पाकिस्तान इन दिनों भयंकर अराजकता से जूझ रहा है। देश के भीतर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, सेना भारत से मुंह की खा चुकी है और आंतकियों के अड्डे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में उड़ा दिए गए हैं। राजनीतिक, समाजिक और आर्थिक हर तरह के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मुश्किलें अब जेल में बंद कैदियों ने भी बढ़ानी शुरू कर दी हैं। पाकिस्तान के कराची की मालिर ज़िला जेल, जिसे बाचा जेल के नाम से भी जाना जाता है, से सोमवार देर रात 200 से अधिक कैदी फरार हो गए। इनमें कई खतरनाक कैदी भी शामिल थे जो कई वर्षों से इस जेल में बंद थे। इसके बाद ये कैदी सड़कों कई शहरों में पहुंच गए हैं जिससे पाकिस्तान में डर का माहौल बना हुआ है।
216 कैदी भागे, 80 पकड़े गए
DIG जेल कराची ने पुष्टि की है कि हालिया उपद्रव के दौरान 216 कैदी जेल से भागने में सफल हो गए। अब तक 80 कैदियों को आसपास के इलाकों से गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 135 से अधिक अभी भी फरार हैं। अधिकारियों के अनुसार पुलिस, FC (Frontier Corps) और रेंजर्स की संयुक्त टीमों द्वारा चलाए गए व्यापक तलाशी अभियान के बाद जेल के अंदर स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया है। इस घटना में एक कैदी की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें 5 सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। फिलहाल इस घटना के कारणों की जांच की जा रही है। सिंध के गृह मंत्री ने बताया कि कैदी जेल की टूटी हुई दीवार से नहीं, बल्कि मुख्य द्वार से फरार हुए। उन्होंने त्वरित कार्रवाई और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी जवाबदेही सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।
भूकंप बना कैदियों के भागने की वजह
सोमवार को कराची में भूकंप के एक के बाद कई हल्के झटके महसूस किए गए थे। इस दौरान सुरक्षा के लिए कैदियों और गार्ड्स को बैरक से बाहर निकाला गया। जेल प्रक्रियाओं के कारण सर्किल नंबर 4 और 5 के 600 से अधिक कैदियों को उनके बैरकों के बाहर बैठा दिया गया था। लेकिन वहां जल्दी ही दंगे जैसी स्थिति बन गई। इस बीच कैदियों ने गार्ड्स पर हमला करना शुरू कर दिया और उनसे हथियार छीन लिए।
इस बीच जेल में भगदड़ मच गई और कैदियों ने जेल से भागना शुरू कर दिया। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स की माने तों कैदियों के भागने के दौर जेल के भीतर और बाहर भारी गोलाबारी भी कई गई थी। साथ ही, एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों की एक बड़ी टुकड़ी मिनटों में जेल पहुंच गई और आस-पास की बस्तियों, राजमार्गों और गांवों को सील कर दिया। पुलिस अधिकारी ने कहा, “मालिर में मस्जिदों से घोषणाएं की गईं, जिसमें भागे हुए कैदियों को फिर से गिरफ्तार करने में जनता के सहयोग की अपील की गई।”