क्या अब बाइक और स्कूटर जैसे दोपहिया वाहनों को भी टोल टैक्स देना होगा? यह सवाल आज अचानक देशभर में चर्चा का विषय बन गया। सोशल मीडिया पर सुबह से ही एक ख़बर तेजी से फैलने लगी कि सरकार अब दोपहिया वाहनों से भी टोल टैक्स वसूलने की तैयारी में है। कुछ टीवी चैनलों और डिजिटल पोर्टलों पर यह दावा किया गया कि नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इस दिशा में योजना बना रही है और जल्द ही हाईवे पर चलने वाले स्कूटर और बाइक चालकों को भी टोल टैक्स चुकाना होगा।
सरकार ने दी सफाई
ऐसे माहौल में अफवाहों और कयासों की इस धुंध को हटाने के लिए अंततः सरकार को सामने आना पड़ा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर इस पूरे विवाद को सिरे से खारिज करते हुए लिखा कि कुछ मीडिया हाऊसेस द्वारा दो-पहिया वाहनों पर टोल टैक्स लगाए जाने की भ्रामक खबरें फैलाई जा रही है और ऐसा कोई निर्णय प्रस्तावित नहीं हैं। उन्होंने आगे लिखा, “दो-पहिया वाहन के टोल पर पूरी तरह से छूट जारी रहेगी। बिना सच्चाई जाने भ्रामक खबरें फैलाकर सनसनी निर्माण करना स्वस्थ पत्रकारिता के लक्षण नहीं है। मैं इसकी निंदा करता हूं।”
वाहनों के नियम और टोल टैक्स
भारत में टोल टैक्स में छूट की व्यवस्था नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा संचालित होती है। वाहनों को उनके आकार, लोड क्षमता, और उपयोग (वाणिज्यिक/व्यक्तिगत) के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। मौजूदा नियमों के अनुसार:
दोपहिया वाहन: दोपहिया वाहनों (मोटरसाइकिल, स्कूटर आदि) को टोल शुल्क से पूरी तरह छूट प्राप्त है। Cleartax.in के अनुसार, यह नीति सड़क उपयोग में सुगमता और निचले आय वर्ग के लिए राहत के उद्देश्य से लागू है।
रक्षा वाहन: सेना के ट्रक, कारें, और अन्य वाहन टोल से मुक्त हैं।
वीआईपी वाहन: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वाहन टोल से छूट पाते हैं।
सार्वजनिक परिवहन: राज्य बसें NHAI दिशानिर्देशों के तहत टोल से मुक्त हैं।
पैदल यात्री: पैदल चलने वालों के लिए कोई टोल शुल्क नहीं है।
टोल प्लाजा के बीच न्यूनतम दूरी 60 किलोमीटर होनी चाहिए (फी रूल्स 2008)। एक बार लागत वसूली के बाद, शुल्क 40% तक कम कर दिया जाता है ताकि सड़क का रखरखाव सुनिश्चित हो सके।
नई टोल व्यवस्था: GPS-आधारित तकनीक
1 मई 2025 से, भारत में टोल संग्रहण प्रणाली में बड़ा बदलाव आया है। NHAI ने FASTag को उन्नत GPS-आधारित टोल प्रणाली से प्रतिस्थापित किया है, जो राजमार्गों पर यात्रा को और कुशल बनाएगी। जिसके कुछ मुख्य बिंदु है:
GPS उपकरण: सभी वाहनों में कारखाने से लगे या रेट्रोफिटेड GPS डिवाइस होंगे, जो प्रवेश और निकास बिंदुओं को ट्रैक करेंगे।
स्वचालित शुल्क: सेंट्रल सिस्टम के साथ संचार के माध्यम से टोल स्वचालित रूप से वाहन के खाते से काटा जाएगा, जिससे टोल प्लाजा पर रुकावट कम होगी।
पहले 20 किलोमीटर मुफ्त: निजी वाहन मालिकों को कार्यशील GNSS के साथ दैनिक 20 किलोमीटर तक टोल-मुक्त यात्रा की सुविधा मिलेगी।
स्थानांतरण: मौजूदा FASTag उपयोगकर्ताओं के लिए नई प्रणाली में बदलाव आसान होगा, लेकिन सभी वाहनों को GPS इकाई से लैस करना अनिवार्य होगा।
नया पास व्यवस्था
नई GPS प्रणाली के साथ, पारंपरिक टोल पास की जगह डिजिटल पास आएंगे। वाहन मालिकों को अपने वाहन के पंजीकरण के आधार पर एक डिजिटल प्रोफाइल बनानी होगी, जो टोल शुल्क की गणना और भुगतान के लिए आधार बनेगी। यह व्यवस्था धोखाधड़ी और कतारों को कम करेगी, खासकर व्यस्त राजमार्गों पर। प्रारंभिक चरण में यह प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों, जैसे दिल्ली-मुंबई और चेन्नई-बेंगलुरु कॉरिडोर, पर लागू होगा।