TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

‘पाक पानी को तरसेगा…अब बहाल नहीं होगा सिंधु जल समझौता’: अमित शाह का बड़ा दावा, पढ़ें इस Treaty की पूरी कहानी

पाकिस्तान के तीन प्रमुख प्रांतों में नदी के पानी की आपूर्ति में 20% तक की भारी गिरावट देखी गई है

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
21 June 2025
in चर्चित
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का सिंधु जल समझौते पर बड़ा दावा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का सिंधु जल समझौते पर बड़ा दावा

Share on FacebookShare on X

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई थी और उसमें तय किया गया था कि सिंधु जल समझौता को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। भारत के इस फैसले पर पहले तो पाकिस्तान ने खूब आपत्ति जताई, भारत को आंखें दिखाई लेकिन जब उसे समझ आया कि भारत अब इस फैसले से पीछे हटने के मूड में नहीं है तो फिर पत्र भेज भेजकर भारत से प्रार्थना करने लगा। पाकिस्तान की आंतकी गतिविधियों से भारत लगातार परेशान है और प्रधानमंत्री मोदी कुछ समय पहले कह चुके हैं कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा लेकिन बीतते वक्त के साथ पाकिस्तान को भारत से नरमी की उम्मीद थी लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान की इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

क्या बोले शाह?

अमित शाह ने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के साथ बातचीत में कहा है कि सिंधु जल समझौता अब कभी भी लागू नहीं किया जाएगा। शाह ने ‘समझौते को रद्द नहीं किया गया बल्कि फिलहाल स्थगित रखा गया है, भविष्य में इसे फिर से लागू किया जाएगा?’ सवाल पर कहा, “नहीं, यह कभी लागू नहीं होगा। अंतरराष्ट्रीय संधियों को एकतरफा रद्द तो नहीं किया जा सकता, लेकिन हमें इसे स्थगन (abeyance) में रखने का अधिकार था और हमने वह कदम उठा लिया है। समझौते की प्रस्तावना में लिखा था कि यह दोनों देशों की शांति और विकास के लिए है, लेकिन एक बार जब उस उद्देश्य का उल्लंघन हो चुका है, तो अब इसे बचाने जैसा कुछ बाकी नहीं बचा।”

संबंधितपोस्ट

पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

और लोड करें

उन्होंने ‘पहले जैसा हालात अब वापस नहीं होंगे’ सवाल पर कहा, “हां, पहले की स्थिति वापस नहीं आएगी। हम वह पानी इस्तेमाल करेंगे जो वैध रूप से भारत का है। पानी राजस्थान तक जाएगा। हम एक नहर बनाकर वह पानी लाएंगे जो अब तक पाकिस्तान को जा रहा था, उसे राजस्थान में ले लेंगे। पाकिस्तान उस पानी को तरसेगा, जो वह अब तक बिना उचित वजह से उसके पास जा रहा था।”

पाकिस्तान के प्रांतों में नदी जल आपूर्ति में 20% गिरावट

पाकिस्तान के तीन प्रमुख प्रांतों में नदी के पानी की आपूर्ति में 20% तक की भारी गिरावट देखी गई है। इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, इस साल जून 20 को पंजाब में नदी जल प्रवाह 1,10,500 क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि पिछले साल इसी समय यह 1,30,800 क्यूसेक था यानी लगभग 20% की कमी। सिंध में यह आंकड़ा 1,70,000 क्यूसेक से घटकर 1,33,000 क्यूसेक रह गया, जो करीब 22% की गिरावट है। खैबर पख्तूनख्वा में यह कमी थोड़ी कम रही पानी का बहाव 2,900 क्यूसेक से घटकर 2,600 क्यूसेक हो गया।

नदियों के जल प्रवाह में यह गिरावट इंडस बेसिन क्षेत्र में पानी की समग्र उपलब्धता में लगातार कमी का हिस्सा है, जो पाकिस्तान की कृषि और ऊर्जा क्षेत्रों के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। यह पानी की कमी ऐसे समय हो रही है जब गर्मी के मौसम में मानसून अभी आया नहीं है, और धान, गन्ना और कपास जैसी खरीफ फसलें बोई जा रही हैं। IRSA पहले ही अनुमान लगा चुका था कि इस सीजन में 21% पानी की कमी हो सकती है, और अब के हालात दिखा रहे हैं कि यह आशंका सच होती जा रही है।

क्या है सिंधु जल समझौता?

