टेस्ला के CEO एलन मस्क ने आज वह विवादित सोशल मीडिया पोस्ट डिलीट कर दी, जिसमें उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण से जुड़े एपस्टीन केस में शामिल होने का सनसनीखेज आरोप लगाया था। मस्क ने यह पोस्ट गुरुवार को की थी और दावा किया था कि ट्रंप का नाम ‘एपस्टीन फाइल्स’ में है और वह जल्द इस मामले में बड़ा खुलासा करेंगे।
एपस्टीन केस अमेरिका का एक हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामला है, जिसमें अरबपति जेफरी एपस्टीन पर नाबालिग लड़कियों की तस्करी और यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगे थे। इस केस में कई देशों के प्रभावशाली नेताओं, उद्योगपतियों और चर्चित हस्तियों के नाम सामने आने की चर्चा रही है।
मस्क की पोस्ट के बाद अमेरिकी राजनीतिक गलियारों और मीडिया में हलचल तेज हो गई थी। लेकिन आज अचानक उन्होंने वह पोस्ट हटा दी, जिससे नए सवाल खड़े हो गए हैं। क्या मस्क ने यह कदम किसी दबाव में उठाया? क्या ट्रंप खेमे की ओर से राजनीतिक या कारोबारी जवाबी कार्रवाई का संकेत दिया गया था? जानकारों का मानना है कि मस्क की यह वापसी एक रणनीतिक ‘बैकस्टेप’ हो सकती है, क्योंकि ट्रंप प्रशासन की ओर से उनकी कंपनियों को दी जा रही सरकारी सब्सिडी और अनुबंधों पर पुनर्विचार की बातें पहले ही सामने आ चुकी हैं।
दबाव या रणनीतिक ‘बैकस्टेप’?
मस्क द्वारा एपस्टीन फाइल्स से जुड़े पोस्ट को डिलीट करने के बाद यह बहस तेज हो गई है कि क्या यह कदम किसी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दबाव का नतीजा था, या फिर एक सोची-समझी रणनीतिक वापसी। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने मस्क के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा, “एलन मस्क इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि बिल में वो चीज़ें नहीं थीं जो वो चाहते थे। राष्ट्रपति ट्रंप इस समय अमेरिका को फिर से महान बनाने में जुटे हैं।”
इस प्रतिक्रिया के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा और तेज हो गई कि यह टकराव व्यक्तिगत से कहीं अधिक नीतिगत और कारोबारी हितों से जुड़ा हुआ है। मस्क के पास अमेरिकी सरकार के साथ कई महत्वपूर्ण कॉन्ट्रैक्ट्स हैं, जिनमें रक्षा, स्पेस टेक्नोलॉजी और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। ट्रंप की प्रशासनिक वापसी की संभावनाओं के बीच इन समझौतों पर सीधा असर पड़ सकता है, खासकर अगर मस्क खुले टकराव की राह चुनते।
जानकारों का मानना है कि मस्क का यह कदम ‘डैमेज कंट्रोल’ की एक तेज़ कोशिश हो सकती है। यह साफ है कि मस्क ने सोशल मीडिया के ज़रिए ट्रंप को जिस तरीके से निशाना बनाया, वह मामूली बात नहीं थी। लेकिन कुछ ही घंटों में पोस्ट हटाकर उन्होंने यह संकेत भी दे दिया कि वह इस जंग को अभी खुला मोर्चा नहीं बनाना चाहते। विश्लेषकों के अनुसार, मस्क फिलहाल ट्रंप से सीधा टकराव मोल लेने की स्थिति में नहीं हैं, खासकर तब जब ट्रंप दोबारा सत्ता में लौटने की दौड़ में हैं और मस्क की कई कारोबारी परियोजनाएं सरकारी अनुमोदनों और संसाधनों पर निर्भर हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह पोस्ट सिर्फ एक ट्वीट नहीं था, बल्कि अमेरिका की सत्ता और पूंजी के बीच चल रही अदृश्य रस्साकशी का एक प्रतीक भर था।