल रहा है। इसकी तलाश की जा रही है।
यह घटना 9 जून 2025 की रात भुच्चो मंडी के पास हुई थी। जहां कंचन की गला घोंटकर हत्या की गई थी। इसके बाद उसके शव को पार्किंग में ही छोड़ दिया गया था। 11 जून को पुलिस को जब उसकी सूचना मिली तो लाश में सड़न होने लगी थी।
घटना का टाइमलाइन
बठिंडा एसएसपी अमनीत कोंडल ने बताया कि अमृतपाल सिंह ने एक सप्ताह पहले कमल कौर से संपर्क किया और एक बिजनेस मीटिंग का प्रस्ताव रखा था। कंचन कुमारी को 9 जून को कार प्रमोशन के बहाने बठिंडा बुलाया गया। 3:30 बजे कंचन अपनी कार से लुधियाना के लक्ष्मण नगर स्थित घर से निकलीं। कुछ घंटों बाद भुच्चो मंडी के एक सुनसान इलाके में उनकी कार में ही गला घोंटकर हत्या कर दी गई। इसके बाद आरोपियों ने उनके शव को कार में छोड़कर उसे एक निजी अस्पताल की पार्किंग में खड़ा कर दिया।
11 जून को पार्किंग से दुर्गंध की शिकायत मिलने पर पुलिस ने कार की जांच की और कंचन का शव बरामद किया। मृतका की मां गिरजा देवी ने शव की पहचान कंचन के रूप में की थी। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सीसीटीवी फुटेज और जांच के आधार पर जसप्रीत सिंह और निमरतजीत सिंह को 12 जून की रात गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपियों ने क्यों की हत्या?
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने दावा किया कि कंचन सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और अश्लील सामग्री पोस्ट कर रही थीं। उनका कहना था कि कंचन का कौर उपनाम और उनकी वीडियो सामग्री समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही थी। उन्होंने कंचन को पहले चेतावनी दी थी लेकिन वह नहीं मानी। इसके बाद नौजवान पीढ़ी को बचाने के लिए उन्हें ये कदम उठाना पड़ा। पुलिस ने बताया कि हत्या के समय आरोपी निहंग पोशाक में नहीं थे।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कमल कौर भाभी ने निहंगों की दाढ़ी पर हाथ डाला था। इसी कारण उससे निहंग आक्रोशित थे। इसके बाद कुछ लोगों निहंगों ने उसे मारने का प्लान बनाया और उसे बुलाकर उसकी हत्या कर दी।
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मुख्य साजिशकर्ता फरार
मुख्य आरोपी अमृतपाल सिंह मेहरोन ने सोशल मीडिया पर हत्या की जिम्मेदारी ली है। उसने कहा था कि कंचन को कई बार समझाया गया था लेकिन वह नहीं मानी। उसने अन्य लड़कियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जरूरी नहीं कि हर बार शव मिले। बता दें अमृतपाल 2022 में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुका है और उसके खिलाफ पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं। अभी वो पुलिस की पकड़ से फरार है।
कौन होते हैं निहंग?
निहंग सिख समुदाय का ही एक पंथ है। इनका मूल काम धर्म की रक्षा करना है। इन्हें ऐतिहासिक रूप से युद्ध कौशल, बहादुर और निडर स्वभाव के लिए जाना जाता है। 1699 में सिख पंथ के अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह द्वारा खालसा की स्थापना के साथ ही इनका उदय हुआ था। निहंग मूल रूप से फारसी शब्द है। इसका अर्थ मगरमच्छ या तलवार होता है। भारत में मुगलों ने सिख योद्धाओं को ये नाम दिया था। इसके बाद से ये इसी नाम से जाने जाने लगे। उनकी पहचान नीले रंग के कपड़े और बड़ी पगड़ी है। ये खुद को गुरु की फौज कहते हैं।
कुछ वर्षों में बदला स्वभाव
ये सत्य बात है कि निहंगों का सिख इतिहास में बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने 1857 में राम जन्मभूमि में बाबरी मस्जिद में घुसकर हवन कर दिया था। 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार में सेना की मदद की थी। हालांकि, कुछ वर्षों में ये देखने को मिला है कि वो उग्र हो गए हैं। वो अपनी बात मनवाने के लिए हिंसा का रास्ता अपनाने लगे हैं।
पहले भी कई मामलों में रहे हैं शामिल
इन्फ्लुएंसर कमल कौर भाभी उर्फ कंचन कुमारी की हत्या निहंगों द्वारा किया गया कोई पहला क्राइम नहीं है। इससे पहले भी वो कई मामलों में आरोपी या दोषी साबित हुए हैं। 2024 में लुधियाना में शिवसेना नेता संदीप थापर पर निहंग सिखों ने जानलेवा हमला किया था। साल 2021 में किसान आंदोलन के दौरान बेअदबी के आरोप में लखबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी। इससे पहले साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान पटियाला में एक निहंग समूह ने पुलिस अधिकारी पर हमला कर हाथ काट दिया था।