सिंधु जल समझौता को समझने से पहले ज़रूरी है कि सिंधु बेसिन को समझा जाए। करीब 3200 किलोमीटर लंबी सिंधु नदी एशिया का सबसे लंबी नदियों में शामिल है। सिंधु नदी ट्रांस हिमालयन जोन के बोखर-चू ग्लेशियर से निकलती है। लद्दाख और जास्कर श्रेणियों के बीच में उत्तर-पश्चिम की ओर बहती हुई भारत में प्रवेश करती है। इसके बाद यह लद्दाख से होते हुए पीओके में चली जाती है। वहां से यह नदी गिलगित से होते हुए पाकिस्तान को कवर करते हुए अरब सागर में गिर जाती है। इसी बेसिन के इर्दगिर्द ही सिंधु घाटी सभ्यता ने जन्म लिया था।

सिंधु नदी का तंत्र-  चित्र: NCERT (Map Not To Scale)

भारत में जब ब्रिटिश राज था तो दक्षिण पंजाब में सिंधु नदी घाटी पर बड़ी नहर बनवाई गई और इसके चलते यह इलाका एशिया में एक प्रमुख कृषि क्षेत्र बन गया था। जब भारत का बंटवारा हुआ तो पंजाब को भी दो हिस्सों में बांटा गया और उसी समय सिंधु नदी घाटी और अन्य नदियों को भी बांट दिया गया। हालांकि, इस नदी का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में था लेकिन यह भारत से होकर जाती थी तो पाकिस्तान इससे मिलने वाले पानी के लिए पूरी तरह भारत पर निर्भर था। आज़ादी के बाद से ही इसे लेकर विवाद होना शुरू हो गया। दिसंबर 1947 में इसे लेकर पहला समझौता हुआ और बंटवारे से पहले की शर्तों के मुताबिक तय हुआ कि भारत 31 मार्च 1948 तक पाकिस्तान को पानी का एक निश्चित हिस्सा देता रहेगा। अप्रैल 1948 में जैसी ही यह समझौता खत्म हुआ तो भारत ने दो प्रमुख नदियों का पानी रोक दिया जिसके चलते पाकिस्तान को बहुत नुकसान झेलना पड़ा था।

इसके बाद विवाद को निपटाने के लिए मई 1948 में एक इंटर-डोमिनियन समझौता हुआ जिसके तहत भारत को सालाना भुगतान के बदले में बेसिन के पाकिस्तानी हिस्सों को पानी देना था। हालांकि, यह स्थाई समझौता नहीं था और विवाद निपटाने को लेकर अब भी प्रयास चल रहे थे। इसी बीच 1951 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बुलावे पर टेनेसी वैली अथॉरिटी और अमेरिकी परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व प्रमुख डेविड लिलिएनथल भारत आए थे। अमेरिका वापस लौटने पर उन्होंने इस विवाद को लेकर एक लेख लिखा।

लिलिएनथल ने सुझाव दिया कि भारत-पाकिस्तान को नदियों पर तंत्र का साथ में विकास और उसका प्रबंधन देखना चाहिए और उन्होंने एक समझौता भी सुझाया था। उन्होंने इसके लिए वर्ल्ड बैंक को धन और सलाह देने की बात भी कही। उस समय के वर्ल्ड बैंक प्रमुख ने इस लेख को पढ़ा और विश्व बैंक ने दोनों देशों के प्रमुखों से संपर्क कर 1954 में एक प्रस्तावित समझौते का मसौदा दिया था। करीब एक दशक तक बैठकों का दौरा चलता रहा और 19 सितंबर 1960 को कराची में सिंधु नदी प्रणाली के जल के उपयोग के संबंध में भारत और पाकिस्तान के बीच संधि हुई।

भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे। इस संधि में सिंधु, झेलम और चेनाब को पश्चिमी नदियां बताया गया जिनका पानी पाकिस्तान के लिए तय किया गया था। जबकि रावी, व्यास और सतलुज को पूर्वी नदियां बताते हुए इनका पानी भारत के लिए तय किया गया था। वहीं, पश्चिमी नदियों के पानी के इस्तेमाल का सीमित अधिकार भारत जैसे बिजली बनाना, कृषि के लिए सीमित पानी का अधिकार भारत को दिया गया था। इसके मुताबिक जल का करीब 80% पाकिस्तान के पास चला गया था जबकि 20% भारत के पास बचा है।

इस संधि में सिंधु आयोग भी स्थापित किया गया और इस आयोग के तहत दोनों देशों के कमिश्नरों के मिलने को वर्ष में कम-से-कम एक बार बैठक करनी थी। विवाद के समाधान के त्रिस्तरीय तंत्र बनाया गया जिसमें स्थाई सिंधु आयोग (PIC), तटस्थ विशेषज्ञ और मध्यस्थता न्यायालय शामिल थे। तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति विश्व बैंक या भारत सरकार और पाकिस्तान सरकार द्वारा मिलकर की जाती है। मध्यस्थता न्यायालय में 7 सदस्यीय मध्यस्थता न्यायालय शामिल है। इस संधि में कहा गया था कि जब कोई एक देश किसी परियोजना पर काम करता है और दूसरे को कोई आपत्ति होती है तो पहले देश को इसका जवाब देना होगा।

पाकिस्तान पर सिंधु जल समझौते का असर?

