महाराष्ट्र चुनाव को ‘फिक्स मैच’ बताने वाले राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के नोटिस का नहीं दिया जवाब!

राहुल गांधी ने अपने लेख में 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे।

चुनाव आयोग ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को महाराष्ट्र में चुनाव प्रक्रिया को लेकर उनके ‘फिक्स मैच’ के आरोपों पर बातचीत के लिए नोटिस भेजा है। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने अब तक इस नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है। यह नोटिस उनके उस लेख को लेकर भेजा गया है जो हाल ही में एक राष्ट्रीय अखबार में प्रकाशित हुआ था।

राहुल ने लगाए थे गंभीर आरोप

राहुल गांधी ने अपने लेख में 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ की गई, फर्जी वोटिंग हुई, टर्नआउट के आंकड़े बढ़ाए गए और सबूतों को दबाया गया। उन्होंने चुनाव को ‘फिक्स मैच’ बताया और कहा कि यह पूरा खेल सत्तारूढ़ पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए रचा गया था।

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

चुनाव आयोग ने इससे पहले भी महाराष्ट्र चुनाव में धांधली को लेकर उनके आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें ‘बेतुका’ और ‘गैर-जिम्मेदाराना’ बताया था। आयोग ने इस नोटिस में कहा है, “सभी चुनाव भारत के चुनाव आयोग द्वारा संसद द्वारा पारित चुनावी कानूनों, उसमें बनाए गए नियमों और समय-समय पर भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सख्ती से आयोजित किए जाते हैं। हम मानते हैं कि चुनावों के संचालन के संबंध में कोई भी मुद्दा पहले ही कांग्रेस उम्मीदवारों द्वारा सक्षम न्यायालय में दायर चुनाव याचिकाओं के माध्यम से उठाया जा चुका होगा।”

आयोग ने आगे कहा, “यदि आपके पास अभी भी कोई समस्या है, तो आप हमें लिख सकते हैं और आयोग सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि और समय पर आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए भी तैयार हैं।”

राजनीतिक घमासान तेज

बीजेपी ने राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। पार्टी ने उन पर भारत की चुनाव प्रणाली की साख को खराब करने का आरोप लगाया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य बीजेपी नेताओं ने राहुल पर ‘वोटरों का अपमान’ करने और बिना किसी ठोस सबूत के ‘राजनीतिक ड्रामा’ करने का आरोप लगाया था

अब आगे क्या?

चुनाव आयोग अब राहुल गांधी के औपचारिक जवाब का इंतजार कर रहा है। यह देखना अहम होगा कि क्या राहुल अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत पेश करते हैं। यह पूरा मामला उस समय सामने आया है जब देश के कई अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में चुनावी पारदर्शिता पर बहस और गहरी हो सकती है।

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