यह समझौता पाकिस्तान के लिए जीवनरेखा माना जाता है क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था, कृषि और जलापूर्ति इन नदियों पर ही निर्भर है। पाकिस्तान जल की कमी के सूचकांक में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है जो पाकिस्तान के जल संकट को दर्शाता है। इस संधि के निलंबित होने से पाकिस्तान बूंद-बूंद को तरस जाएगा जिसका डर उसे सताने लगा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप-प्रधानमंत्री इसहाक डार ने कहा कि भारत इस तरह से एकतरफा फैसला नहीं कर सकता है। डार ने कहा कि सिंधु जल समझौता बाध्यकारी है और ऐसे तो मनमानी शुरू हो जाएगी। डार का कहना है कि पाकिस्तान का कानून मंत्रालय इसका जवाब देगा।

जल संकट

पाकिस्तान में इस समझौता के निलंबित होने से गंभीर जल संकट पैदा हो सकता है। विभिन्न अनुमानों के मुताबिक, पाकिस्तान के 21 करोड़ से अधिक लोग पीने के पानी के लिए इस पर निर्भर रहते हैं। भारत पश्चिमी नदियों के जल प्रवाह को रोकता है तो कराची, लाहौर और मुल्तान जैसे प्रमुख शहरों में गंभीर जल संकट पैदा हो सकता है। शहरी क्षेत्रों में जल संकट के और भी गंभीर होने की संभावना है।

सिंचाई और खाद्य संकट

पाकिस्तान की लगभग 16 मिलियन हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि (करीब 80%) सिंधु नदी प्रणाली के पानी से सिंचित होती है। यदि जल प्रवाह कम होता है तो गेहूं और चावल जैसी प्रमुख फसलों की पैदावार में भारी कमी आने का अनुमान है। पहले ही पाकिस्तान में चेनाब नदी में जलस्तर में रिकॉर्ड कमी की चेतावनी दी गई थी और यह स्थिति खराब ही हुई है। इसके अलावा सिंचाई में कमी के कारण लवणता (salinity) की समस्या से कृषि भूमि बंजर होनी शुरू हो जाएगी पहले से ही पाकिस्तान की कृषि भूमि का 43% हिस्सा इससे जूझ रहा है। कृषि उत्पादन में कमी से खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ेंगी, और आयात पर निर्भरता बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ेगा।

आर्थिक संकट

पाकिस्तान की GDP का करीब 25% हिस्सा कृषि पर निर्भर करता है। जल संकट से कृषि उत्पादन में कमी से आर्थिक विकास दर नकारात्मक रूप से प्रभावित होगी। कपास, चावल, और गेहूं जैसे कृषि उत्पाद पाकिस्तान के निर्यात का बड़ा हिस्सा हैं। उत्पादन में कमी से निर्यात आय घटेगी और इसके चलते भुगतान संतुलन (balance of payments) पर दबाव बढ़ेगा। कपड़ा उद्योग (कपास पर निर्भर), खाद्य प्रसंस्करण और चीनी मिलें जैसे कृषि-आधारित उद्योग भी प्रभावित होंगे, जिससे रोजगार और औद्योगिक उत्पादन में कमी आएगी।

ऊर्जा संकट

पाकिस्तान की बिजली उत्पादन क्षमता का एक बड़ा हिस्सा जलविद्युत परियोजनाओं (जैसे तरबेला और मंगला बांध) से आता है जो सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर हैं। ये बांध देश की लगभग 30% बिजली आपूर्ति करते हैं। जल प्रवाह में कमी से बिजली उत्पादन प्रभावित होगा जिससे पहले से मौजूद ऊर्जा संकट गहराने की संभावना है। बिजली की कमी से उद्योग ठप हो सकते हैं और शहरी क्षेत्रों में ब्लैकआउट की स्थिति बन सकती है। इसके चलते आर्थिक गतिविधियां भी प्रभावित होंगी।

Tags: Amit ShahIndus Water TreatyNarendra ModiPakistanअमित शाहनरेंद्र मोदीपाकिस्तानसिंधु जल समझौता
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

योग से जोड़ो, आयुर्वेद से संवारो: विश्व-व्यवस्था का भारतीय दर्शन

अगली पोस्ट

राजा रघुवंशी के लिए कफन लाया था सोनम का प्रेमी राज कुशवाहा, पिता बोले- जब वो मरेगा तो कफन लौटाऊंगा

संबंधित पोस्ट

आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी
इतिहास

आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

21 October 2025

1942 का वर्ष भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में केवल एक तारीख़ नहीं था, यह उस समय की गवाही थी, जब देश के भीतर...

भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा
चर्चित

आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

21 October 2025

भारत ने वह कर दिखाया है जो कभी केवल विकसित देशों की प्रयोगशालाओं की सीमाओं में संभव माना जाता था। देश ने अपना पहला स्वदेशी...

बिहार चुनाव में BJP के स्टार प्रचारक तय —मैदान में उतरेगी मनोज तिवारी, पवन सिंह और निरहुआ की भोजपुरी तिकड़ी, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी, भजन लाल शर्मा और पुष्कर सिंह धामी को क्यों नहीं मिली जगह?
चर्चित

बिहार चुनाव में BJP के स्टार प्रचारक तय —मैदान में उतरेगी मनोज तिवारी, पवन सिंह और निरहुआ की भोजपुरी तिकड़ी, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी, भजन लाल शर्मा और पुष्कर सिंह धामी को क्यों नहीं मिली जगह?

16 October 2025

भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited